Monday, April 7, 2025
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जब बैंक में से हुई करेंसी की चोरी!

आज हम आपको ऐसी वारदात के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें एक बैंक में से करेंसी की चोरी हो गई! बैंक लूट पर बनी कई एक्शन फिल्में आपने देखी होंगी। असल ज़िंदगी में हुई कई बैंक डकैतियों के बारे में भी आपने सुना होगा, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी बैंक लूट कहां हुई। आज हम आपको बताएंगे गिनीज बुक में दर्ज इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी बैंक चोरी, जिसमें अरबों रूपये बैंक से निकाल लिए गए। हम आपको बताएंगे कैसे इस लूट को अंजाम दिय गया और कौन था इस लूट का मास्टर माइंड।शाम का वक्त था। वो चार लोग आए, एक चिट बैंक के मैनेजर को पकड़ाई और फिर बैंक के सारे ताले खुल गए। ये चारों बैंक लुटेरे ट्रक लेकर करंसी चेस्ट के दरवाजे तक पहुंचे। सामने नोटो की गड्डियां पड़ी थी। छोटी बड़ी हर तरह की अरबों रूपये की करंसी। अब हज़ारों,करोड़ों रूपये इन चार चोरों के सामने बिखरे पड़े थे। इन चारों को इस सारी करंसी को बाहर खड़े ट्रक तक पहुंचना था। नोटो को तेजी से ट्रक तक ले जाया गया। करीब पांच घंटे तक ये ट्रक में नोट भरते रहे और बैंक मैनेजर इन लुटेरो को देखता रहा। ट्रक भर चुका था, लेकिन करंसी चेस्ट में अभी भी काफी करंसी बाकी थी। आखिरकार जब ट्रक में बिल्कुल जगह नहीं बची तो इन चारों को ट्रक लेकर फरार होना पड़ा।

ये बात है उन दिनों की जब अमेरिका ने इराक को कैप्चर करने का मन बना लिया था। अमेरिका ने सारी प्लानिंग कर ली थी, बस किसी भी पल इराक पर कब्जा करने की खबरे आ सकती थी। पूरी दुनिया में इराक की खबरें उन दिनों सुर्खियों में थीं। अमेरिका और दूसरे युरोपिय देशों ने इराक पर तमाम तरह के बैन लगा दिए थे। इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन कमजोर पड़ते नज़र आ रहे थे, ऐसा लग रहा था कि बस अब इराक में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है। इसी बीच इराक के बगदाद में अमेरिका के मंसूबों पर पानी फेरने का एक प्लान तैयार हुआ। ये प्लान था इराक के सबसे बड़े बैंक को खाली करने का। बैंक में मौजूद सारे पैसों को चोरी करने का।

एक करोड़,दो करोड़,पांच करोड़,दस करोड़, सौ करोड़ या पांच सौ करोड़ नहीं, अगर इंडियन करंसी में बात करे तो करीब सात हज़ार करोड़ रूपयों से भी ज्यादा की रकम उस वक्त बगदाद में सेंट्रल बैंक ऑफ इराक से चुराई गई। 19 मार्च 2003, अमेरिका ने ‘ऑपरेशन इराकी स्वतंत्रता’ के नाम से अपना ऑपरेशन शुरू किया। अब ये साफ हो चुका था कि जल्द इराक को अमेरिका अपने कब्जे में लेना चाहता था। पूरी दुनिया की नज़र अमेरिका के इस ऑपरेशन पर थी। सद्दाम हुसैन के समर्थक थोड़े परेशान थे और इसी बीच सद्दाम के बेटे ने रची थी इस बैंक को लूटने की साजिश ताकि इराक का पैसा अमेरिका के कब्जे में ना आ पाए।

रातों-रात बैंक लूटने का ये प्लान तैयार हुआ। सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय इसके मास्टर माइंड थे। अपने कुछ लोगों के साथ उन्होंने बैंक लूटने की स्क्रिप्ट तैयार की और फिर निकल पड़े अपने मिशन पर। कुसय अपने चार साथियों के साथ बगदाद में इराकी सेंट्रल बैंक में मौजूद थे। उन्होंने बैंक मैनेजर को एक पेपर दिया, जिसमें लिखा था- ‘राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की तरफ से सुरक्षा कारणों से बैंक के सारे पैसों को दूसरी जगह ले जाने का आदेश है’। ये पर्ची जैसे बैंक मैनेजर को थमाई गई उसने बैंक के दरवाजे खोल दिए। बैंक लूट के मास्टर माइंड कुसय अपने साथ ट्रक लेकर आए थे। खुद बैंक मैनेजर ने बैंक कर्मचारियों को सारी करंसी उस ट्रक में भरने के आदेश दिए। जब तक ट्रक फुल नहीं हो गया तब तक सारी करंसी उसमें डालते चले गए। इस काम में करीब 5 घंटे का वक्त लगा। ट्रक फुल होने के बाद कुसय और उसके साथी वहां से फरार हो गए।

पूरी दुनिया इस बैंक की लूट की खबरें फैली। अमेरिका ने इस घटना के तुरंत बाद इराक में बमबारी शुरू कर दी। सेंट्रल बैंक समते इराक के कई इलाकों पर अमेरिकी फौज ने कब्जा कर लिया, लेकिन तब तक बैंक का तकरीबन पूरा पैसा लेकर सद्दाम हुसैन के बेटे कुसाय फरार हो चुके थे। हर तरफ छापेमारी की गई। अमेरिकी फौज ने कुसाय और उसके गैंग को तलाशन शुरू किया। सद्दाम हुसैन के घर पर भी छापे पड़े। करोड़ों रूपये बरामद हुए, लेकिन ये चोरी की गई रकम का बेहद छोटा हिस्सा था। कहा जाता है सद्दाम हुसैन ने सेंट्रल बैंक से चोरी किया गया पैसा सीरिया भिजवा दिया और वो पैसा कभी भी अमेरिकी फौज के हाथ नहीं लग पाया।

ये इतिहास में दर्ज आज तक की दुनिया की सबसे बड़ी बैंक लूट है। माना जाता है कि उस शाम 920 मिलियन डॉलर यानी करीब 7065 हज़ार करोड़ रूपये की करंसी इस बैंक से निकलवा ली गई थी। हालांकि बैंक में और भी करंसी मौजूद थी, लेकिन सद्दाम के बेटे के ट्रक फुल हो चुके थे और पैसा रखने के लिए जगह ही नहीं थी, इसलिए कुछ करंसी को बैंक में ही छोड़ना पड़ा। बैंक की ये लूट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे बड़ी चोरी के रूप में दर्ज किया गया है।

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