एक ऐसी घटना जिसमें 26 फीट नीचे सुरंग बनाकर 900 करोड रुपए लूटे गए! बैंक लूट की कई वारदातें हुई, लेकिन ये सबसे अजीब मामला था। यहां लुटेरों ने लूट के लिए चुना सीवर लाइन को। गंदी सीवर लाइन जहां आमतौर पर सफाई के लिए भी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। उसी सीवर लाइन के जरिए पार कर लिए गए एक बैंक से 900 करोड़ रुपये की करंसी और सोना। फ्रांस में साल 1976 में इस लूट को अंजाम दिया गया। लूट के बाद लुटेरे बैंक के अंदर एक नोट भी लिख कर गए- बिना हथियार के, बिना नफरत के और बिना किसी हिंसा के! 21 जुलाई 1976 के दिन फ्रांस के नीस शहर में सनसनी फैल गई, जब खबर सामने आई की नीस के सबसे बड़े बैंक सोसायटी जनरल बैंक का सारा पैसा लूटा जा चुका है। उस दिन भी हर रोज की तरह बैंक में लोगों की भीड़ लगी हुई थी। बैंक कर्मचारी भी बैंक के गेट पर खड़े थे। वजह थी बैंक का दरवाजा न खुल पाना। सोसायटी जनरल बैंक का स्ट्रक्चर काफी पुराना है। उसका एक विशाल लोहे का गेट था। इस बैंक को काफी मजबूत और सुरक्षित माना जाता है और इसलिए शहर के ज्यादातर लोग इस बैंक पर काफी विश्वास करते थे।
जब उस दिन बैंक का गेट नहीं खुला तो उस कंपनी में फोन किया गया जो बैंक की इमारत के मेंटेनेंस का काम देखती थी। लोग काफी परेशान थे क्योंकि उनकी बैंकिग नहीं हो पा रही थी। ये वो जमाना था जब इंटरनेट बैंकिंग जैसी कोई सुविधा नहीं होती थी। इसी बीच मेंटेनेंस कंपनी के लोग वहां पहुंचे। दरवाजे को खोलने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे भी वो भारी भरकम दरवाजा नहीं खुला। ऐसा लगा जैसे वो पूरी तरह से जाम हो चुका है। लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। अब एक ही रास्ता था दरवाजे में ड्रिल करके ये चेक करना कि आखिर ये क्यों जाम है। बड़ी मुश्किल से दरवाजे में एक बड़ा छेद किया गया। उस छेद के जरिए बैंक के एक दो अधिकारी अंदर पहुंचे, तो अंदर का हाल देखकर दंग रह गए।
बैंक के अंदर से सारा पैसा चुराया जा चुका था। पुलिस को खबर दी गई। आग की तरह ये खबर पूरे देश में फैल गई। हर कोई परेशान था। बैंक से 900 करोड़ रुपये चुराए जा चुके थे। वो भी उस बैंक से जिसे सबसे सुरक्षित और मजबूत माना जाता था। पुलिस ने जांच शुरू की। सबसे पहले उस गेट को चेक किया गया जिसे तोड़ना नामुमकिन था। अब सवाल ये था कि लुटेरे बैंक में घुसे कैसे। बैंक का गेट तो तोड़ा नहीं गया था।
छानबीन की तो बैंक के अंदर एक गड्ढा नजर आया। इस गड्ढे के अंदर पुलिस की टीम घुसी तो पता चला कि बैंक से एक सुरंग बनाई गई है। 26 फीट लंबी एक सुरंग जो सीधा सीवर लाइन में जाकर मिलती थी। बैंक लुटेरे पहले मैनहोल के जरिए सीवर लाइन के अंदर घुसे और फिर सीवर लाइन से एक ऐसी सुरंग तैयार की गई जो बैंक तक जाती थी। ये साफ था कि बैंक का पैसा एक पूरी प्लानिंग के तहत चोरी किया गया है।
अब बैंक लुटेरों की तलाश होने लगी, लेकिन कोई क्लू नहीं था। न किसी ने उन्हें देखा था और ना ही उनके बारे में कोई जानकारी थी। करीब तीन महीने बाद एक लड़की उस पुलिस स्टेशन में आई जहां इस चोरी का केस दर्ज था। उस लड़की ने बताया कि उसे बैंक रॉबरी के बारे में पता है। तुरंत उसका बयान लिया गया। लड़की के मुताबिक बैंक चोरी में उसका बॉयफ्रेंड भी शामिल था। उसने कहा कि जैसे ही उसे अपने बॉयफ्रेंड के बारे में ये बात पता चली वो पुलिस के पास आई है। लड़की के बयान के आधार पर उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर लिया गया। उस लड़के ने अपने गैंग के दूसरे मेंबर्स के बारे में भी जानकारी दी।
अब उसका मकसद था कि बिना गेट तोड़े और दीवारे तोड़े कैसे वो अंदर प्रवेश करे। इसके लिए अल्बर्ट ने सबसे पहले बैंक के आसपास की सीवर लाइन का पता किया। इसके बाद इसने एक गैंग से डील की जो उस सीवर लाइन से लेकर बैंक तक एक सुरंग खोद सके। इस काम में 2 महीने का वक्त लगा। हाथ से ही इस सुरंग की खुदाई हुई। पूरी-पूरी रात ये लोग इस सुरंग को खोदते थे। सड़के नीचे-नीचे ही ये सुरंग तैयार हो रही थी। सीवर लाइन में जाने के लिए वेंटिलेशन मशीन खरीदी गई थी ताकि दम न घुटे। जब सुरंग तैयार हो गई तो 19 जुलाई के दिन अल्बर्ट के गैंग के कुछ लोग रात में बैंक अंदर घुसे। इनके पास वैल्डिंग मशीन थी। बैंक के अंदर घुसते ही इन्होंने सबसे पहले लोहे के उस मेन गेट को अंदर से वैल्ड कर दिया ताकी वो गेट आसानी से न खुले। इसके बाद ये पूरी रात अंदर आराम से चोरी करते रहे। इन्होंने बैंक हॉलीडे वाला दिन चुना था। इसलिए इन्हें किसी बात की जल्दी नहीं थी। ये अपने साथ खाने-पीने का सामान भी लेकर आए हुए थे।
खैर एक लुटेरे की गर्लफ्रेंड की वजह से इस गैंग का पर्दाफाश हो गया था। अल्बर्ट पुलिस की गिरफ्त में था। उसके खिलाफ केस शुरू हो चुका था, लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये इतना शातिर था कि पेशी की दौरान ये फरार हो गया और फिर कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया। हालांकि कुछ साल बाद 1989 में इसकी डेड बॉडी इसके घर के बाहर मिली।