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जब इंटरनेट पर दिया गया खुद को मारने का विज्ञापन!
Saturday, April 19, 2025
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जब इंटरनेट पर दिया गया खुद को मारने का विज्ञापन!

एक ऐसा केस जिसमें इंटरनेट पर खुद को मारने का विज्ञापन दिया गया! अपराधियों के शिकार होकर जान गंवाने वालों के दुखद वाकये तो हर दिन आते हैं। दुनिया में सैकड़ों लोगों की जानें जाती हैं, आपराधिक वारदातों में। लेकिन क्या आपने कभी सुना कि कोई अपनी हत्या करवाने के लिए इश्तेहार दिया हो?;हत्या की शर्तें भी ऐसीं कि जानकर रोएं सिहर जाएं। प्रताड़ना की पराकाष्ठा के बाद हत्या! कभी सुना कि कोई व्यक्ति इंटरनेट पर विज्ञापन देकर कह रहा हो कि कोई अपनी हत्या करवाना चाहता हो तो मुझसे संपर्क करे? आपको इन बातों पर यकीन नहीं हो रहा होगा। या आप सोच रहे होंगे कि ये सब फर्जीवाड़े की कहानियां हैं जिनमें लोग अपनी फर्जी हत्या की कहानियां बनाते हैं ताकि वो कानून की नजर में मर गए मान लिए जाएं और उनका हित सध जाए। अगर आप यह सोच रहे हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं। हम जो दो कहानियां बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आपके पांव तले जमीन खिसक जाएगी। ऊपर तो आपने तस्वीरें देख ही ली हैं। इनमें दो हत्यारे हैं और बाकी दो वो लोग हैं जिन्होंने मर्जी से अपनी हत्या करवाई, हत्यारे को ढूंढकर, उसका मान-मनौव्वल करके!  अरे यार! यह चबाया नहीं जा रहा, बहुत कड़ा लग रहा। बेन भांडेस जिसे चाबने की बात कर रहा था, वह उसका अपने ही लिंग था। वह जिससे ठीक से नहीं पकाने की शिकायत कर रहा था, वह था उसकी हत्या करने जा रहा आमिन माइवस। माइवस ने फरवरी 2001 में इंटरनेट पर एक विज्ञापन डाला। उसमें लिखा था, ‘तलाश एक ऐसे तंदुरुस्त युवा की जो चाहता हो कि उसे कोई खा जाए।’ भांडेस विज्ञापन पढ़कर माइवस के पास आने वाला वही तंदुरुस्त युवा था। हिल गए ना आप! ऐसा मत सोचिए कि माइवस के विज्ञापन पर सिर्फ भांडेस ने ही खुद को खिला देने का ऑफर दिया। माइवस को ऐसे कई ऑफर मिले थे। उनमें कुछ को माइवस ने ही पसंद नहीं किया तो कुछ से माइवस ने संपर्क किया तो वो मुकर गए। आखिरकार माइवस और भांडेस में डील हुई। फरवरी में दोनों का संपर्क हुआ और फिर ईमेल से बातचीत होती रही। फिर दोनों ने मिलने का फैसला कर लिया। 9 मार्च, 2001 को भांडेस, माइवस का फार्महाउस पहुंच गया। दोनों मास्टर बेडरूम में बैठे, एक-दूसरे से बातें हुईं, हंसी-ठिठोलियां हुईं। दोनों अपनी सनक पर बातें करते हुए फूले नहीं समा रहे थे। एक को सामने बैठे तगड़े युवक की मांस खाने की सनक थी तो दूसरा अपनी हत्या के बाद अपना ही मांस हत्यारे को चखाने की सोचकर ही गदगद हो रहा था।

बातचीत के बाद वो वक्त आ गया। माइवस ने भांडेस को नींद की गोलियां और कुछ लिक्विड दिए। भांडेस सारी गोलियां गटक गया। जब भांडेस पर गोलियों का असर होने लगा तो माइवस ने एक कैमरा बेड की तरफ लगा दिया ताकि आगे की सारी सनकभरी हैवानियत का वीडियो बन जाए। माइवस ने सबसे पहले भांडेस का लिंग काटा। गोलियों की असर से बेहोश पड़े भांडेस को दर्द महसूस हुआ और थोड़ा होश भी आ गया। तब मेविस ने उससे पूछा, ‘अपना लिंग खाने का मजा लोगे?’ भांडेस के हां कहने पर माइवस ने लिंग को आग में सेंककर उसे खिलाने लगा। थोड़ी देर बाद उसने कहा, ‘यार! यह ठीक से पका नहीं है। बहुत कड़ा लग रहा है खाने में।’ उसके बाद भांडेस ने कहा कि उसे नहाने का मन कर रहा है। माइवस उसे बाथरूम के टब में बिठा दिया, जिसमें गुनगुना पानी भरा था। वह रातभर उसी टब में पड़ा रहा। अगली सुबह माइवस बाथरूम पहुंचा और भांडेस का गला रेत दिया। फिर शरीर के छोटे-छोटे टुकड़ कर दिया। वह इन टुकड़ों को पकाकर टेबल पर रखा और शराब के साथ खाने लगा। जब तक पुलिस को इस घटना की खबर लगती और वह माइवस के फार्महाउस पहुंचती तब तक माइवस करीब 20 किलो मांस खा चुका था। उसने कोर्ट में बताया कि भांडेस का मांस बिल्कुल सूअर की मांस जैसा स्वादिष्ट था।

