एक ऐसी घटना जिसमें एक नर्स ने 7 मासूमों की जान ले ली! उसका खूबसूरत चेहरा इतने पाप छुपाए हुए था ये कोई सोच भी नहीं सकता था। छोटे-छोटे नवजात बच्चों की सांसे वो छीन लेती थी, वो नन्हे मासूम बच्चों को दे देती थी खौफनाक मौत। कुछ बच्चों को दूध पिला पिलाकर उसने मारा, कुछ बच्चों की नसों में हवा भर दी, कुछ बच्चों को जहर दे दिया। बच्चों की देखरेख करने वाली नर्स कब और कैसे बन गई शैतान? क्यों इसे मासूम बच्चों की तड़प, उनका दर्द देखकर मजा आता था। क्यों ये किसी भी बच्चे को जिंदा नहीं रखना चाहती थी। ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसने खुद से नर्सिंग का पेशा चुना। नर्सिंग मतलब सेवा भाव, लेकिन ब्रिटेन की रहने वाली 33 साल की लुसी लेटबी नाम की लड़की ने इस पेशे को ही बदनाम कर दिया। ये कहानी साल 2015 से शुरू होती है। ब्रिटेन में एक अस्पताल में 3 बच्चों की मौत का मामला सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया। बच्चों की संदिग्श परिस्थितयों में मौत हो गई थी, लेकिन 2 साल तक इस मामले में कोई जांच नहीं हुई। इस बीच 4 और बच्चों की मौत हो गई।
साल 2017 में केस पर जांच शुरू हुई और अस्पताल प्रशासन का शक नर्स लुसी लेटबी पर गया। वही बच्चों की देखरेख करती थी। लुसी लेटबी के घर की तलाशी ली गई तो वहां से कई भयानक सबूत मिले। बच्चों की हत्या के सबूत। इस नर्स ने अपनी डायरी में लिखा था – मैं शैतान हूं। जांच आगे बढ़ती गई और लुसी से पूछताछ हुई तो उसने अपने जुर्म कबूल किए। वाकई इस नर्स एक शैतान का काम किया था।
लुसी ने बताया कि वो बच्चों की अच्छे से देखभाल नहीं कर पाती थी और इसलिए उसने मासूम को मौत देने की ठानी। ये नवजात बच्चों को इतनी अधिक मात्रा में दूध पिला देती थी कि उनकी जान चली जाती थी। इसको इंजेक्शन का पता था था, ये नन्हे बच्चों की नसों में खाली इंजेक्शन से हवा भर देती ताकि वो मर जाए। कुछ बच्चों को जहर देकर इस लड़की ने मौत दी। इसने सिर्फ 7 बच्चों के कत्ल नहीं किए बल्कि 6 और बच्चों को जान से मारने की कोशिश की, लेकिन वो बच गए।
लुसी लेटबी के खिलाफ 7 हत्या और 6 हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हुए। सालों तक खतरनाक महिला पर केस चलता रहा। पुलिस सबूत जुटाती रही। अस्पताल के कई डॉक्टर्स से पूछताछ हुई। कई डॉक्टर्स की गवाही भी हुई। इन डॉक्टर्स में से एक भारतीय मूल के डॉक्टर रवि जयराम भी हैं जिनकी वजह से ये शैतान महिला दोषी करार हो पाई। मैनचेस्टर कोर्ट ने इस महिला को दोषी माना है और जल्द ही इसपर सजा का एलान होगा। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर पुलिस ने उस वक्त जांच में थोड़ी देर न की होती तो शायद कई बच्चों की जान बच जाती। यहि नहीं आपको बता दें कि डॉक्टर डेथ, लोगों ने और मीडिया ने उस सनकी डॉक्टर का यही नाम दिया था। आमतौर पर डॉक्टरों का काम लोगों की सेवा करना, उनका इलाज करना और उन्हें मौत के मुंह से बचाना होता है, लेकिन यह डॉक्टर तो खुद लोगों के लिए मौत बन गया था। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ये डॉक्टर औरतों को जिंदा ही दफना देता था और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं होती थी।
दरअसल, इस सनकी डॉक्टर का नाम संतोष पोल है, जो छह कत्ल का आरोपी है। इस डॉक्टर ने पांच महिलाएं और एक पुरुष का कत्ल किया है। ये डॉक्टर महाराष्ट्र के सतारा जिले में डोम नामक जगह पर रहता था और वही पास में ही एक अस्पताल में काम करता था। साल 2016 में उसे मुंबई के दादर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे, जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई थी। पूछताछ में डॉक्टर संतोष पोल ने पुलिस को ही घुमा दिया और कहा कि मंगला जेधे के गायब होने में उसका कोई हाथ नहीं है। चूंकि पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं थे, इसलिए उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस ने मंगला जेधे के मोबाइल लोकेशन की जांच की तो पता चला कि उसका मोबाइल ज्योति मांद्रे नामक एक नर्स के पास है। ज्योति डॉक्टर संतोष पोल के साथ ही काम करती थी। इसके बाद पुलिस ज्योति को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई। पूछताछ में ज्योति ने बताया कि डॉक्टर संतोष पोल ने मंगला जेधे का खून कर दिया है और उसे अपने फार्महाउस में ही दफना दिया है।