एक ऐसी घटना जिसमें ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ने जेल पहुंचा दिया! दिल्ली का एक ब्लाइंड रॉबरी केस। न कोई सुराग, न कोई गवाह, लेकिन पुलिस इस केस को सॉल्व कर लेती है। दिल्ली पुलिस आखिरकार उन तीन अपराधियों तक पहुंच जाती है जिन्होंने इस लूटपाट को अंजाम दिया और ये सब होता है पेटीएम की वजह से। जुलाई 2021 दिल्ली पुलिस को एक अस्पताल से फोन आता है। अस्पताल से बताया जाता है कि उनके पास घायल अवस्था में लड़के को लाया गया है। लड़के के शरीर में चाकू के वार के निशान हैं। पुलिस अस्पताल पहुंचती है तो पता चलता है कि लड़का उत्तराखंड का रहने वाला है और दिल्ली में एक होटल में काम करता है। होटल में वो एक वेटर है। उस रात वो होटल से काम निपटाकर आजादपुर की तरफ जा रहा था जहां उसने किराए पर कमरा लिया हुआ था। होटल से वो लड़का जैसे ही आगे बढ़ता है। उसके ऊपर दो लड़के हमला कर देते हैं। एक लड़का उसे पीछे से पकड़ता है और दूसरा उसके हाथ में रखा मोबाइल छीन लेता है। उसपर चाकू से वार किए जाते हैं और उसे घायल कर दिया जाता है। भूवन नाम के इस लड़के से उसका पर्स भी छीन लिया जाता है। पुलिस केस की जांच शुरू करती है। आसापास के सीसीटीवी फुटेज तलाशी जाती है उसमें ये नजर आता है कि भूवन के ऊपर दो लड़के हमला कर रहे हैं। लूटपाट के बाद वो दो लड़के आजापुर की तरफ बढते हैं। आगे बाइक पर एक और लड़का खड़ा होता है। लूट के बाद ये तीनों वहां से फरार हो जाते हैं। अंधेरा होने की वजह से सीसीटीवी में लड़कों की शक्लें पहचान में नहीं आती और न ही बाइक का नंबर नजर आता है।
पुलिस ये नहीं समझ पाती कि इस केस को कैसे सॉल्व किया जाए। पुलिस भूवन के फोन की डीटेल निकालती है। होटल में वो एक वेटर है। उस रात वो होटल से काम निपटाकर आजादपुर की तरफ जा रहा था जहां उसने किराए पर कमरा लिया हुआ था। होटल से वो लड़का जैसे ही आगे बढ़ता है। उसके ऊपर दो लड़के हमला कर देते हैं। एक लड़का उसे पीछे से पकड़ता है और दूसरा उसके हाथ में रखा मोबाइल छीन लेता है। उसपर चाकू से वार किए जाते हैं और उसे घायल कर दिया जाता है। भूवन नाम के इस लड़के से उसका पर्स भी छीन लिया जाता है। पुलिस केस की जांच शुरू करती है। आसापास के सीसीटीवी फुटेज तलाशी जाती है उसमें ये नजर आता है कि भूवन के ऊपर दो लड़के हमला कर रहे हैं। लूटपाट के बाद वो दो लड़के आजापुर की तरफ बढते हैं। आगे बाइक पर एक और लड़का खड़ा होता है। लूट के बाद ये तीनों वहां से फरार हो जाते हैं।तब पुलिस को पेटीएम की एक ट्रांजक्शन मिलती है। ये ट्रांजक्शन घटना के ठीक आधे घंटे बाद हुई थी। जांच करने पर पता चलता है कि ये पास ही एक पेट्रोल पंप पर ट्रांजक्शन की गई। पुलिस की टीम वहां पहुंचती है। सीसीटीवी फुटेज निकाली जाती है तो उस फुटेज में आरोपियों के चेहरे और बाइक का नंबर साफ नजर आता है।
पुलिस पेट्रोल पंप पर उस शख्स से भी बात करती है जिसने ये ट्रांजक्शन की थी। वो बताता है कि तीन लड़के उसके पास आए और कहा कि उन्हें पैसों की मेडिकल काम के लिए सख्त जरूरत है।होटल में वो एक वेटर है। उस रात वो होटल से काम निपटाकर आजादपुर की तरफ जा रहा था जहां उसने किराए पर कमरा लिया हुआ था। होटल से वो लड़का जैसे ही आगे बढ़ता है। उसके ऊपर दो लड़के हमला कर देते हैं। एक लड़का उसे पीछे से पकड़ता है और दूसरा उसके हाथ में रखा मोबाइल छीन लेता है। उसपर चाकू से वार किए जाते हैं और उसे घायल कर दिया जाता है। भूवन नाम के इस लड़के से उसका पर्स भी छीन लिया जाता है। पुलिस केस की जांच शुरू करती है। आसापास के सीसीटीवी फुटेज तलाशी जाती है उसमें ये नजर आता है कि भूवन के ऊपर दो लड़के हमला कर रहे हैं। लूटपाट के बाद वो दो लड़के आजापुर की तरफ बढते हैं। आगे बाइक पर एक और लड़का खड़ा होता है। लूट के बाद ये तीनों वहां से फरार हो जाते हैं। उन्होंने पेट्रोल पंप के कर्मचारी से रिक्वेस्ट की वो 1000 रुपये की पेटीएम ट्रांजक्शन के बदले उन्हें कैश दे दे और फिर भूवन के पेटीएम से उन्होंने एक हजार निकाल लिए। सिर्फ एक हजार रुपय की ये पेटीएम ट्रांजक्शन पुलिस के लिए बड़ी मददगार साबित हुई और फिर कुछ ही दिनों में पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।