हाल ही में भारत के एक स्पाइडर-मैन ने पैसे चुरा लिए! 28 नंबवर को एक चोर कोयम्बटूर के फेमस जूलरी ब्रांड के शोरूम जोस अलुक्कास में घुसा। वह शोरूम की तीसरी मंजिल तक दीवार के सहारे स्पाइडर मैन की तरह चढ़कर पहुंच गया। सामने करोड़ों की जूलरी रखी थी मगर वह एक-दो छोटे गहने लेकर चलता बना। चोर की मशक्कत के बाद मामूली चोरी को जानकर पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस पिछले 14 दिनों तक इस स्पाइडर मैन चोर के पीछे भागती रही। चोर-पुलिस का खेल भी गजब का रहा। जब चोर विजय मुनिरत्नम पकड़ा गया तो पुलिस ने भी उसका इरादा जानकर सिर पीट लिया। उसने पुलिस को बताया कि उसे मकान का पट्टा लेने के लिए एक लाख रुपये की जरूरत थी, इसलिए उसने थोड़े से गहने चुराए थे। तमिलनाडु पुलिस ने 14 दिनों की कसरत के बाद ‘स्पाइडरमैन’ चोर विजय मुनिरत्नम को पकड़ लिया। 26 साल के विजय ने 28 नवंबर को कोयंबटूर की जूलरी शोरूम में हाथ साफ किया था। उस शोरूम की तीसरी मंजिल पर वह दीवार और एलिवेशन पैनल की मदद से स्पाइडर मैन की तरह चढ़ गया। हालत यह थी कि जब पुलिसवाले जांच के दौरान दीवार के जरिये स्पाइडरमैन चोर की कलाबाजी दोहराने की कोशिश करते तो धड़ाम से गिर जाते। कोई भी पुलिसवाला पांच फीट तक भी नहीं चढ़ पाया। कोयंबटूर के पुलिस कमिश्नर वी बालाकृष्णन ने कहा कि स्पाइडर मैन चोर विजय मुनिरत्नम को पकड़ने के लिए पुलिस ने पांच टीमें बनाई, जिसमें 47 पुलिसवाले शामिल थे। इसके बावजूद वह पूरी टीम को छकाता रहा। उसे पकड़ने के लिए पुलिस को 350 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने पड़े। हालांकि पुलिस ने वारदात के 24 घंटे के भीतर विजय की पत्नी से चुराई गई जूलरी बरामद कर ली थी। फिलहाल उसकी पत्नी अपने तीन महीने के बच्चे के साथ जेल में है।
इस मामले की जांच करने वाले डिप्टी कमिश्नर जी चंदीश ने बताया कि पत्नी की गिरफ्तारी के बाद विजय मुनिरत्नम धर्मपुरी स्थित भाग गया। वह इलाके के जंगल में छिपता रहा। दो बार तो वह पुलिस के हाथ लगने से बच गया। स्पाइडर मैन चोर ने पुलिस को छकाने के लिए एक चालाकी और की। उसने अपना मोबाइल फोन ही तोड़कर फेंक दिया, ताकि पुलिस लोकेशन को ट्रेस न कर सके। एक बार वह अन्नामलाई में अपने दोस्त के घर में मिल गया मगर वहां से भी वह 15 फीट ऊंची दीवार फांदकर भाग गया। इसके बाद से पुलिस उसके रिश्तेदारों और दोस्तों के फोन पर नजर जमाकर बैठ गई। वह पुलिस को चकमा देकर विजय नेल्लोर, कालाहस्ती, तिरुपति होते हुए चेन्नई पहुंच गया। 11 दिसंबर की सुबह विजय मुनिरत्नम चेन्नई की मरीना बीच पहुंचा। वहां उसने एक गोलगप्पे वाले से फोन मांगा और अपने दोस्त को कॉल लगा दी। इस गलती से घात लगाए बैठी पुलिस टीम को क्लू मिल गया। चेन्नई की पुलिस टीम तुरंत गोलगप्पे वाले के पास पहुंची। वहां गोलगप्पे वाले ने बताया कि काले कपड़े पहने एक शख्स ने उससे फोन मांगा था। पुलिस ने समंदर के किनारे ढूंढा मगर तब तक विजय वहां से निकल चुका था।
थोड़ी देर बाद उसने एक राहगीर से फोन मांगकर अपने रिश्तेदार को कॉल किया। जब पुलिस लोकेशन मायलापुर तक पहुंची, फिर विजय नहीं मिला। इसके बाद उसने राहगीरों और अजनबियों के फोन से दोस्तों और रिश्तेदारों से बात की। बार-बार अलग-अलग लोकेशन से फोन आने के कारण पुलिस भी चकरा गई। बातचीत सुनकर पुलिस को इतना अंदाजा हो गया कि अब वह खुद सिम कार्ड खरीदने की प्लानिंग कर रहा है। तमिलनाडु के कोयम्बेडु के सेलफोन बेचने वाली दुकानों में पुलिसवालों की ड्यूटी लगा दी गई। फोन खरीदने के लिए उसने अपना हुलिया बदला। अयप्पा भक्त वाले काले कपड़ों का त्याग किया। जींस और ब्लू शर्ट पहनकर विजय मुनिरत्नम एक दुकान में पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में स्पाइडरमैन चोर ने बताया कि वह बसों और लॉरियों में क्लीनर था। उसे एक घर के पट्टे लेने के लिए एक लाख रुपये की जरूरत थी, इसलिए उसने चोरी करने का प्लान बनाया। उसने पहले मोबाइल फोन की दुकान में चोरी करने की कोशिश की, मगर लोगों की भीड़ के कारण सफलता नहीं मिली। इसी पशोपेश में उसकी नजर जूलरी शोरूम पर पड़ी। वहां वह दीवार और लोहे की छड़ के सहारे चढ़ना शुरू किया। जब वह तीसरी मंजिल पर पहुंचा तो देखा कि वहां 30-40 किलो सोने और हीरे की जूलरी रखी थी। फिर भी उसने वहां पहले कैश की तलाश की। जब कैश भी नहीं मिला तो थोड़ी सी जूलरी लेकर वापस लौट गया।