पता है आमिन माइवस और बेन भांडेस कौन थे? घटना जर्मनी के इतिहास की खौफनाक अपराधों की लिस्ट में दर्ज है। 42 वर्षीय आमिन माइवस अपने आस-पड़ोस में बेहद मददगार शख्स के रूप में मशहूर था। छुट्टियों में पड़ोसियों की मदद करना ही उसका शगल था। वो अपने पड़ोसियों को वक्त-वक्त पर पार्टी भी दिया करता। सबको लगता है क्या लाजवाब पड़ोसी है। भला किसी को उसकी डार्क फैंटेसी के बारे में क्या पता! गिरफ्तारी के बाद मेविस की कहानियां फैलीं तो वह ‘ओटेनबर्ग का राक्षस’ (Monster of Rotenburg) के रूप में मशहूर हो गया। उधर, 36 वर्षीय बेन भांडेस बर्लिन में कंप्यूटर इंजीनियर था। वह अक्सर इसी ख्वाब में डूबा रहता- काश! कोई मुझे मारकर खा जाए। मेविस का विज्ञापन देखकर उसे लगा जैसे वर्षों की मन्नत पूरी हो गई हो। फिर जो हुआ, वह ऊपर बताया जा चुका है। माइवस ने कहा, ‘मेरी एक फैंटेसी थी जिसे आखिरकार मैंने पूरा किया।’ उसने कहा कि वह भी आम इंसान ही है। जब उसे बताया गया कि लोग उसे राक्षस कह रहे हैं तो उसने कहा, ‘हां, जो लोग दूसरों को उनकी नजरों से नहीं देख पाते, वो उन्हें राक्षस ही कहते हैं। लेकिन वास्तव में मैं एक सामान्य आदमी हूं, बाकियों की तरह।’ उसे ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई। जेल में वह शाकाहारी हो गया।

शैरोन ने एक चिट्ठी लिख छोड़ी। उसने लिखा, ‘अगर मेरी लाश कभी नहीं मिले तो चिंता मत करना। सोच लेना- मुझे शांति मिल गई।’ यह चिट्ठी छोड़ वह निकल पड़ी 400 मील दूर नॉर्थ कैरोलिना प्रांत के चार्लोट के लिए जहां रॉबर्ट उसका इंतजार कर रहा था। दोनों मिले, बातचीत हुई और फिर शुरू हुआ शर्तें पूरा करने का सिलसिला। शैरोन अपनी सेक्सुल फैंटेसी बताती गई और फ्रेडरिक उसे दर्द दे-देकर सेक्स करता रहा। शैरोन दर्द से तड़पती तो, वह रुक जाता, तभी वो जोर से चीखती- आगे बढ़ो। इस तरह दोनों के बीच एक के बाद एक तरह-तरह की सेक्सुअस फैंटेसीज का सिलसिला आगे बढ़ता गया। और फिर वो वक्त आया जब शैरोन ने उसे गला दबाने का हुक्म दे दिया। फ्रेडरिक को उसे मारने में बहुत मशक्कत करनी पड़ी। गला दबने के बाद शैरोन छटपटाने लगी तो उसे कंट्रोल करने में फ्रेडरिक के पसीने छूट गए, लेकिन आखिरकार शैरोन शांत पड़ गई। जैसा कि उसने चिट्ठी में लिखा था। पुलिस ने फ्रेडरिक के लैपटॉप से कई पॉर्न क्लिप बरामद किए। कोर्ट ने उसे हत्या के लिए 36 से 53 महीने जबकि बच्चों की पॉर्न क्लिप रखने के लिए 21 से 26 महीने की सजा सुनाई। उसे जेल से निकलने में दो हफ्ते ही बाकी थे कि हर्ट अटैक में उसकी जान चली गई।

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