जब इशारों ही इशारों में कश्मीर के बारे में बोल गए एस जयशंकर!

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हाल ही में एससीओ समिट में एस जयशंकर इशारों ही इशारों में कश्मीर के लिए बोल गए! विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ बैठक के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की मौजूदगी में पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता लगातार घट रही है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं। सीमा पर हालात सुधरने तक ये रिश्ते सामान्य हो भी नहीं सकते। बैठक के बाद जयशंकर ने पाक विदेश मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि वे यहां आतंक की इंडस्ट्री का प्रवक्ता बनकर आए। जयशंकर ने पाक विदेश मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के पीड़ित और पोषण करने वाले साथ नहीं बैठ सकते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ जी-20 और श्रीनगर मुद्दा है ही नहीं पाकिस्तान के साथ सिर्फ और सिर्फ पीओके ही मुद्दा है।

भारत ने पाकिस्तान-चीन के बीच तथाकथित कॉरिडोर के बारे में SCO की बैठक में एक नहीं दो बार ये स्पष्ट किया कि कनेक्टिविटी विकास के लिए जरूरी है लेकिन कनेक्टिविटी किसी की संप्रभुता और क्षेत्रिय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “SCO सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ बाकी सदस्य देशों के विदेश मंत्री की तरह ही व्यवहार किया गया। लेकिन आतंकवाद के प्रोमोटर, प्रोटेक्टर और आतंक के इंडस्ट्री के प्रवक्ता के तौर पर उनका काउंटर किया गया।”

गोवा के पणजी में शुक्रवार को विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक हुई। बैठक से पहले भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने एससीओ के सदस्य देशों को विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भी भारत पहुंचे हैं। शुक्रवार को विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री का स्वागत किया।

एससीओ की बैठक के दौरान अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और परोक्ष रूप से पाकिस्तान को निशाने पर लिया। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का कहर जारी है। हमारा ये मानना है कि किसी भी तरह से आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता और इसे रोका जाना चाहिए। इसमें सीमा पार से आतंकवाद और अन्य सभी तरह का आतंकवाद शामिल है। एससीओ की बैठक का मूल उद्देश्य आतंकवाद से मुकाबला है।

एस जयशंकर ने ये भी कहा कि एससीओ में सुधार और इसे आधुनिक बनाने पर भी चर्चा हुई। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और परोक्ष रूप से पाकिस्तान को निशाने पर लिया। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का कहर जारी है। हमारा ये मानना है कि किसी भी तरह से आतंकवाद को सही नहीं ठहराया जा सकता और इसे रोका जाना चाहिए। इसमें सीमा पार से आतंकवाद और अन्य सभी तरह का आतंकवाद शामिल है। एससीओ की बैठक का मूल उद्देश्य आतंकवाद से मुकाबला है।भारत लंबे समय से मांग कर रहा है कि अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाया जाए, जिससे अंग्रेजी बोलने वाले सदस्यों देशों के बीच ज्यादा गहराई से चर्चा हो सके। भारत ने अपने मांग के पक्ष में सदस्य देशों से समर्थन भी मांगा।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए गुरुवार को गोवा पहुंचे। गुरुवार की शाम को एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मान में डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विदेश मंत्रियों ने एक दूसरे का अभिवादन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया लेकिन इसकी तस्वीरें सामने नहीं आई हैं। बता दें कि करीब 12 साल बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले साल 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था।

विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर और तजाकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन ने गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर एक द्विपक्षीय बैठक की। विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर और किर्गिजस्तान के विदेश मंत्री जीनबेक कुलुबायेव ने भी गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर द्विपक्षीय बैठक की।