हाल ही में मणिपुर की बैंक में एक बड़ी दहशत हुई है! बैंक के दरवाजे से उन्होंने एंट्री की। वो 8-10 लोग चेहरे पर नकाब और सेना की ड्रेस हुए थे, उनके हाथ में तमाम आधुनिक हथियार थे। गेट पर खड़े सिक्योरिटी गार्ड को कुछ समझ नहीं आया। वो कुछ सवाल पूछता इससे पहले ही आर्मी ड्रेस में ये पांच छह लोग बैंक के अंदर दाखिल हो गए। अब बैंक में जो होने वाला था वो कोई सोच भी नहीं सकता था, दरअसल ये आर्मी के जवान नहीं थे बल्कि ये थे बैंक लुटेरे जिन्होंने सेना की वर्दी पहनकर बैंक में दाखिल हुए थे। अगले 10 मिनट इस बैंक के कर्मचारियों के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं थे। गुरुवार यानी 30 नवंबर का दिन इंफाल के पीएनबी यानी पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों के लिए दहशत का दिन रहा। ये PNB की चेस्ट ब्रांच है, राजधानी इंफाल से लगभग 80 किमी दूर उखरूल शहर में । यहां से बैंक और ATM में पैसे भेजे जाते हैं। इस वजह से इस ब्रांच में हमेशा काफी ज्यादा कैश रहता है। बैंक रॉबर्स को ये बात पता थी और इसलिए इस ब्रांच को निशाना बनाया गया। सिर्फ 10 मिनट के अंदर इंफाल की इस ब्रांच से 18 करोड़ रुपये लूट लिए गए। जिस तरह से इस लूट को अंजाम दिया वो बेहद भयानक था।
बैंक लुटेरे आर्मी की ड्रेस में आए ताकी अपना रॉब दिखा सके। शाम करीब 5 बजकर 45 मिनट पर बैंक के अंदर घुसते ही एक लुटेरे ने एक कर्मचारी की कान पर बंदूक तान दी। इसके बाद दूसरे लुटेरे ने पिस्तौल दिखाकर बैंक के सारे सुरक्षाकर्मियों को एक जगह इकट्ठा होने का निर्देश दिया। सिक्योरिटी गार्ड्स की बंदूकें छीन ली गईं। इसके बाद सभी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को टॉयलेट में ले जाया गया। रस्सी से उनके हाथ पैर बंद कर दिए गए और उन्हें वही वॉशरूम में बंद कर दिया गया। अब बैंक के अंदर सिर्फ मैनेजर और सारे बैंक रॉबर्स थे। ये वो बैंक कर्मचारी था जिसकी कान बंदूक तानी हुई थी।
उन्होंने बैंक के कैशियर को बंदूक की नोक पर तिजोरी खोलने के लिए कहा। इसके बाद लुटेरों ने वहां से सारा पैसा अपने बैग में भरा और फिर फरार हो गए। बैंक लुटरों के वहां से भागते ही तुरंत पुलिस को खबर दी गई, लेकिन वो पकड़ में नहीं आए। बैंक से 18 करोड़ रुपये दिन दहाड़े लूट लिए गए। गुरुवार को ये घटना हुई जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। कर्मचारी अभी भी दहशत में है। इस पूरे मामले में करीब 10 मिनट का वक्त लगा। उखरूल पुलिस स्टेशन में ये मामला दर्ज है और पुलिस लुटेरों की तलाश कर रही है। इस पूरी घटना में लुटेरों ने बैंक के किसी कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
यहि नहीं बैंकिंग की दुनिया की सबसे बड़ी लूट थी जिसे सर्वर को हैक करके अंजाम दिया गया था। ये बात है साल 2018 की। अगस्त महीने का 18वां दिन था। सामान्य तरीके से बैंकिंग का काम चल रहा था, लेकिन 3 बजते ही अचानक वो हुआ जिसकी कभी भी कल्पना नहीं जा सकती थी। कॉसमॉस कोऑपरेटिव बैंक के हेड ऑफिस के सर्वर को क्रिमिनल्स ने हैक कर लिया। सर्वर हैक हुआ तो ग्राहकों के बैंक की पूरी जानकारी निकाल ली गई। ग्राहको के डेबिट कार्ड की डिटेल इन हैकर्स तक पहुंच गई और फिर पूरी दुनिया के 28 देशों की अलग-अलग एटीएम मशीनों से एक के बाद एक कर पैसे निकाले जाने लगे।
बैंक प्रशासन नींद उड़ गई। ट्रांजेक्शन पर ट्रांजेक्शन हो रही थी, लेकिन बैंक कुछ नहीं कर पा रहा था। करीब 500 ग्राहकों डेबिट कार्ड क्लोन हो चुके थे। जितने घंटे बढ़ रहे ट्रांजेक्शन उतनी बढ़ रही थी। आईटी की टीम काम पर जुटी हुई थी, लेकिन कुछ नहीं हो रहा था। हर मिनट बैंक के लिए भारी पड़ रहा था। ग्राहकों के बैंक अकाउंट खाली होने लगे थे। 28 देशों में करीब 12000 हजार बैंक ट्रांजेक्शन हुई। कुछ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हुईं , कही एटीएम मशीन से पैसे निकाले गए। 3 बजे से बैंकिंग की लूट का ये खेल शुरू हुआ और रात 10 बजे तक चलता रहा। कई टीमें इसे रोकने पर लगी थी। ग्राहकों तक भी खबर पहुंच चुकी थी, क्योंकि जैसे ही अकाउंट डेबिट होता ऑटो जेनरेटेड मैसेज आता। हर तरफ हड़कंप मच गया। कभी एक लाख, कभी 2 लाख, कभी दस 10 लाख, न जाने कितनी ही ट्रांजेक्शन हो चुकी थी। रात दस बजते-बजते करीब 80 करोड़ रुपये बैंक से निकाले जा चुके थे। भारत में भी 2089 बैंकिंग ट्रांजेक्शन हुई और 2.50 करोड़ रुपये लोगों के अकाउंट से निकाले गए। लूटी गई रकम का बड़ा हिस्सा हॉन्गकॉन्ग के बैंक में भी ट्रांसफर किया गया।
दो दिन बाद यानी 13 अगस्त को फिर ऐसा ही कुछ हुआ और स्विफ्ट सिस्टम के जरिए 14 करोड़ रुपये और चुरा लिए गए। बैंकिंग की ये सबसे बड़ी हैकिंग थी। 11 और 13 अगस्त को 94 करोड़ रुपये जा चुके थे और ये पता नहीं था कि ये लूट किसने की। जांच शुरू हुई,बैंलेकिन क्रिमिनल्स का कोई पता नहीं चला, लेकिन अब पांच साल बाद जाकर इसी साल इस मामले में पुणे के 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से पुलिस ने 5 करोड़ 72 लाख रुपये बरामद भी किए।