हाल ही में छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला हुआ जिसके बाद एक वीरांगना अपने पति की चिता पर लेट गई! छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में बुधवार को हुए नक्सली हमले में 10 जवान शहीद हो गए। गुरुवार को शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद शवों को शहीदों के पैतृक गांव रवाना किया गया। इस दौरान एक विचलित करने वाला मामला सामने आया। एक शहीद की पत्नी अपने पति का शव देखकर पहले तो बेहोश हो गई। उसके बाद शहीद पति के साथ चिता पर लेट गई। हालांकि परिजनों ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो जिद करती रही कि मैंने जिसके साथ जीने-मरने की कसम खाई थी जब वही नहीं है तो किसके लिए जिंदा रहूं। ये नजारा देख वहां मौजूद हर सख्स हैरान था। सबकी आंखों में आंसू थे। दरअसल, दंतेवाड़ा में हुए नक्सल हमले में लखमू मरकाम शहीद हो गये। लखमू मरकाम का पार्थिक देह जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। शहीद का शव गृह ग्राम कसोली पहुंचा तो उनकी पत्नी भी चिता पर लेट गईं।
दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में शहीद जवान के पार्थिव शरीर को जब अंतिम संस्कार के लिए परिजन लेकर जा रहे थे। तभी जवान की विधवा पत्नी रोते हुए उसकी चिता पर लेट गई। पत्नी ने रोते हुए कहा मुझे भी इनके साथ जाना है। इस दौरान एक विचलित करने वाला मामला सामने आया। एक शहीद की पत्नी अपने पति का शव देखकर पहले तो बेहोश हो गई। उसके बाद शहीद पति के साथ चिता पर लेट गई। हालांकि परिजनों ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो जिद करती रही कि मैंने जिसके साथ जीने-मरने की कसम खाई थी जब वही नहीं है तो किसके लिए जिंदा रहूं। ये नजारा देख वहां मौजूद हर सख्स हैरान था। सबकी आंखों में आंसू थे। दरअसल, दंतेवाड़ा में हुए नक्सल हमले में लखमू मरकाम शहीद हो गये। लखमू मरकाम का पार्थिक देह जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। शहीद का शव गृह ग्राम कसोली पहुंचा तो उनकी पत्नी भी चिता पर लेट गईं।इस दौरान परिजनों ने बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन शहीद की विधवा अपने पति के साथ जाने की जिद करती रही। कई बार बेहोश भी हुई। जब उसे होश आता तो पति के साथ जाने की रट लगाती रहती।
बता दें कि डीआरजी के जवानों को इनपुट मिला था कि इलाके में नक्सली मूवमेंट हो रही है। जिसके बाद जवानों की एक टीम सर्चिंग करने जा रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने पक्की सड़क में IED प्लांट किया था जिसकी चपेट में आने से 10 जवान और निजी वाहन चालक की मौत हो गई।इस दौरान एक विचलित करने वाला मामला सामने आया। एक शहीद की पत्नी अपने पति का शव देखकर पहले तो बेहोश हो गई। उसके बाद शहीद पति के साथ चिता पर लेट गई। हालांकि परिजनों ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो जिद करती रही कि मैंने जिसके साथ जीने-मरने की कसम खाई थी जब वही नहीं है तो किसके लिए जिंदा रहूं। ये नजारा देख वहां मौजूद हर सख्स हैरान था। सबकी आंखों में आंसू थे। दरअसल, दंतेवाड़ा में हुए नक्सल हमले में लखमू मरकाम शहीद हो गये। लखमू मरकाम का पार्थिक देह जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। शहीद का शव गृह ग्राम कसोली पहुंचा तो उनकी पत्नी भी चिता पर लेट गईं। हादसे के बाद राज्य के सीएम भूपेश बघेल ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। दंतेवाड़ा पुलिस लाइन में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए भूपेश बघेल और राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी पहुंचे। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने शहीदों के शव को कंधा दिया।
उन्होंने कहा, ”बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में सड़कें बनाई जा रही हैं और पुलिस शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया गया है और ऐसा हमला दो साल के अंतराल के बाद हुआ है, जिसे नक्सलियों ने निराशा में अंजाम दिया है।” माओवादी गतिविधियों को रोकने के सरकारी दावों के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ”पहले जवानों पर उनके शिविरों में हमले किए गए थे, लेकिन अब जंगल में तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ हो रही है। अब हमारे जवान शिविर में जान नहीं गंवाते।”
उन्होंने कहा कि नक्सली गर्मियों के दौरान हमला करते हैं जब जंगल में दूर तक देखा जा सकता है, क्योंकि पत्तियां और घास सूख जाती हैं। भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर और अन्य नेताओं ने भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान शहीद पुलिस जवानों के परिवार की महिलाएं और बच्चे रो रहे थे जिन्हें महिला सुरक्षाकर्मी सांत्वना देने का प्रयास कर रही थीं।