पति पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है, लेकिन छोटी सी नोकझोंक कत्ल करने पर उतारू कर दें यह किसने ही सोचा होगा! आप सुबह उठें और आपको आपकी पत्नी ब्रेकफास्ट ना दे तो आप क्या करेंगे। शायद आपका जवाब होगा कि आप बाहर जाकर खा लेंगे या फिर ऑफिस में ब्रेकफास्ट कर लेंगे। अब जरा सोचिए आपकी पत्नी ने आपकी फेवरेट डिश बनाई है लेकिन उसमें नमक थोड़ा ज्यादा हो गया है तो अब आपका रिएक्शन क्या होगा। शायद आप कहेंगे कि आप या तो कुछ और बनाकर खा लेंगे या फिर खाना ऑर्डर करके मंगवा लेंगे। शाम को थके हारे आप अपने काम से घर लौटते हैं, आपकी इच्छा है कि आप मटन कोरमा खाएं, लेकिन आपकी पत्नी थकी हुई है और वो आपके लिए मटन कोरमा नहीं बना पाती तो क्या आप अपनी पत्नी का कत्ल कर देंगे, जाहिर सी बात है आपका जवाब होगा नहीं। अच्छा चलिए इससे अलग एक सवाल आपसे पूछते हैं, खासकर महिलाओं से, अगर आपका पति आपको आपकी पसंद की ड्रेस पहनने से मना कर दे और गुस्से में आ जाए, तो आप कैसे उस सिचुएशन को हैंडल करेंगी। मुझे लगता है ज्यादातर महिलाएं यहीं कहेंगी कि वो अपने पति को समझाने की कोशिश करेंगी या फिर उस बात को कुछ समय के लिए नज़रअदाज कर देंगी।
ये जितनी बातें हमने आपको यहां बताईं, ये एक सामान्य परिस्थतियां है जो अक्सर हमारे सामने आती हैं, ये परिस्थियां इस रूप में हो सकती है या किसी और रूप में लेकिन अक्सर हम अपनी रुटीन में ऐसी बातों को फेस करते ही हैं जो अक्सर हमें परेशान कर देती हैं। हम सामान्य तरीके से इन्हें सुलझाने की कोशिश करते हैं लेकिन कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि हम अपनी समझ को दरकिनार करके कुछ ऐसा कर बैठते हैं, जिसमें पछताने के अलावा और कुछ हाथ नहीं आता। ऐसा हम क्यों बोल रहे हैं, ये समझाने के लिए हम आपके सामने लाएं है पिछले दिनों हुए कुछ ऐसे मामले जिनमें इन सब सवालों का जवाब मर्डर पर जाकर खत्म हुआ। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी दर्दनाक कहानियां जो बेहद सामान्य तरीके से पैदा हुईं लेकिन पहुंच गई मौत के काले अंधेरे तक। ये आम लोगों के अपराध की ऐसी खौफनाक कहानियां है जिस सुनकर शायद आपकी भी रुह कांप जाए।
37 साल का अनुज ऑटो ड्राइवर है। शाम को वो अपने काम से लौटकर घर आता है। अनुज बेहद थका हुआ है और उसे काफी भूख भी लगी है। अनुज की पत्नी खुशबू घर पर ही है, साथ ही उनका एक बेटा भी वहां मौजूद है। अनुज खाने का इंतजार करता है लेकिन खुशबू काफी देर तक खाना बनाना शुरू नहीं करती। काफी देर होने के बाद जब खूशबू खाना बनाना शुरू करती है तो अनुज भी किचन में पहुंच जाता है। गैस में एक चुल्हे पर सब्जी रखी और दूसरी तरफ खुशबू रोटी बना रही है। अनुज उसे काफी देर तक घूरता है और फिर खाना देरी से बनाने को लेकर नाराज़गी जाहिर करता है। दोनों में बहस शुरू हो जाती है। अनुज गुस्से में गैस पर चढ़ा रोटी का तवा उठाता है और खूशबू के सिर पर दे मारता है। खूशबू के सिर से खून बहने लगता है। वो जमीन पर गिर जाती है और थोड़ी देर बाद उसका निढाल शरीर खून से लथपथ जमीन पड़ा होता है और वो मर चुकी होती है। चंद घंटों में अनुज और खुशबू के घर की कहानी पूरी तरह से बदल चुकी है। खुशबू दुनिया में नहीं है, अनुज जेल में है और उनका पांच साल का बच्चा अनाथ हो चुका है।
