जब बिक गया था राजू श्रीवास्तव का घर, जानिए राजू की दिल को छू लेने वाली कहानी!

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राजू श्रीवास्तव ने अपने जीवन में काफी परिश्रम किया है! अपनी कॉमेडी से सबको हंसाने और गुदगुदाने वाले राजू श्रीवास्तव सभी को रुलाकर चले गए। सबके चहेते ‘गजोधर भैया’ का 21 सितंबर को सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया। 10 अगस्त को हार्ट अटैक आने के बाद से वो करीब 42 दिन से दिल्ली के एम्स में मौत से जंग लड़ रहे थे। जैसे ही राजू की मौत की खबर आई, उनके कानपुर वाले घर के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई। पड़ोसी गमगीन हो गए। उन्होंने बताया कि सफलता मिलने के बाद भी राजू बदले नहीं। वो अपनी जमीन से जुड़े हुए थे। परिवार का बहुत ख्याल रखते थे। उनसे बहुत प्यार करते थे। पड़ोसियों ने बताया कि जब उनकी बहन की शादी हुई थी, तब उनके पिता ने घर बेच दिया था, लेकिन जब राजू कामयाब हुए तो सबसे पहले उन्होंने अपना घर 10 गुना ज्यादा दाम देकर खरीदा था।राजू श्रीवास्तव के कानपुर वाले घर के अगल-बगल रहने वाले पड़ोसियों ने बताया कि वो हर मुश्किल घड़ी में परिवार के साथ खड़े रहते थे। उन्होंने बहुत संघर्ष भी किया। इन पड़ोसियों ने ही बताया कि एक वक्त था, जब परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, तब उनके पिता को बेटी की शादी करने और पैसों का इंतजाम करने के लिए अपना घर 3 लाख रुपये में बेचना पड़ा था। घर बेचने के बाद पूरी फैमिली किराए के घर पर रहने लगी थी।

इसके बाद राजू मुंबई चले गए। वहां बहुत स्ट्रगल किया, तब जाकर फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलने लगे। राजू को पहचान बतौर स्टैंड-अप कॉमेडियन बनकर मिली। उन्होंने रिएलिटी शोज किए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बताया जाता है कि राजू श्रीवास्तव की माली हालत जब सुधरी तो उन्होंने सबसे पहले अपना घर वापस खरीदा। इसके लिए उन्होंने 28 से 30 लाख रुपये चुकाए। भले ही उस घर के लिए उन्हें 10 गुना ज्यादा कीमत देनी पड़ी, लेकिन उन्होंने उस घर को हाथ से जाने नहीं दिया, जिसमें उन्होंने बचपन गुजारा था।

राजू इस घर में करीब ढाई महीने पहले गए थे। पड़ोसियों ने बताया कि घर में एक फैमिली फंक्शन था, जिसमें राजू भी शामिल हुए थे। जब वो वहां गए थे, जब उन्होंने कुछ लोगों की आर्थिक मदद भी की थी। लोगों ने ये भी बताया कि राजू जब भी घर आते थे तो मिठाई जरूर लाते थे। ऐसे थे सबके प्यारे ‘गजोधर भैया।’

बता दें कि 58 साल के राजू पिछले 42 दिन से वेंटिलेटर पर थे। डॉक्टर की टीम दिन-रात उनकी निगरानी कर रही थी।

जब उनसे पूछा गया कि वो राजू श्रीवास्तव के किरदार में किन्हें देखना पसंद करेंगे तो सुनील पाल ने कहा, ‘मैं तो उनसे इतना प्यार करता हूं, मुझे अगर सौभाग्य मिले तो मैं खुद को गदगद समझूंगा कि राजू श्रीवास्तव जी का कैरक्टर मुझे करने को मिला। स्टैंडअप कॉमेडी से ही जुड़ा हुआ कई बंदा होना चाहिए, कोई एक्टर उसे नहीं कर पाएगा।’

सुनील पाल ने कहा, ‘दुर्भाग्य से उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं हुआ, मुझे लगा था कि ये जरूर उन्हें मिलना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका, ये सोचने का विषय है। 40 साल से शुद्ध कॉमेडी करने वाले देश-विदेश में सबको हंसाने वाले कॉमेडियन ऐसे कलाकार के अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान मुझे तो नहीं दिखाई दिया।’

कॉमेडियन रोहन जोशी ने राजू श्रीवास्तव को लेकर एक भद्दा कॉमेंट किया था, जिसकी वजह से वह ट्रोल भी हुए। जोशी ने सोशल मीडिया पर राजू के लिए ये कह दिया था कि जान छूटी, इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए सुनील पाल ने कहा, ‘ये लोग मेरी नजर में इंसान हैं ही नहीं। न किसी धर्म के हैं, न ये अपने आपके हैं, न किसी के बाप के हैं। ये कलाकार नहीं, कलंकार हैं, जीते जागते आतंकवादी। कोई मृत आत्मा के बारे में ऐसा कहता है तो कौन से धर्म और कौन सी कैटिगरी में उसे रहने का हक है। ऐसे लोगों को आतंकवादी समझकर ताउम्र जेल में डाल देना चाहिए और रोज डंडे मारना चाहिए।’

10 अगस्त को जिम में ट्रेडमिल पर दौड़ते समय उन्हें हार्ट अटैक आया था। इसके बाद से ही वो बेहोश थे। बताया जाता है कि 20 सितंबर की रात तक सबकुछ ठीक था, लेकिन अगली सुबह (21 सितंबर) को दूसरे हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली। और इस तरीके से सभी को हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव इस दुनिया को अलविदा कह गए!