एक ऐसी घटना जिसमें देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल पर फिल्म बनाई गई! देश में प्रदर्शन, विरोध, धरने और वजह एक फिल्म। जी हां पहले ‘द केरला स्टोरी’ और अब ‘अजमेर 92’ फिल्में देश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। कोई इन्हें रोकने की मांग कर रहा है तो कोई इसे धर्म विशेष पर हमला बता रहा है। आखिर क्या है इस फिल्म में ऐसा जो एक विशेष वर्ग इसे रोकने की मांग कर रहा है। दरअसल ये फिल्म साल 1992 में हुए देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल पर आधारित है, जिसमें अजमेर की 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी और आरोप लगे थे अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम पर। अजमेर के सबसे रसूखदार चिश्ती परिवार पर आई गैंगरेप कांड की आंच। चलिए जानते है क्या था ये पूरा केस। 19 अप्रैल 1992 के दिन अजमेर शहर के एक अखबार में बेहद खतरनाक तस्वीर छपी। ये तस्वीर थी शहर के बड़े घरानों की लड़कियों की। स्कूल कॉलेज जाने वाली ये लड़कियां इसमें अर्धनग्न हालत में नजर आ रहीं थी। जैसे ही ये खबर अखबार में छपी पूरे शहर में सनसनी फैल गई। हर कोई हैरान था। सारी लड़कियां काफी अच्छे घरों की थी। ऐसी तस्वीरें उनके परिवार वालों के लिए मुसीबत का सबब बन गईं।
इस अखबार में 15 मई को एक बार फिर यही खबर छपी। इस बार खबर पूरे डिटेल के साथ थी। इस खबर से सामने आया कि अजमेर की लड़कियों के साथ लंबे समय यौन शोषण किया जा रहा था और इस यौन शोषण के आरोप लगे थे अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम चिश्ती परिवार पर। चिश्ती परिवार के नफीस चिश्ती और फारूक चिश्ती पर। चिश्ती परिवार लंबे समय से अजमेर शरीफ दरगाह का खादिम रहा था। ये परिवार अजमेर का सबसे पावरफुल अमीर और रसूखदार परिवार माना जाता था।
इस मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि एक-एक कर अजमेर की 100 ज्यादा लड़कियों को इस सेक्स स्कैंडल में फंसाया गया था। दरअसल इसकी शुरुआत होती है सोफिया नाम के रेस्टोरेंट से। नफीस चिश्ती और फारूक चिश्ती की अय्याशियां पहले ही अजमेर में काफी मशहूर थी। महंगी गाड़ियों में घूमना फिरना, बड़े-बड़े होटल्स में जाना ये लोग अपने हर शौक पूरे कर रहे थे। अजमेर शरीफ दरगाह की देखरेख के अलावा नफीस चिश्ती का राजनीतिक ताकत भी काफी ज्यादा थी। वो यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था।
अपने कुछ दोस्तों के साथ उस दिन ये दोनों रेस्टोरेंट में आए हुए थे। वहां कुछ अच्छे घरों की लड़कियों का एक ग्रुप आया हुआ था। नफीस चिश्ती के एक दोस्त ने कहा कि आज नफीस का जन्मदिन है इसलिए सब लड़कियों को फ्री आइसक्रीम खिलाई जाएगी। इस बार खबर पूरे डिटेल के साथ थी। इस खबर से सामने आया कि अजमेर की लड़कियों के साथ लंबे समय यौन शोषण किया जा रहा था और इस यौन शोषण के आरोप लगे थे अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम चिश्ती परिवार पर। चिश्ती परिवार के नफीस चिश्ती और फारूक चिश्ती पर। चिश्ती परिवार लंबे समय से अजमेर शरीफ दरगाह का खादिम रहा था। ये परिवार अजमेर का सबसे पावरफुल अमीर और रसूखदार परिवार माना जाता था।बस ये पहली चाल थी इस सेक्स स्कैंडल को अंजाम देने की। धीरे-धीरे नफीस के दोस्त इन लड़कियों से एक-एक कॉन्टेक्ट करते रहे। लड़कियों को राजनीतिक फायदा दिलाने के नाम पर ये नफीस चिश्ती से मिलाते। ये मुलाकात नफीस के एक फार्म हाउस पर होती। मुलाकात के नाम पर वहां ले जाई गई लड़की के साथ नफीस चिश्ती, फारूक चिश्ती और उसके दोस्त रेप करते और उनकी नंगी तस्वीरें खींचते।
इसके बाद उस लड़की को ब्लैकमेल किया जाता है और उस लड़की को अपनी एक दोस्त को उस फार्म हाउस में लाने के लिए मजबूर किया जाता है। ऐसे ही एक के बाद एक 100 से ज्यादा अच्छे घरों की लड़कियों के साथ ये यौन शोषण किया जाता है। इस मामले के अखबार में छपने के बाद कई लड़कियां सुसाइड कर लेती हैं। कई परिवार अपनी इज्जत बचाने के लिए अजमेर छोड़कर चले जाते हैं। इस स्कैंडल ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
अब इसी स्कैंडल पर फिल्म बनाई गई है, जिसका ट्रेलर लॉन्च हो चुका है। फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है, लेकिन इसपर पूरे देश में बवाल शुरू हो चुका है। मुस्लिम संगठनों का कहा है कि इस फिल्म को बैन किया जाए क्योंकि इसकी वजह से पवित्र अजमेर शरीफ दरगाह पर सवाल खड़े होते हैं।