हाल ही में उपराष्ट्रपति ने अरुण जेटली को याद किया था! पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी प्रशंसा सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के नेता भी करते थे। इसी कड़ी में बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार के पक्ष को सुनते थे और दूसरे दृष्टिकोण को भी स्वीकार करते थे और यह नजरिया आज 100 प्रतिशत नदारद है।उन्होंने यह भी कहा कि जेटली की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक यह है कि वह कभी एक भी दुश्मन नहीं बना सके। उपराष्ट्रपति ने जेटली की पत्नी संगीता जेटली की मौजूदगी में ‘पहली अरुण जेटली स्मृति परिचर्चा’ के समापन पर ये टिप्पणियां कीं। धनखड़ ने कहा, ‘राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं उन्हें हर दिन याद करता हूं..अगर आप राजनीतिक परिदृश्य को देखें, तो आपको दूसरे अरुण जेटली नहीं मिलेंगे।’
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में, उन्हें ‘एक सख्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामना करना पड़ा था।उपराष्ट्रपति ने जेटली की पत्नी संगीता जेटली की मौजूदगी में ‘पहली अरुण जेटली स्मृति परिचर्चा’ के समापन पर ये टिप्पणियां कीं। धनखड़ ने कहा, ‘राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं उन्हें हर दिन याद करता हूंइसी कड़ी में बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार के पक्ष को सुनते थे और दूसरे दृष्टिकोण को भी स्वीकार करते थे और यह नजरिया आज 100 प्रतिशत नदारद है।उन्होंने यह भी कहा कि जेटली की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक यह है कि वह कभी एक भी दुश्मन नहीं बना सके। उपराष्ट्रपति ने जेटली की पत्नी संगीता जेटली की मौजूदगी में ‘पहली अरुण जेटली स्मृति परिचर्चा’ के समापन पर ये टिप्पणियां कीं। धनखड़ ने कहा, ‘राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं उन्हें हर दिन याद करता हूं..अगर आप राजनीतिक परिदृश्य को देखें, तो आपको दूसरे अरुण जेटली नहीं मिलेंगे।’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में, उन्हें ‘एक सख्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामना करना पड़ा था।.अगर आप राजनीतिक परिदृश्य को देखें, तो आपको दूसरे अरुण जेटली नहीं मिलेंगे।’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में, उन्हें ‘एक सख्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामना करना पड़ा था।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन वह बनर्जी भी जेटली की प्रशंसक थीं। जेटली ने इस तरह की प्रतिष्ठा अर्जित की थी।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन वह बनर्जी भी जेटली की प्रशंसक थीं। जेटली ने इस तरह की प्रतिष्ठा अर्जित की थी।’
पिछले साल उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले धनखड़ तीन साल तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे थे। इसी कड़ी में बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार के पक्ष को सुनते थे और दूसरे दृष्टिकोण को भी स्वीकार करते थे और यह नजरिया आज 100 प्रतिशत नदारद है।उन्होंने यह भी कहा कि जेटली की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक यह है कि वह कभी एक भी दुश्मन नहीं बना सके। उपराष्ट्रपति ने जेटली की पत्नी संगीता जेटली की मौजूदगी में ‘पहली अरुण जेटली स्मृति परिचर्चा’ के समापन पर ये टिप्पणियां कीं। धनखड़ ने कहा, ‘राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं उन्हें हर दिन याद करता हूं..अगर आप राजनीतिक परिदृश्य को देखें, तो आपको दूसरे अरुण जेटली नहीं मिलेंगे।’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में, उन्हें ‘एक सख्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामना करना पड़ा था।
धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में जेटली सरकार का पक्ष सुनते थे। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा आश्वस्त रहती थी कि अगर तर्कसंगत बात है, तो उसका समर्थन किया जायेगा।इसी कड़ी में बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार के पक्ष को सुनते थे और दूसरे दृष्टिकोण को भी स्वीकार करते थे और यह नजरिया आज 100 प्रतिशत नदारद है।उन्होंने यह भी कहा कि जेटली की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक यह है कि वह कभी एक भी दुश्मन नहीं बना सके। उपराष्ट्रपति ने जेटली की पत्नी संगीता जेटली की मौजूदगी में ‘पहली अरुण जेटली स्मृति परिचर्चा’ के समापन पर ये टिप्पणियां कीं। धनखड़ ने कहा, ‘राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं उन्हें हर दिन याद करता हूं..अगर आप राजनीतिक परिदृश्य को देखें, तो आपको दूसरे अरुण जेटली नहीं मिलेंगे।’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में, उन्हें ‘एक सख्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में सदन के नेता के रूप में, जेटली के लिए उनकी सीट के अलावा कुछ भी नहीं बदला था। उन्होंने कहा कि उनकी विनम्रता और बढ़ गई थी। कार्यक्रम का आयोजन यहां श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने किया था।