जब बच्चों ने किया अपने मां-बाप के साथ सौतेला व्यवहार!

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ऐसी घटनाएं जिसमें बच्चों ने अपने ही मां-बाप के साथ सौतेला व्यवहार किया था! चेहरे में झुर्रियां आ चुकी हैं, शरीर को सौ बीमारियों ने घेर लिया है, हाथ-पैर चलने थोड़े कम हो गए हैं, आंखों से कम दिखाई देता है, कान भी कम सुन पाते हैं, हां क्योंकि बूढे हो गए हैं माता-पिता! ये वही माता पिता है जिन्होंने कभी बच्चों को उंगली पकड़कर चलना सिखाया, हाथ थाम कर सड़क पार करना बताया, खुद के निवाले से पहले बच्चे को खिलाया, बीमारी और दर्द में बच्चों की ढाल बने। स्कूल की पहली एबीसीडी हो या फिर खेल के मैदान में खेलना हो यही माता-पिता बच्चे का सहारा बने, लेकिन अब जब वो उम्र की उस दहलीज में हैं जहां उन्हें सहारा चाहिए तो अपने ही बच्चों को ये बोझ लगने लगे हैं। कोई लड़खड़ाती मां को पीट रहा है, तो कोई एक -एक रोटी के लिए तड़पा रहा है। किसी ने जन्म देने वाला माता-पिता को ही बेघर कर दिया है। आंखें रो-रोकर लाल हो चुकी थी। हाथ कांप रहे थे, आवाज निकल ही नहीं पा रही थी। ये दशा 80 साल की उस मां की थी जिसने 3 बेटों को पाल पोसकर बड़ा किया और अब उन्हीं बेटों ने मारपीट कर मां को घर से निकाल दिया। पहले तीन दिन तक बुजुर्ग मां को खाना नहीं दिया और फिर मार पीटकर घर से भगा दिया। तीन बेटे, लेकिन थाने की दहलीज पर लाचार पड़ी हुई थी। एकदम भूखी-प्यासी, खुद थाना इंचार्ज इस मां को देखकर दुखी हो गए। बुजुर्ग महिला को अपने हाथ से खाना खिलाया। उसके बाद महिला ने जब अपनी आपबीती बताई तो थाने में मौजूद हर कोई दंग रहा गया। बेटे के घर औरैया में छठी का प्रोग्राम था, घर में पार्टी चल रही थी, लेकिन इस मां के लिए उसके खुद के बेटे के पास दो रोटी तक थी। पहले दो दिन तक प्रेमवती घर में भूखी प्यासी एक कोने में पड़ी रहीं और जब तीसरे दिन भूख हद से बढ़ गई तो खाना मांगा। बस यह बात बेटे को हजम नहीं हुई और बुजुर्ग महिला की पिटाई शुरू कर दी और घर से बेघर कर दिया। औरैया के दिबियापुर थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई है।

ये खबर आपकी आंखों आंसू ले आएगी। मां के पूरे शरीर पर चोट के निशान, बुजुर्ग पिता बेबस महीनों से भूखे, हाथ पैर बंधे हुए, मानसिक रूप से बीमार भाई बेहोशी की हालत में, महीनों से एक कमरे में तीनों कैद। भोपाल के बेहद पॉश इलाके में रहने वाले इन बुजुर्ग माता-पिता और भाई के साथ ये टॉर्चर किया खुद इनकी बेटी ने। रिटायर्ड बैंक मैनेजर सीएम सक्सेना अपनी पत्नी और मानसिक रूप से बीमार बेटे के साथ भोपाल की अरेरा कॉलोनी में रहते थे। ये बेहद पॉश इलाका है और इनकी यहां पर काफी बड़ी कोठी है। कुछ महीने पहले इनकी बेटी अपने दो बेटों के साथ पति से तलाक लेकर इनके घर चली आई। बस यहीं से शुरू हुए सीएम सक्सेना और उनकी पत्नी के बुरे दिन। इनकी बेटी अपने पिता से पैसों की मांग करने लगी। लाखों रुपये अपने पिता से ऐंठने लगी और जब पिता ने मना किया तो उसने अपने दो बेटों के साथ मिलकर माता पिता और मानसिक रूप से बीमार भाई की पिटाई शुरू कर दी। इस महिला ने तीनों को एक कमरे में कैद कर लिया। खाने में सिर्फ एक या आधी रोटी देती। बात-बात पर मारपीट करती। हाथ पैर बांध दिए और जबरदस्ती पिता से कई प्रॉपर्टी के पेपर पर साइन भी करवा लिया। महीनों तक ऐसा ही चलता रहा, लेकिन एक दिन सीएम सक्सेना के एक दोस्त उनके घर आए तो इस महिला ने उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया। उन्होंने शक के आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और उसके बाद पुलिस ने तीनों का रेस्क्यू किया। तीनों इतने भूखे थे कि उन्होंने कहा कि उन्हें खाने के लिए रोटी चाहिए। सोचिए कैसी दरिंदगी वो भी खुद अपनी औलाद की तरफ से।

उनके अपने घर में उनके लिए दरवाजे बंद कर दिए गए। जब सवाल पूछे तो मारपीट कर धक्का मारके घर से निकाल दिया। मुरैना के माता-पिता अपनी फरियाद लेकर एपी ऑफिस तक पहंचे। बीस साल एक बुजुर्ग दंपत्ति मुरैना के बानमोर इलाके में अपने घर में रह रहे थे। इनके चार बच्चे हैं तीन बेटे गांव में रहते हैं जबकि एक बेटा अरविंद और पत्नी शशि पास ही शहर में रहते हैं। इन दोनों की नर काफी समय से अपने माता-पिता के घर पर थी, वो लगातार घर को बेचने की बात कर रहे थे। कुछ दिन पहले ये बुजुर्ग दंपत्ति अपने एक रिश्तेदार के घर गए हुए थे। आठ दिन बाद जब ये वहां से वापस अपने घर लौटे तो देखा घर का ताला खुला हुआ था। घर के अंदर गए तो वहां बेटा-बहू पहले से मौजूद थे। वो ताला तोड़कर घर के अंदर घुस आए थे। माता-पिता ने जब सवाल किए तो दोनों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी और फिर घर से बाहर धकेल दिया। जिस घर में 20 साल से ये लोग रह रहे थे आज उसी घर से ये बेघर हो चुके थे।