हाल ही में रामायण और महाभारत के किरदार राजनीतिक मैदान में उतर चुके हैं! 1987 में दूरदर्शन पर आए टीवी सीरियल रामायण और 1988 में प्रसारित हुए महाभारत के किरदार आज भी घर-घर में पहचाने जाते हैं। उनमें से कई किरदारों ने राजनीति में सफल पारियां भी खेलीं। रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी हों या सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया या हनुमान की भूमिका में दिखे दारा सिंह, सभी ने राजनीति में हाथ आजमाया। इन सभी को बीजेपी ने राजनीति के मैदान में उतारा था। भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल 2024 के लोकसभा चुनाव में मैदान में है। BJP ने उन्हें मेरठ लोकसभा सीट से टिकट दिया है। 2021 में BJP में शामिल हुए अरुण गोविल का जन्म मेरठ में हुआ था। उन्होंने BJP के मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल की जगह ली है। महाभारत में श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज, द्रौपदी बन लोगों को अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने वाली रूपा गांगुली, भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार, युधिष्ठिर बने गजेंद्र चौहान भी राजनीति में किस्मत आजमा चुके हैं और ज्यादातर कलाकारों ने BJP को ही चुना है।
1991 के लोकसभा चुनाव में रामायण के दो बड़े कलाकार संसद पहुंचे थे। सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया और रावण के किरदार से हर किसी को प्रभावित करने वाले अरविंद त्रिवेदी गुजरात के चुनावी मैदान में उतरे। दोनों ही कलाकारों को BJP ने लोकसभा का टिकट दिया था। राजनीतिक दलों ने रामायण और महाभारत धारावाहिक के कलाकारों की लोकप्रियता को भांप लिया था और यही कारण था कि कई कलाकारों को चुनावी मैदान में उतारने के लिए कोशिशें शुरू हुई थीं। दीपिका चिखलिया को वडोदरा (बड़ौदा) से चुनावी मैदान में उतारा गया था। वह तब 26 साल की थीं। उन्होंने चुनाव में जीत भी हासिल की। रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने 1991 में गुजरात के साबरकांठा से जीत हासिल की थी। अरविंद त्रिवेदी अब हमारे बीच नहीं है। 6 अक्टूबर 2021 को 82 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। BJP ने अरुण गोविल को उत्तर प्रदेश के मेरठ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। सवाल यह है कि 1990 के समय जब रामायण के कलाकारों की लोकप्रियता आसमान छू रही थी तो गोविल को किसी दल ने चुनावी मैदान में क्यों नहीं उतारा? कहा जाता है कि कांग्रेस उन्हें चुनावी मैदान में उतारना चाहती थी, लेकिन अरुण गोविल इसके लिए तैयार नहीं हुए। हालांकि, अब बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है। देखना होगा कि क्या अरुण गोविल अपने साथी कलाकारों अरविंद त्रिवेदी और दीपिका चिखलिया की तरह ही चुनावी राजनीति की शुरुआत जीत से कर पाते हैं या नहीं?
अरविंद त्रिवेदी की तरह दारा सिंह भी अब हमारे बीच नहीं हैं। रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह को कौन भूल सकता है। दारा सिंह को BJP ने 2003 में राज्यसभा भेजा था। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय वह राज्यसभा सांसद बने थे। दारा सिंह ने कुश्ती, एक्टिंग, राइटिंग और राजनीति हर जगह अपना प्रभाव छोड़ा। पर्दे पर श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज भी BJP में रह चुके हैं। उन्होंने BJP के टिकट से जमशेदपुर से 1996 में चुनाव लड़ा था। उन्होंने जीत भी हासिल की थी। 1996 के चुनाव में अनुभवी इंदर सिंह नामधारी को हराकर जमशेदपुर से संसद सदस्य के रूप में लोक, महाभारत में द्रौपदी की भूमिका निभाने वाली रूपा गांगुली भी राज्यसभा की मनोनीत सदस्य रह चुकी हैं। BJP ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्हें हावड़ा नॉर्थ से चुनाव लड़ाया था लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी। युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान भी BJP का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने साल 2004 में पार्टी की सदस्यता ली थी। पार्टी ने उन्हें 2015 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का चेयरमैन बनाया था। भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। उन्होंने BJP के मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल की जगह ली है। महाभारत में श्रीकृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज, द्रौपदी बन लोगों को अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने वाली रूपा गांगुली, भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार, युधिष्ठिर बने गजेंद्र चौहान भी राजनीति में किस्मत आजमा चुके हैं और ज्यादातर कलाकारों ने BJP को ही चुना है।प्रवीण एक जाने-माने रेसलर थे। 2014 में प्रवीण को आम आदमी पार्टी की ओर से टिकट मिला। वह दिल्ली के वजीरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन वह हार गए। इसके बाद वह BJP में शामिल हो गए। प्रवीण कुमार का फरवरी 2022 में निधन हो गया।