जब भारत ने की पाकिस्तान की मदद!

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हाल ही में भारत ने पाकिस्तान की भी मदद कर दी है! भारतीय नौसेना ने समुंदर में आज 19 पाकिस्तानी नाविकों को सोमाली डाकुओं के चुंगल से बचा लिया। जैसे ही नौसेना को संदेश मिला उसने तुरंत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी लोगों को बचा लिया। नौसेना ने पूर्वी सोमालिया के पास एक मछली पकड़ने वाली नाव ‘अल नईमी’ और उसके चालक दल को बचाया। गौरतलब है कि सुमित्रा भारतीय नौसेना का स्वदेशी तट रक्षक जहाज है जिसे सोमालिया और अदन की खाड़ी के पूर्व में समुद्री डकैती रोकने और समुद्री सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। 28 जनवरी को, एक ईरानी मछली पकड़ने वाली नाव ‘इमान’ के अपहरण संदेश मिलने पर जहाज ने तुरंत कार्रवाई की थी। डाकुओं ने चालक दल को बंधक बना लिया था। सुमित्रा ने जहाज को रोक लिया और 29 जनवरी की सुबह 17 ईरानी चालक दल के साथ नाव को सुरक्षित रूप से छुड़ा लिया।

INS सुमित्रा उसी दिन दोबारा एक्शन में आया। एक और ईरानी मछली पकड़ने वाली नाव ‘अल नईमी’ पर समुद्री डाकुओं ने हमला किया था और उसके 19 चालक दल के सदस्यों को बंधक बना लिया था। ये सभी पाकिस्तानी नागिरक थे। INS सुमित्रा ने बिना देरी किए नाव की लोकेशन का पता लगाया। इसके बाद तटरक्षकों ने हेलिकॉप्टर और बोट्स के जरिए चालक दल और नाव को छुड़ा लिया। INS सुमित्रा में तैनात जवानों ने नाव की तलाशी भी ली ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि डाकुओं ने कुछ छोड़ तो नहीं दिया और चालक दल सुरक्षित रहें।

INS सुमित्रा ने महज 36 घंटे के अंदर दो मछली पकड़ने वाली नावों को बचाकर समुंदर में नौसेना का पराक्रम को दुनिया को दिखाय दिया। ये नावें दक्षिणी अरब सागर में, कोच्चि से लगभग 850 किलोमीटर पश्चिम में समुद्री डाकुओं के कब्जे में थीं। इन नावों पर कुल 36 चालक दल थे, जिनमें 17 ईरानी और 19 पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे। भारतीय नौसेना ने दिखा दिया कि वो समुद्र में सभी तरह के खतरों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार है। लाल सागर क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नौसेना देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए ऐक्शन मोड पर है। यह सक्रिय रुख इजराइल-हमास संघर्ष और हूती विद्रोहियों की ओर से वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाने की बढ़ती धमकियों के बाद किया गया है। समुद्री डकैतों से निपटने के लिए नौसेना की पूरी तैयारी है। नौसेना ने इसका एक अदाहरण भी पेश किया है। दरअसल सोमालिया के पूर्वी तटीय क्षेत्र में तैनात एक भारतीय नौसैनिक युद्धपोत ने ईरान के झंडे वाले एक जहाज की ओर से मिली अपहरण संबंधी सूचना पर कार्रवाई की है। जहाज में कुछ समुद्री लुटेरे चढ़ गए थे। नौसेना के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना के इस उद्देश्य से तैनात युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपहृत जहाज और उसके चालक दल को रिहा करवाया।

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘सोमलिया के पूर्वी तटों और अदन की खाड़ी में जलदस्यु रोधी अभियानों के लिए तैनात आईएनएस सुमित्रा ने ईरान के झंडे लगे मछली पकड़ने वाले जहाज ईमान के अपहरण के संबंध में सूचना पर कार्रवाई की। जहाज पर जलदस्यु चढ़ गए थे और चालक दल को बंधक बना लिया गया था।’ उन्होंने बताया कि आईएनएस सुमित्रा ने जहाज को रोका और समुद्री लुटेरों को चालक दल तथा जलपोत की सुरक्षित रिहाई के लिए बाध्य करने के वास्ते स्थापित मानक चालक प्रक्रियाओं एसओपी के अनुरूप काम किया।

मधवाल ने बताया कि जहाज पर चालक दल के सभी 17 सदस्यों और नौका को सफलतापूर्वक मुक्त कराया गया।लाल सागर क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नौसेना देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए ऐक्शन मोड पर है। यह सक्रिय रुख इजराइल-हमास संघर्ष और हूती विद्रोहियों की ओर से वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाने की बढ़ती धमकियों के बाद किया गया है। समुद्री डकैतों से निपटने के लिए नौसेना की पूरी तैयारी है। नौसेना ने इसका एक अदाहरण भी पेश किया है। उन्होंने बताया कि आईएनएस सुमित्रा ने जहाज को रोका और समुद्री लुटेरों को चालक दल तथा जलपोत की सुरक्षित रिहाई के लिए बाध्य करने के वास्ते स्थापित मानक चालक प्रक्रियाओं एसओपी के अनुरूप काम किया।दरअसल सोमालिया के पूर्वी तटीय क्षेत्र में तैनात एक भारतीय नौसैनिक युद्धपोत ने ईरान के झंडे वाले एक जहाज की ओर से मिली अपहरण संबंधी सूचना पर कार्रवाई की है। प्रवक्ता ने कहा, ‘हिंद महासागर क्षेत्र में जलदस्यु रोधी और समुद्री सुरक्षा अभियानों में भारतीय नौसैनिक युद्धपोतों की तैनाती समुद्र में सभी जहाजों और नाविकों की सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना के दृढ़संकल्प को दर्शाती है।’