एक ऐसी घटना है जब उत्तर प्रदेश की शिक्षामित्र ही हत्यारी बन गई! 2008 में अप्रैल का महीना था। गर्मी धीरे-धीरे बढ़ रही थी। 14/15 अप्रैल की रात करीब एक बजे अमरोहा जिले की हसनपुर कोतवाली का फोन अचानक बजने लगा। नाइट ड्यूटी पर तैनात मुंशी ने फोन उठाया। फोन करने वाले ने बताया कि बावनखेड़ी गांव से बोल रहा है। पड़ोस में रहने वाले शौकत मास्टर साहब के घर कोई बड़ा हादसा हो गया है। घर से उनकी बेटी के रोने की आवाज आ रही है। इसके साथ ही फोन कट गया। मुंशी ने तत्काल कोतवाल को जानकारी देने के साथ ही गश्त पर निकले सिपाहियों को मौके पर भेजा। करीब आधे घंटे बाद सिपाहियों ने बताया कि शौकत के साथ ही परिवार के सात लोगों की हत्या हो गई है। कोतवाल ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी और दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। घर का मंजर देखकर सबकी रूह कांप गई। घर के चार अलग-अलग कमरों ने शौकत, पत्नी हाशमी, बड़े बेटे अनीस, बहू अंजुम, छोटे बेटे राशिद, भांजी राबिया और 11 महीने के पौत्र की लाशें पड़ी थीं। कमरों में चारों तरफ खून फैला था। मासूम को छोड़ बाकी सबकी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या की गई थी। सिर्फ शौकत की बेटी शबनम बची थी, जो दहाड़े मार-मार कर रो रही थी। यूपी के अमरोहा जिले में एक छोटा का गांव है बावनखेड़ी। इसी गांव के 50 वर्षीय शौकत इंटर कॉलेज में प्रवक्ता थे। बड़ा बेटा अनीस एमबीए और छोटा बेटा राशिद इंजिनियर था। इंग्लिश और भूगोल में एमए बड़ी बेटी शबनम पड़ोसी गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र थी। शौकत का पूरा घर पढ़ा लिखा था, ऐसे में गांव में काफी इज्जत थी। साथ ही परिवार संपन्न भी था। भांजी राबिया भी शौकत के घर पर रहकर पढ़ कर रही थी। घटना के दो साल पहले ही शौकत ने अपने बड़े बेटे की शादी की थी।
प्राथमिक छानबीन के बाद पुलिस ने सातों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। साथ ही शबनम से पूछताछ शुरू की। उसने बताया कि रात में खाने के बाद छत पर सोने चली गई थी। देर रात कुछ बदमाश छत से जीने के रास्ते नीचे पहुंचे और परिवारीजनों की हत्या के बाद दरवाजा खोलकर फरार हो गए। परिवार के सात लोगों की हत्या हुई थी, सो जिले के आला अफसरों के साथ मुरादाबाद रेंज के डीआईजी और बरेली जोन के आईजी भी मौके पर पहुंच गए। फिंगरप्रिंट टीम के साथ ही खोजी कुत्तों को भी बुलाया गया। काफी छानबीन के बाद भी पुलिस को छत पर या दीवार पर किसी का कोई निशान नहीं मिला। छत पर सीढ़ी लगाने के भी निशान नहीं थे। छत से पानी का एक पाइप नीचे उतरा था, उस पर भी फिंगर प्रिंट वालों को कोई निशान नहीं मिले।
उस समय मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं। अमरोहा में एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या की सूचना पाकर खुद बावनखेड़ी गांव पहुंच गईं। मुख्यमंत्री ने परिवार में अकेली जीवित बची शबनम को सांत्वना देने के साथ ही पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। साथ ही जल्द से जल्द घटना का पर्दाफाश करवाने का आश्वासन दिया। सामूहिक हत्या से पुलिस पहले से दबाव में थी। सीएम के पहुंचने से दबाव और बढ़ गया। मुरादाबाद के सीनियर क्राइम रिपोर्टर रहे पंकज त्रिपाठी बताते हैं कि प्राथमिक छानबीन और पूछताछ के बाद शक की सुई शबनम के आस-पास ही घूम रही थी। हालांकि सीएम मायावती के मौके पर पहुंचने और आर्थिक मदद देने के बाद पुलिस बिना साक्ष्य जुटाए कुछ भी बोलने से कतरा रही थी।
शक के आधार पर पुलिस ने शबनम के मोबाइल का कॉल रेकॉर्ड खंगालना शुरू किया। पता चला कि उसके नंबर से पिछले तीन महीने में एक ही नंबर पर नौ सौ से अधिक कॉल हुए थे। सीडीआर से पता चला कि घटना की रात उन दोनों के नंबर पर 52 कॉल हुईं थीं। मोबाइल नंबर गांव में रहने वाले सलीम का था, जिसकी गांव में ही आरा मशीन थी। पूछताछ करने पर गांव वालों से पता चला कि सलीम का शबनम से प्रेम-प्रसंग है। लगभग रोज सलीम ही बाइक से शबनम को स्कूल छोड़ने जाता है। इतनी जानकारी के बाद पुलिस ने सलीम की तलाश शुरू की और 17 अप्रैल को धर दबोचवा। कोतवाली में पूछताछ के दौरान पहले तो सलीम ने इधर-उधर की कहानी सुनाई। लेकिन, सख्ती करने पर टूट गया और सामूहिक हत्याकांड की पूरी कहानी सुना डाली।
सलीम ने पुलिस को बताया कि हत्याएं शबनम के साथ मिलकर की हैं। वह और शबनम कई सालों से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लेकिन, शबनम का परिवार तैयार नहीं था। इसकी दो वजहें थीं, एक सलीम सिर्फ सातवीं तक पढ़ा था और दूसरी वजह थी सलीम का परिवार संपन्नता में शौकत के परिवार से काफी कम था। रिटायर्ड आईपीएस राजेश पांडेय बताते हैं कि दोनों प्यार में इतने अंधे हो गए कि पूरे परिवार को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। हत्याकांड की मुख्य सूत्रधार शबनम ही थी। सलीम ने पूछताछ में बताया कि शबनम ने रात को खीर भी बनाई और उसमें बेहोशी की दवा मिला दी थी। दवा सलीम ने ही दी थी। शबनम को छोड़कर घर के सभी सदस्य खीर खाकर बेहोश हो गए, तब शबनम ने फोन से उसे बुलाया। दोनों ने मिलकर कुल्हाड़ी से परिवार के छह लोगों की काटकर हत्या कर दी। छह लोगों की हत्या के बाद सलीम चला गया और कुल्हाड़ी रास्ते में पड़ने वाले तालाब में फेंक दी थी। उसके जाने के कुछ देर बाद शबनम ने फिर फोन किया और कहा कि भतीजा रो रहा है, उसे भी मारना है। लेकिन, उसने मना कर दिया था। ऐसे में शबनम से मासूम भतीजे को गला दबाकर मार डाला। पुलिस ने तालाब से घटना में प्रयुक्त कुल्हाड़ी बरामद की और 18 अप्रैल को शबनम को गिरफ्तार कर सामूहिक हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया।