Monday, April 7, 2025
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जब दोनों बेटे और माता-पिता को उतारा मौत के घाट!

एक ऐसा सनकी जिसने अपने दोनों बेटे और माता-पिता को मौत के घाट उतार दिया! करीब 2 घंटे तक शंकर लाल अपने दिमाग में चल रहे ऐसे खौफनाक सवालों के जवाब ढूंढता रहा। 2 घंटे बाद अब वो सामान्य नज़र आ रहा था। उसने टेलीविजन ऑन किया और क्राइम पेट्रोल देखने लगा। आप सोच रहे होंगे कौन है ये शंकर लाल और क्यों हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं। तो जान लीजिए शंकर लाल जोधपुर में रहने वाला एक शख्श था जो अब इस दुनिया में नहीं है। तीन दिन पहले शंकर लाल ने अपने माता-पिता औऱ अपने दो बेटों को बड़ी ही बेरहमी से मौत की नींद सुला दिया और फिर खुद भी मौत को गले लगा लिया।

इस शख्स ने करीब एक महीने पहले से अपने परिवार को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। शंकर रोज़ क्राइम पेट्रोल के शो देखता और ये जानने की कोशिश करता कि मर्डर के कौन-कौन से तरीके हैं। इसके अलावा फेसबुक और दूसरी सोशल वेबसाइट्स पर भी इसने क्राइम सीरीज़ को देखना और पढ़ना शुरू किया। इसने मर्डर के कई तरीकों के बारे में पढ़ा। नींद की गोली खिलाकर मारने के तरीके को लेकर इसने काफी रिसर्च की।शंकर लाल ये बात को लेकर भी चिंतित था कि मौत के बाद उसे और उसके माता-पिता को स्वर्ग मिलेगा या नहीं। इसके घर में माता-पिता, पत्नी और दो बेटे रहते थे। ये अपनी पत्नी को नहीं मारना चाहता था। ये बात को लेकर भी आश्वस्त होना चाहता था कि इसकी मौत के बाद इसकी पत्नी का क्या होगा। इसने गुगल पर ये भी सर्च किया कि क्या इसकी पत्नी को इसकी मौत के बाद विधवा पेंशन मिलेगी। शंकर लाल ने इंटरनेट पर कई सरकारी योजनाओं के बारे में पढ़ा जो उसकी पत्नी को मिल सकती हैं।

करीब एक महीने की पूरी रिसर्च के बाद ये तैयार था बेहद भयानक अपराध को अंजाम देने के लिए। शुक्रवार के दिन शंकर लाल के सिर पर काल मंडरा रहा था, उसने तय किया कि आज के दिन वो पूरे परिवार का कत्ल करेगा। शंकर लाल के पिता खेत पर काम कर रहे थे। इस शख्श ने कुल्हाड़ी से अपने पिता पर वार किया और बड़ी ही बेरहमी से उनको कुल्हाड़ी से मार डाला।इसके बाद ये शख्स अपने घर पहुंचा। इसने परिवार के खाने में नींद की काफी सारी गोलियां मिला दी। एक-एक परिवार के लोग बेहोश होने लगे। शंकर ने सबसे पहले बेहोश पड़ी अपनी मां को पानी की टंकी में फेंका। अपनी दादी के पास ही शंकर का बड़ा बेटा सो रहा था। शंकर ने उसे भी पानी की टंकी में डाल दिया। अब घर में सिर्फ शंकर और उसकी पत्नी और आठ साल का छोटा बेटा था। पत्नी और छोटा बेटा भी बेहोशी के हालत में सो रहे थे। शंकर ने छोटे बेटे को उसकी मां के पास से उठाया और फिर उसे भी टंकी में डालकर मौत के हवाले कर दिया। एक के बाद एक घर के चार सदस्यों को वो मौत की नींद सुला चुका था। अब बस उसके अलावा घर में उसकी पत्नी थी।

इसके बाद शंकर अपना घर छोड़कर पास ही रह रहे अपने मामा के घर गया और वहां जाकर खुद भी पानी की टंकी में कूंद गया। अपने परिवार के चार लोगों को मौत की नींद सुलाकर अब शंकर ने खुदकुशी कर ली। जोधपुर के लोहावट इलाके की इस घटना के बारे में जिसने सुना उसके होश उड़ गए। क्राइम सीरीज में मौत के तरीके खोजने के बाद इसने अपने ही परिवार को हमेशा के लि खत्म कर दिया।

शंकर लाल ने घटना के दो दिन पहले से ही अपने परिवार को नींद की गोलियां देनी शुरू कर दी थीं। दो दिन में वो अपने परिवार को 22 नींद की गोलियां खिला चुका था। जिसकी वजह से वो लोग किसी भी बात में इसका विरोध नहीं कर पाए। शंकर के परिवार ने उससे पूछा भी था कि वो नींद की गोलियां क्यों दे रहा है तो उसने जवाब दिया कि खेत में काम करने से से थकान ज्यादा हो जाती है। नींद की गोलियां खाकर अच्छी नींद आएगी तो तबियत ठीक रहेगी। अपने बेटे की इस बात को इस परिवार ने मान लिया, लेकिन किसी को क्या पता थे शंकरलाल के खौफनाफ मंसूबे।दरअसल इस सनकी हत्यारे को नशे की लत थी। ये अफीम और दूसरा नशा करता था। परिवारवाले इसकी नशे की आदत से परेशान थे। अक्सर घर में इस बात को लेकर कहासुनी भी होती थी। ये बात शंकरला को चुभने लगी थी, लेकिन वो नशे की लत को छोड़ने को तैयार नहीं था और यही लत ने उसे अपने परिवार का कातिल बना दिया। वो नशा तो नहीं छोड़ पाया लेकिन दुनिया को छोड़ने को जरूर तैयार हो गया।

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