जब अभिनेत्री मंदाकिनी पर उठ गई थी, उंगलियां जानिए अद्भुत बात!

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अभिनेत्री मंदाकिनी अपने समय की बहुचर्चित हुस्न की मल्लिका रही है! तकरीबन 37 साल पहले आई राज कपूर की ‘राम तेरी गंगा मैली’ में अपनी बोल्डनेस से हंगामा मचाने वाली अभिनेत्री मंदाकिनी करीब 26 साल बाद मनोरंजन जगत में कमबैक करने जा रही हैं अपने बेटे राबिल ठाकुर के साथ ‘मां ओ मां’ म्यूजिक विडियो से। अभिनय के क्षेत्र में केंद्रीय और दमदार भूमिकाएं करने की इच्छुक मंदाकिनी इस खास मुलाकात में अतीत के पैन पलटते हुए फिल्मों में आना, राज कपूर, झरने के नीचे नहाने और ब्रेस्ट फीडिंग जैसे बोल्ड सीन, अपनी मां, बेटे राबिल, इंडस्ट्री और गैंगस्टर के साथ नाम जुड़ने जैसे कई मुद्दों पर दिल खोल कर बातें करती हैं।

बहुत प्यारा गाना है। लिखा भी बहुत खूबसूरत है। सुनकर रोना-सा आ जाता है। मैंने जब इसे पहली बार सुना, तो मेरी आंख में आंसू आ गए थे। इस सॉन्ग के राइटर-डायरेक्टर साजन अग्रवाल को मैं 30 सालों से जानती हूं। इनके साथ पारिवारिक माहौल है। मुझे लगा, इनके साथ मेरे घर का माहौल है। मुझे बाहर का आदमी न कुछ बोलेगा, न मुझ पर उस तरह का कोई प्रेशर रहेगा। इसके साथ ही मेरे बेटे राबिल ठाकुर को मेरे साथ काम करने का मौका मिलेगा। तकरीबन ढाई दशक के बाद मैं नई पारी शुरू करने से पहले कुछ छोटा करके देखना चाहती थी। ताकि मैं खुद को देख सकूं कि अब मैं पर्दे पर कैसी दिखती हूं? इस गाने की शूटिंग बहुत ही सुगमता से हुई। हमने इस गाने को मड आइलैंड में शूट किया। इसमें कोई डिजाइनर वियर या अलग सा लुक नहीं था। एक सिंपल और नेचुरल लुक था।

वे आज भी मेरे साथ ही रहती हैं। बचपन से लेकर अब तक मेरा अटैचमेंट मां के साथ ही रहा। जब मैं फिल्मों में आई, तो मेरी मां मेरे साथ शूटिंग के सेट पर भी आया करती थी और उस वक्त ये बात लोगों को बहुत बुरी लगती थी। लोग बहुत बातें बनाते थे। बहुत गलत मतलब निकालते थे। ये हर वक्त अपनी मां को साथ लेकर क्यों घूमती हैं? सच कहूं, तो उस वक्त मुझमें भी इतना आत्मविश्वास नहीं था। मां भी मुझे अकेले नहीं छोड़ती थी। सालों बाद इस गाने की शूट पर भी मां को मैं साथ लाई थी। जहां तक मेरी अपनी बात है, मैं एक प्रोटेक्टिव मां हूं। जब राबिल छोटा था, तो मैं तो उसे स्कूल बस से भी नहीं भेजती थी बल्कि खुद छोड़ने और लेने जाती थी। अब जब मेरा बेटा अभिनय के फील्ड में कदम रख रहा है, तो मैं उसे गाइड करती हूं। आज भी उसे लेकर उतनी ही प्रोटेक्टिव हूं। अपनी बेटी को लेकर भी मैं काफी प्रोटेक्टिव हूं।

स्क्रीन टेस्ट तो उन्होंने सभी हीरोइनों के लिए थे। मगर वे एक ऐसा फेस चाहते थे, जिसे वे गंगा की इमेज दे सकें। उनका कहना था, जिसकी पहले से इमेज बनी हो, उसे मैं नई इमेज नहीं दे सकता। किसी भी चीज को इमेज देने के लिए एक फ्रेशनेस की जरूरत होती है। उनके आस-पास के लोग उन पर दबाव डाला करते थे कि इसको ले लो, उसको ले लो, तो वो उनको खुश करने के लिए स्क्रीन टेस्ट ले लिया करते थे। मगर उन्होंने कह दिया था कि वे लेंगे उसी को, जिसे वे गंगा की इमेज दे सकें। मुझमें उन्हें वो बात नजर आई। मगर जब मैं राज कपूर साहब के संपर्क में आई, तो उस वक्त मुझे उनकी महान शख्सियत का अंदाजा नहीं था। मुझे धीरे-धीरे अंदाजा हुआ कि मैं कितने बड़े डायरेक्टर के साथ काम कर रही हूं। मैं उस वक्त बेहद सीधी-सादी मासूम बच्ची हुआ करती थी। वे मुझे जैसा करने को कहते मैं करती। जहां खड़े रहने को कहते, मैं खड़ी हो जाया करती थी। मैनिपुलेशन क्या होता है? काम कैसे मांगा जाता है? मुझे कुछ पता नहीं था।

मैं उनसे बहुत डरती थी, तो मैं अपने सीन को लेकर पूरी तरह से तैयारी के साथ आती थी, क्योंकि जब भी सेट पर रीटेक होते, तो वे बहुत गुस्सा हो जाते थे। शूटिंग में रीटेक तो कई बार हुए, मगर मेरे कारण कभी नहीं हुआ। वे मुझे लेकर बहुत प्रोटेक्टिव थे। जब भी शूट पर जाते तो अलग-अलग गाड़ियां जाती थीं, मगर मैं हमेशा उनके साथ होती थी। वे हमेशा मुझे और मेरी सिस्टर को गाड़ी में साथ बैठाते थे। मुझे किसी और के साथ बैठने नहीं देते थे। आउटडोर में होटल में भी ऐसा रूम लेते थे, जो बिलकुल उनके सामने हो। ताकि वे हमें प्रोटेक्ट कर सकें। असल में वे हमको लेकर ओवर प्रोटेक्टिव थे। उन्हें लगता था कि हम बहुत इनोसेंट हैं, हमें कोई भी मैनुपुलेट कर सकता है। वे मुझे बेटी की तरह मानते थे। इनफैक्ट पोती की तरह, क्योंकि उनके बड़े बेटे रणधीर कपूर मेरे पापा की उम्र के हैं। वे खुद कहते थे कि आपके पिता मेरे बेटे जैसे हैं, तो तुम मेरी ग्रैंड डॉटर की तरह हो। मैं तुमको डांट भी सकता हूं, तो कभी बुरा मत मानना।

मैं विवादों पर ध्यान नहीं देती और न ही उनके बारे में ज्यादा सोचती हूं। मुझे लगता है कॉन्ट्रोवर्सीज हमारी लाइफ का हिस्सा होते है। जहां तक नाम जुड़ने की बात है, तो वो किस्मत में होगा शायद। क्या कर सकते हैं? मैं सोचती हूं कि आपकी जिंदगी में अगर कुछ ऐसा है, तो उससे परेशान नहीं होना चाहिए। परेशान होने के बजाय उसे अपनी ताकत बनाना चाहिए। हालांकि मैं उस पर अपना क्लैरीफिकेशन दे चुकी थी और सब क्लेरिफाई भी हो गया था। अब क्लेरिफाई बार-बार भी नहीं करना चाहिए वरना उससे वो साइकिल दोबारा शुरू हो जाता है।