पुष्पा हेंब्रोम बाज़ार से शापिंग कर घर लौटती है। वो बेहद खुश है और अपने पति आंदोलन टुडू को वो सामान दिखाती है जो वो खरीदकर लाई है। पुष्पा ने अपने लिए जींस खरीदी है। आंदोलन जैसे ही जींस देखता है वो नाराज़ हो जाता है। वो पुष्पा को जींस पहनने के लिए मना करता है। अभी थोड़ी देर पहले तक पुष्पा बेहद खुश थी लेकिन अब उसका मूड ऑफ हो जाता है। आंदोलन पुष्पा को कहता है कि शादी के बाद जींस पहनना सही नहीं है। पुष्पा उसकी बातों को सुन रही है लेकिन कुछ बोल नहीं रही। वो आंदोलन की हर बात को सुनती रहती है लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा है और फिर जो होता है वो सुनकर आपको होश उड़ जाएंगे। पुष्पा कोई जवाब नहीं देती लेकिन पास ही उसे उठा लेती है और इससे पहले उसका पति कुछ समझ पाए वो उसपर वार कर देती है। जींस न पहनने की बात पुष्पा को इतना गुस्सा दिला देती है कि वो कातिल बन जाती है और वो भी अपने ही पति की।
शुक्रवार की सुबह नीलेश के घर काली तारीख बन जाती है। नीलेश और उसकी पत्नी रोज़ की तरह सुबह सात बजे उठते हैं। निर्मला अपने पति और अपने लिए चाय बनाती है। दोनों मिलकर चाय पीते हैं और बातें करते हैं। निर्मला और नीलेश की सालों से यही दिनचर्या है। चाय पीने के बाद हर रोज़ की तरह निर्मला ब्रेकफास्ट बनाने के लिए उठती है और किचन में जाकर काम करने लगती हैं। नीलेश भी अपने दूसरे कामों में लग जाता है। करीब 2 घंटे बाद निर्मला, नीलेश को नाश्ते पर बुलाती हैं। दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठे हैं, निर्मला अपने पति को खिचड़ी परोसती है। नीलेश खुश है क्योंकि उसे खिचड़ी बेहद पसंद है,लेकिन ये क्या निलेश जैसे ही खिचड़ी की पहली चम्मच मुंह में डालता है,उसके चेहरे का रंग बदल जाता है। वो अपनी पत्नी पर चीखने लगता है। दरअसल जो खिचड़ी निर्मला ने बनाई उसमें नमक काफी ज्यादा था और ये बात नीलेश को इतनी बुरी लगी कि वो अपनी पत्नी से झगड़ने लगा। दोनों में बहस होती है, निर्मला कहती हैं एक दिन अगर नमक ज्यादा हो गया तो क्या हुआ। निलेश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वो आव देखता है न ताव और निर्मला का गला घोंट देता है। निर्मला हाथ पैर छटपटाती है लेकिन निलेश का गुस्सा कुछ नहीं देखता और थोड़ी देर में निर्मला हमेशा के लिए शांत हो जाती है। अब नीलेश का गुस्सा भी ठंडा पड़ जाता है लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है,निर्मला की सांसे थम चुकी होती हैं।
ये सिर्फ चंद मामले हैं जो आपके सामने हैं, जुर्म की ऐसी कहानियां अक्सर समाज में सामने आती हैं, जहां कत्ल की कोई बड़ी वजह नहीं होती लेकिन फिर भी इतनी बेरहमी से किसी को मौत के घाट उतार दिया जाता है। ऐसी घटनाएं सुनने में बेहद अजीब लगती हैं, सामान्य परिस्थितियों में इस बात की कल्पना भी करना मुश्किल होता है लेकिन बावजूद इसके ऐसे कई अपराधों को अंजाम दिया जाता है। कातिल नहीं चाहता कत्ल करना लेकिन वो अपने दिमाग को नियंत्रित नहीं कर पाता, उसके इमोशन उस पर हावी हो जाते हैं, वो समझ नहीं पाता कि वो क्या कर रहा है। उसे न प्यार मोहब्बत दिखती है, न पति-पत्नी और न ही परिवार। कातिल के दिमाग में बस एक चीज़ घूमती और वही बनती सनसनीखेज कत्ल की एक बेहद छोटी वजह।