अभी महाराष्ट्र की कलह खत्म नही हुई थी कि राजस्थान में सचिन पायलेट के बयान से खबली मचा दी । अशोक गहलोत के दिए पूर्व बयानों को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट का दर्द छलका है।
सचिन पायलट ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे एक समय ‘नकारा’, ‘निकम्मा’ जैसी कई बातें कही थीं। मैं उनके बयानों को अन्यथा नहीं लेता क्योंकि वह अनुभवी, वरिष्ठ और पिता तुल्य हैं। बात को बदलते हुए उन्होंने कहा की फिलहाल उनका सारा ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि कैसे हम लोग कांग्रेस सरकार को फिर से सत्ता में लेकर आएं।
पायलट ने मौजूदा सियासी खींचतान पर दिया बयान, कहा शिवसेना खुद सुलझा देगी सब।
पायलट ने आगे कहा कि महा विकास अगाड़ी का गठबंधन कायम है। हमारा गठबंधन अच्छा काम कर रहा है। मुझे उम्मीद है कि ये गठबन्धन पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगा और जो लोग इसे तोड़ने की नामकाम कोशिश में लगे हुए है उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होने वाले। बात अगर बगावत की करे तो ये शिवसेना का आंतरिक मामला है। शिवसेना इसे अपने आप सुलझा लेगी हम लोगो को इसे लेकर परेशान नही होना चाहिए।
दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीकर जिले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि साल, 2020 में सरकार गिराने में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पायलट मिले हुए थे। अशोक गहलोत ने कहा था कि सबको मालूम है आपने (शेखावत) ने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया है। अब आप पायलट का नाम ले रहे है और कह रहे हैं कि उन्होंने चूक कर दी। इससे तो साबित हो गया कि सरकार गिराने की साजिश रची गई थी।
धारीवाल बोले राजस्थान में भी हुए थे नामकम प्रयास।
गहलोत सरकार में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने सीएम अशोक गहलोत की बात को सही बताते हुए बोला की विपक्ष ने राजस्थान में भी ये ही प्रयास किया था जो आज महाराष्ट्र में हो रहा है। धारीवाल ने ये बात कोटा में मीडियाकर्मियों से कहा कि सीएम ने जो कुछ भी कहा वह सही है कहा है “शेखावत ने अपने प्रयास जरूर किए थे पर वह इसमें कामियाब नही हो पाए।”
क्या सचिन पायलट के भाजपा में शामिल होने दे रहे संकेत?
बीते दिनो राजस्थान में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में युवा नेताओं को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ था। लेकिन, अशोक गहलोत अपनी सरकार को खतरे में लाने वाले युवा नेता सचिन पायलट को इतनी जल्दी नज़र अंदाज नही कर सकते। सीएम अशोक गहलोत को अभी भी सचिन से खतरा बने रहने की शंका नज़र आ रहीं हैं और उस पर पायलेट के बयान से सीएम के मन की शंका को गहरा दिया है। सीएम अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत को निशाने पर लेते हुए अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। और साथ ही आलाकमान को भी संकेत दे दिया।
राजस्थान की सियासत में क्यों फिर चर्चा में आए सचिन पायलट।
इस सारे विवाद की शुरुआत गजेंद्र सिंह शेखावत की जयपुर के चोमू में हुई एक सभा से फिर से शुरु कर दी, गौरतलब है की आगामी साल में राजस्थान में वि.सा.के चुनाव होने है। इस बीच गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में सचिन पायलट से चूक हो गई।अगर मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी फैसला हो जाता। तो, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का काम अब तक शुरू हो जाता। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गजेंद्र सिंह शेखावत का इशारा 2020 में सचिन पायलट के नेतृत्व में हुई बगावत की ओर ही था। हालांकि, सचिन पायलट ने शेखावत के इस बयान पर पलटवार किया था। पायलट ने कहा था कि ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में भाजपा अपनी विफलता का ठीकरा जनता पर फोड़ रही है। ERCP को लेकर राज्य सरकार और सभी कांग्रेसी एकजुट हैं।’ लेकिन, ऐसा लग रहा है कि सचिन पायलट का गजेंद्र सिंह शेखावत को दिया ये जवाब अशोक गहलोत को नहीं भाया । इसी वजह से गहलोत ने सचिन पायलट पर परोक्ष रूप से चेता दिया है। ताकि,कांग्रेस आलाकमान को ध्यान रहे कि पायलट ने ही सरकार को खतरे में लाने के पीछे बड़ी भूमिका निभाई थी।
फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस के पास बहुमत है पर अगर पायलट बगावत करते है तो इसे महाराष्ट्र बनने में देर नहीं लगेगी। 200 सीटो वाली वि.सा. में कांग्रेस के पास 108 विधायक है वही उसे अन्य दलों का भी समर्थन प्राप्त है जिससे विधायको की संख्या 122 हो जाती है।