Friday, September 20, 2024
HomeIndian Newsजब पाकिस्तानी तानाशाह से भिड़ गए लाल बहादुर शास्त्री?

जब पाकिस्तानी तानाशाह से भिड़ गए लाल बहादुर शास्त्री?

एक ऐसी घटना जिसमें लाल बहादुर शास्त्री एक पाकिस्तानी तानाशाह से भिड़ गए थे! हाल ही में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ ही देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है। उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में जन्म लेने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने पीएम बनने के बाद कई दिग्गज कूटनीतिकारों को गलत साबित कर दिया। भले ही लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल छोटा हो लेकिन उन्होंने महज 19 महीनों में काफी अहम फैसले लिए जिसने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भी हिला दिया था। अपने इस छोटे कार्यकाल में लाल बहादुर शास्त्री काहिरा से लौटते हुए अचानक कराची में रुक गए। दुश्मन देश में भारत के पीएम के रुकने पर देश के साथ ही पाकिस्तान के नेता भी हैरान रह गए थे। पीएम पद के अपने छोटे से कार्यकाल में लाल बहादुर शास्त्री का पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य तानाशाह अयूब खान से काफी वाद-विवाद हुआ था। अयूब खान नेताओं को उनके कद से आंकते थे। ऐसे में जब लाल बहादुर शास्त्री देश के पीएम बने तो अयूब खान ने कद काठी से उनको कम आंका। दरअसल लाल बहादुर शास्त्री की हाइट 5 फीट 2 इंच थी वहीं अयूब खान 6 फीट 2 इंच के थे। ऐसे में उन्हें लगता था कि ये देश नहीं चला पाएंगे। इसी वजह से 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद अयूब खान ने अपना भारत का दौरा रद्द कर दिया था। अयूब खान ने कहा था कि वहां भारत में कौन है बात करने को।

अयूब का दौरा कैंसल होने के बाद खुद लाल बहादुर शास्त्री पाकिस्तान गए। दरअसल, शास्त्री गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में भाग लेने के लिए काहिरा गए थे। वहां से लौटते वक्त कराची में रुके। उनका पाकिस्तान का ये दौरा अयूब खान के लिए संकेत के बराबर था कि शास्त्री किसी से नहीं डरते हैं। कराची में लाल बहादुर शास्त्री की मुलाकात अयूब खान से हुई। लेकिन उस वक्त भी वो उनसे इतने प्रभावित नहीं हुए। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब में लिखा है कि अयूब खान ने अपने एक सहयोगी से कहा था – तो, यही वह व्यक्ति है जिसने नेहरू का उत्तराधिकारी बनाया गया है!

बाद में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के बीच जब भारतीय सेना अपने प्लान में कामयाब होते हुए लाहौर शहर के करीब तक पहुंच गई और वहां सीजफायर हुआ। भारतीय सेना के इस कदम के बाद अयूब खान लाल बहादुर शास्त्री का लोहा मानने लगे। धीरे- धीरे वक्त बीतता गया और एक वक्त पर लाल बहादुर शास्त्री को कुछ भी नहीं मानने वाले अयूब खान उनके निधन पर विदेश से भारत आने वाले सबसे पहले शख्स थे। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री का पार्थिव शरीर देखकर कहा था कि यही आदमी भारत और पाकिस्तान को एक साथ ला सकता था।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments