एक ऐसी घटना जिसमें इंश्योरेंस क्लेम पाने के लिए कत्ल कर दिया! जयपुर के रहने वाले महेशचन्द्र की साजिश का ये पहला कदम था। महेश ने अपनी पत्नी को फोन करके उसे एक विशेष अनुष्ठान की बात कही। महेश ने कहा कि इस अनुष्ठान को शालू ही पूरा कर सकती है। उसके मुताबिक उसने परिवार की खुशी के लिए भगवान के सामने मन्नत मांगी है कि अगर रोज़ ग्यारह दिन तक शालू यानी महेश की पत्नी मंदिर जाएगी तो भगवान उसकी मन्नत पूरी करेंगे।शालू पिछले कई सालों से अपने मायके में रह रही है। 2015 में शालू औऱ महेशचन्द्र की शादी हुई थी। दो साल तक तो सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन उसके बाद दोनों के बीच झगड़े होने लगे। दोनों की एक बेटी भी है। झगड़ों से परेशान होकर 2019 में शालू बेटी को लेकर अपने मायके रहने चली गई। हालांकि शालू और महेशअक्सर फोन पर बात करते रहते थे। दोनों कई बार बीच में मिले भी थे। इस दौरान कुछ समय पहले महेश ने शालू के नाम पर 1 करोड़ 90 लाख की एक इन्श्योरेंस पॉलिसी भी ली थी। इस पॉलिसी के मुताबिक अगर शालू की नेचुरल मॉत होती है तो महेश को 1 करोड़ रूपये मिलेंगे जबकि अगर शालू किसी हादसे में मारी जाती है तो उसे 1 करोड़ 90 लाख रूपये की रकम मिलनी थी।
बस यही से शुरूआत हुई थी जयपुर के रहने वाले महेश चन्द्र के प्लान की और इसी खूनी प्लान के तहत अक्टूबर पांच तारीख को उसने अपनी पत्नी शालू को फोन किया और मंदिर में अनुष्ठान वाली बात बताई। शालू भी अपने पति के घर लौटना चाहती थी। वो चाहती थी कि उसका पूरा परिवार खुशी-खुशी रहे और इसलिए उसने महेश की बातों पर विश्वास कर लिया। महेश ने उसे कहा कि वो अपने चचेरे भाई के साथ बाइक में बैठकर मंदिर जाए और ग्यारह दिन के इस अनुष्ठान को पूरा करे।अगली सुबह अपने पति की बात मानते हुए शालू अपने भाई के साथ बाइक में बैठकर मंदिर के लिए निकल पड़ी। तभी रास्ते में एक एसयूवी कार ने उसकी बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मारी। शालू और उसका भाई जमीन पर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन दोनों की मौत हो गई। पत्नी की मौत से शालू का पति बेहद दुखी नज़र आ रहा था। सबको यही लगा कि शालू की मौत एक हादसा है। दोनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। बाहर से दुखी महेश अंदर ही अंदर बेहद खुश था। उसे इंतजार था उस दिन का जब शालू के नाम के बीमे की 1 करोड़ 90 लाख की रकम उसे मिलेगी। और इसलिए उसने दुख चोला ओढ़ कर रखा।
पुलिस ने शुरू में तो इसे एक्सीडेंट माना, लेकिन इन्श्योरेंस की बात सामने आने के बाद गहराई से छानबीन की गई। एसयूवी कार के ड्राइवर सोनू सिंह और मालिक राकेश सिंह दोनों को गिरफ्तार किया गया तो बेहद चौंकाने वाला सच सामने आया। पुलिस को पता चला कि महेश चन्द्र ने हिस्ट्रीशीटर रुपेश कुमार राठौर को अपनी पत्नी को मारने की सुपारी दी थी। इसके लिए महेश ने रुपेश को दस लाख रूपये देने की बात कही थी। पांच लाख रुपये तो वो पहले ही दे चुका था। बाकी पांच लाख उसे काम हो जाने के बाद देने थे।रुपेश कुमार के कहने पर ही उस एसयूवी कार के ड्राइवर सोनू सिंह ने शालू और उसके भाई की बाइक को टक्कर मारी थी।
उस दिन खुद महेश चन्द्र भी वहां मौजूद था। वो ये सुनिश्चित करना चाहता था कि उसकी पत्नी की मौत हुई या नहीं। गाड़ी के टक्कर मारने के बाद वो वहां से चला गया।तभी रास्ते में एक एसयूवी कार ने उसकी बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मारी। शालू और उसका भाई जमीन पर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन दोनों की मौत हो गई। पत्नी की मौत से शालू का पति बेहद दुखी नज़र आ रहा था। सबको यही लगा कि शालू की मौत एक हादसा है। दोनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। बाहर से दुखी महेश अंदर ही अंदर बेहद खुश था। उसे इंतजार था उस दिन का जब शालू के नाम के बीमे की 1 करोड़ 90 लाख की रकम उसे मिलेगी। और इसलिए उसने दुख चोला ओढ़ कर रखा। काफी दिनों तक वो झूठ का चोला पहने रहा, लेकिन आखिरकार सच सामने आ ही गया। सोचिए एक पति ने दो करोड़ के लालच के चक्कर में अपनी पत्नी को ही मौत दे दी और अब वो इन्श्योरेंस का पैसा भी उसके हाथ नहीं आया।