Friday, October 18, 2024
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जब नकली ED अधिकारी बनकर किया गया फ्रॉड!

एक ऐसी घटना जिसमें एक नकली ED अधिकारी बनकर फ्रॉड किया गया! फ्रॉड की यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह है। राजधानी दिल्ली के द्वारका के बाबा हरिदास नगर के एक घर में शनिवार को कुछ लोग खुद को ईडी का अधिकारी बताकर अंदर घुस गए। बताया कि यहां हवाला का पैसा छुपाया जा रहा है। घर वाले भी कुछ नहीं समझ पाए। सरकारी एजेंसी का धौंस दिखाकर 3 करोड़ रुपये नकज जब्त कर लिए और यह कहकर वहां से भाग गए कि अगले दिन परिवार के सदस्य पूछताछ के लिए आएं। फर्जी ईडी के अफसर बन रेड डालने वालों के बारे में जब पता चला को परिवार वाले भी सन्न रह गए। क्योंकि वो लोग तो ईडी से थे ही नहीं। आइए जानते हैं कि कैसे फर्जी जांच अधिकारी बनकर कुछ बदमाशों ने घर से इतनी बड़ी रकम पार कर दी। द्वारका के इस घर में रेड मारने वाले और खुद को ईडी बताने वाले बदमाशों की हरकत पर घर के एक सदस्य को पहले ही शक हो गया था। जब वो लोग एंटर हुए और छापा मारा जा रहा था तब भी शक गहराया। पीड़ित के अनुसार,पुरुष दो कारों में आए थे, जिन पर कोई सरकारी चिन्ह नहीं था, उनके पास पिस्तौल थे और उनका व्यवहार बिल्कुल पेशेवर जैसा नहीं था। उनके जाने के बाद उसने रात करीब 1.15 बजे पीसीआर को फोन किया। इसके बाद बदमाशों का पीछा किया गया, जिससे चार संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई और शनिवार देर रात 1 करोड़ रुपये बरामद हुए।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि संदिग्धों ने घर के अंदर दाखिल हुए और घरवालों पर हवाला का पैसा रखने का आरोप लगाया। इसके तलाशी ली। उन्होंने परिवार के सदस्यों को किसी को फोन करने की इजाजत नहीं दी। पैसे मिलने के बाद, उन्होंने परिवार के सदस्यों को जांच के लिए शनिवार को उनके सामने पेश होने के लिए कहा और चले गए। जब पीसीआर की गाड़ी घर पर पहुंची तो पीड़ित ने उन्हें बताया कि ईडी की टीम मित्रों गांव की तरफ गई है। अधिकारी ने कहा, ‘द्वारका में तैनात टीमों को सतर्क किया गया और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में जांच शुरू कर दी।’

थोड़ी ही देर में पुलिस कंट्रोल रूम पीसीआर की टीम को एक कार तेज रफ्तार से गुजरती दिखाई दी। उन्होंने ड्राइवर को रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया। सहायक उप-निरीक्षक दिग्विजय और उप-निरीक्षक सुरेश के नेतृत्व में दो मोबाइल पेट्रोलिंग वाहनों ने कार का पीछा करना शुरू किया और 2 किलोमीटर पीछा करने के बाद नरेला में वाहन को रोकने में कामयाब रहे। संदिग्धों में से एक ने पिस्तौल निकाली और फायर करने की कोशिश की, लेकिन उसे पीसीआर के चार कर्मियों ने काबू कर लिया। पुलिस को कार में 70 लाख रुपये मिले। आरोपी की पहचान सोनीपत के रहने वाले अमित उर्फ विक्की के रूप में हुई। पैसे मिलने के बाद, उन्होंने परिवार के सदस्यों को जांच के लिए शनिवार को उनके सामने पेश होने के लिए कहा और चले गए। जब पीसीआर की गाड़ी घर पर पहुंची तो पीड़ित ने उन्हें बताया कि ईडी की टीम मित्रों गांव की तरफ गई है। अधिकारी ने कहा, ‘द्वारका में तैनात टीमों को सतर्क किया गया और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में जांच शुरू कर दी।’वह पहले बिंदापुर में दो आपराधिक मामलों में शामिल था, जिसमें हत्या भी शामिल थी। उप पुलिस आयुक्त पीसीआर आनंद मिश्रा ने कहा कि अमित को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है।

पुलिस ने कहा कि जिस व्यक्ति के घर पर छापा मारा गया था, उसने हाल ही में अपनी द्वारका की जमीन दक्षिण दिल्ली के कुछ निवासियों को बेची थी। फर्जी ईडी के अफसर बन रेड डालने वालों के बारे में जब पता चला को परिवार वाले भी सन्न रह गए। क्योंकि वो लोग तो ईडी से थे ही नहीं। आइए जानते हैं कि कैसे फर्जी जांच अधिकारी बनकर कुछ बदमाशों ने घर से इतनी बड़ी रकम पार कर दी। द्वारका के इस घर में रेड मारने वाले और खुद को ईडी बताने वाले बदमाशों की हरकत पर घर के एक सदस्य को पहले ही शक हो गया था। जब वो लोग एंटर हुए और छापा मारा जा रहा था तब भी शक गहराया।पीड़ित को जानने वाला एक व्यक्ति फर्जी ईडी छापे में शामिल होने का संदेह है। पुलिस को संदेह है कि दो समूह काम कर रहे थे – एक ने इसकी योजना बनाई, जबकि दूसरे ने इसे अंजाम दिया। अब तक 1 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। हर्षवर्धन ने कहा, ‘मामले में अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए छापेमारी चल रही है।’

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