Wednesday, January 15, 2025
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जब जॉब तलाशते लोगों के साथ होने लगी ठगी!

एक ऐसी घटना जिसमें जॉब तलाशते हुए लोगों के साथ ठगी होने लगी है! हर साल सैकड़ों बच्चे अलग-अलग कॉलेज से बाहर निकलते हैं इस उम्मीद पर कि अब उनकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है, जल्द से जल्द जॉब शुरू करेंगे। ऐसे में कई बार जल्दबाजी और नौकरी की चाहत की वजह से वो बन जाते हैं ठगी के शिकार। खासकर तब जब पहले ही ऐसा जाल बिछाया गया हो जिसका मकसद ही जॉब के नाम पर फंसाना हो। दिल्ली के द्वारका में एक ऐसे ही कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है जो नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को फंसाया करता था। पढ़े-लिखे इंजीनियर, अकाउंटेंट इसके झांस में आकर अपने लाखों रुपये गंवा चुके हैं। करीब 250 लोगों को दिल्ली के इस कॉल सेंटर ने बड़ा चूना लगा दिया है। इस कॉल सेंटर को चार लोग मिलकर चला रहे थे, जिनमें एक लड़की भी शामिल थी जबकि इस स्कैम का मास्टर माइंड है एक इंजीनियर।

सबसे पहले ये लड़की ऐसे लोगों को फोन करती है जिनको जॉब की तलाश होती है। खासकर इंजीनियरिंग कॉलेज से निकले छात्रों को। ये फोन करके बताती है कि इन प्लेसमेंट कंपनी छात्रों को बड़ी-बड़ी एमएनसी या आईटी फर्म में जॉब दे सकती है। नौकरी की तलाश कर रहे छात्र बड़ी ही आसानी से इनके झांसे में आ जाते। उसके बाद छात्र से कुछ रजिस्ट्रेशन फीस कंपनी के अकाउंट में ट्रांस्फर की जाती।

ये लोग बकायदा छात्रों के जॉब के लिए उनका लिखित टेस्ट और इंटरव्यू भी करते। ऐसा लगता ही नहीं कि कोई फर्जीवाड़ा हो रहा है। इसके बाद ये उन लोगों से तीन महीने की सेलेरी के बराबर पैसा ले लेते, ये बोलकर कि नौकरी लगने के एक साल बाद ये पैसा वापस कर दिया जाएगा।खासकर इंजीनियरिंग कॉलेज से निकले छात्रों को। ये फोन करके बताती है कि इन प्लेसमेंट कंपनी छात्रों को बड़ी-बड़ी एमएनसी या आईटी फर्म में जॉब दे सकती है। नौकरी की तलाश कर रहे छात्र बड़ी ही आसानी से इनके झांसे में आ जाते। उसके बाद छात्र से कुछ रजिस्ट्रेशन फीस कंपनी के अकाउंट में ट्रांस्फर की जाती। ऐसे करके इन लोगों ने अब तक करीब 250 लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। दिल्ली पुलिस को कुछ दिन पहले मनीष गुप्ता नाम के एक लड़के ने इस कॉल सेंटर की शिकायत की। मनीष भी इस कॉल सेंटर की ठगी का शिकार बना था। उसे पहले रजिस्ट्रेन के नाम पर 1500 रुपये रखवाए गए थे। उसके बाद उसका टेलिफोनिक इंटरव्यू हुआ और फिर उसे ऑफर लेटर भेज दिया गया। ऑफर लेटर भेजने के बाद कंपनी ने मनीष का ट्रस्ट जीत लिया था और फिर उससे करीब 70 हजार रुपये की मांग की गई। उसने इस कॉल सेंटर को वो पैसा दे दिया, लेकिन जॉब का कोई पता नहीं था। मनीष को समझ आ गया था कि उसके साथ ठगी हुई है। इसके बाद ही उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जांच शुरू की तो इस कॉल सेंटर की हकीकत सामने आई।खासकर इंजीनियरिंग कॉलेज से निकले छात्रों को। ये फोन करके बताती है कि इन प्लेसमेंट कंपनी छात्रों को बड़ी-बड़ी एमएनसी या आईटी फर्म में जॉब दे सकती है। ऑफर लेटर भेजने के बाद कंपनी ने मनीष का ट्रस्ट जीत लिया था और फिर उससे करीब 70 हजार रुपये की मांग की गई। उसने इस कॉल सेंटर को वो पैसा दे दिया, लेकिन जॉब का कोई पता नहीं था। मनीष को समझ आ गया था कि उसके साथ ठगी हुई है। इसके बाद ही उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।नौकरी की तलाश कर रहे छात्र बड़ी ही आसानी से इनके झांसे में आ जाते। उसके बाद छात्र से कुछ रजिस्ट्रेशन फीस कंपनी के अकाउंट में ट्रांस्फर की जाती। इन लोगों ने द्वारका में 15 हजार रुपये देकर एक फ्लैट किराए पर लिया हुआ था जहां से पिछले 6 महीने से ये इस फर्जी कॉल सेंटर को चला रहे थे। आमिर जिशम इसका मास्टर माइंड था जो खुद एक इंजीनियर है। जिशम के अलावा शिवम, राहुल सिंह और रेखा इस फ्रॉ में उसका साथ दे रहे थे। इन्होंने नकली सिम और कई बैंक अकाउंट खोले हुए थे जिनमें ये पैसा ट्रांस्फर करवाते थे। इस तरह से हर महीने ये करीब 3 लाख रुपये की कमाई कर रहे थे। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच की जा रही है कि इन्होंने कितने और लोगों को ऐसे ठगा है।

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