एक ऐसी घटना जिसमें चालीस दिन की बच्ची को एक पड़ोसी ने मौत दे दी! प्यारी सी छोटी सी 40 दिन बच्ची, कभी मुस्कुराती, कभी रो देती! उसकी तरफ कोई भी हाथ बढ़ता तो छोटी सी मुस्कान बिखेर देती, लेकिन उस दिन उसकी तरफ कलयुगी कंस के हाथ बढ़ चुके थे जो उसे प्यार से उठाने वाले नहीं थे बल्कि पटकने वाले थे। वो बच्ची क्या जानती थी, उसकी तरफ हाथ बढ़ रहे थे और वो अपनी ही धुन ऊपर की तरफ देखी जा रही थी। ये दो नहीं चार हाथ थे, दो ऐसे चेहरे जिन्हें अगर राक्षस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इन्होंने बच्ची को उठाया और फिर एक झटके में तेजी से जमीन पर पटक दिया। किस्से कहनियों में आपने कंस का जिक्र तो जरूर सुना होगा जो अपनी ही बहन को बच्चों को कारागार के अंदर पटक-पटककर मौत देता था। बस उसी अंदाज में बिहार में भी 40 दिन की एक बच्ची की हत्या कर दी गई। अब जान लीजिए इन कलयुगी कंस के बारे में जिन्हें 40 दिन बच्ची में अपना दुश्मन दिखता था। ये खौफनाक वारदात दरभंगा की है और हत्या करने वाले पड़ोसी ही थे, जो बच्ची के घर में आए और उसे उठाकर पटक दिया। देखते ही देखते बच्ची की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गईं।
इस मासूम बच्ची का जन्म तो सिर्फ 40 दिन पहले हुआ था, लेकिन बच्ची के माता -पिता और उनके पड़ोसियों के बीच एक जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है और इसी विवाद की वजह से पड़ोस में रहने वाले पति-पत्नी नफरत में इतने अंधे हो गए कि इन्हें छोटी बच्ची से बदला लेना सबसे आसान लगा। उस दिन ये दोनों पति-पत्नी अनुज और रिटा इस बच्ची के घर आए। पिता रवि शंकर बाथरूम में थे, मां वहीं पास में ही खड़ी थी। इन दोनों पति-पत्नी गुस्से में तिलमिला रहे थे। सामने बच्ची लेटी हुई थी तो इन्हें लगा कि बच्ची मारना सबसे आसान है और उसकी मां के सामने ही उसकी हत्या कर दी।
बच्ची की हत्या करने के बाद ये बाहर चले गए। इन पति-पत्नी के साथ एक और लड़का आया हुआ था जो बाहर बाइक पर इनका इंतजार कर रहा था। बच्ची की हत्या के बाद ये उस लड़के साथ बाइक में बैठकर फरार हो गए। माता-पिता बच्ची को अस्पताल ले गए, लेकिन वो मर चुकी थी। जिसने अभी पूरी तरह से अपनी आंखें भी नहीं खोली तो समाज की इतनी बड़ी नफरत का शिकार बन गई। यही नहीं उत्तर प्रदेश की अमेठी का ये मामला दिल दहला देने वाला है। शाम का वक्त था पिता घर के पास ही मौजूद एक बैंक में गए हुए थे। तभी लड़की कजिन दौड़े-दौड़े बैंक में पहुंचा और उसने बताया कि दीदी के ऊपर आग लग गई है। पिता दौड़े-दौड़े अपने घर पहुंचे तब तक उनकी 14 साल की बेटी पूरी तरह से आग के हवाले हो चुकी थी। उसी दौरान उन्हें छत के रास्ते 7-8 लड़कों को भागते देखा। एक पिता अपनी बेटी को तो न बचा पाया, लेकिन उसके कातिलों को जरूर पहचान गया।
इस पिता के मुताबिक इनमें से दो लड़के लोहांगी के रहने वाले फैजान और गुफरान थे, इसके अलावा 2 कस्बा के रहने वाले प्रिंस पाल और जावेद खान थे। इनके साथ तीन चार लड़के और भी थे जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है। लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच चल रही है, लेकिन सवाल यही है कि क्यों इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। क्यों इस तरह के अपराधियों के अंदर डर नहीं है। कैसे इनकी इतनी हिम्मत हो जाती है कि किसी लड़की उसके घर में जाकर जला के मार देते हैं।
कुछ इसी तरह की खौफनाक घटना यूपी के अंबेडकरनगर में भी कुछ महीने पहले सामने आई थी जब एक नाबालिग बच्ची को कुछ लड़कों की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस नाबालिग लड़की को मोहल्ले के कुछ लड़के काफी समय से परेशान कर रहे थे। इसके परिवार ने मामले की शिकायत भी की थी, लेकिन पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और इसका फायदा उठाया इन लड़कों ने। लड़की साइकिल अपने स्कूल जा रही थी, तो ये लड़के उसके साथ बदतमीजी करने लगे, लड़की का दुपट्टा खींचने लगे। दुपट्टा खींचने की वजह से लड़की साइकिल से गिर गई और फिर पीछे से आ रही एक कार ने उसे टक्कर मार दी जिसमें लड़की की मौत हो गई।
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में खौफ पैदा कर दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, लेकिन वो बच्ची तो अपनी जिंदगी खो चुकी थी। अमेठी का ये मामला भी मिलता-जुलता ही नजर आ रहा है। हालांकि अब तक इस मामले में पूरी तरह से तस्वीर साफ नहीं है कि लड़की को क्यों जलाया गया, फैजान, गुफरान, जावेद खान और प्रिंस की लड़की से क्या दुश्मनी थी, ये सारी बातें जांच का विषय हैं, लेकिन नाबालिग बच्ची इस तरह से हत्या सवाल तो खड़े करेगी ही। सवाल ये कि क्यों अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो रहे हैं कि किसी के घर में जाकर आग लगा दें। क्यों एक के बाद एक लड़कियां अपराध की बलि चढ़ रही हैं और प्रशासन ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है। इस तरह की घटनाओं के बाद बेटियों के माता-पिता का डर बढ़ना लाजमी है।