हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई जिसमें दुश्मनी माता-पिता से थी और कत्ल बच्चों का कर दिया गया! कितना दर्द झेल रहे होंगे वो माता-पिता जिनके बच्चों को उनके अपने रिश्तेदारों या फिर पड़ोसियों ने मौत दे दी। दो ऐसी दर्दनाक घटनाएं सामने आई जो इंसानियत से भरोसा उठा देती हैं। नन्हे हंसते खेलते बच्चों को बेहद खौफनाक मौत दे दी गई क्योंकि माता-पिता से बदला लेना था। छोटे-छोटे बच्चों को मारते हुए हत्यारों के हाथ नहीं कांपे, न दिल दुखा, उन्हें तो बस छोटे बच्चों में अपना दुश्मन दिख रहा था। सोचिए सिर्फ 5-6 साल के बच्चों में अपना दुश्मन ढूंढने वाले इंसान हैं या शैतान। मुज्जफनगर का तेवड़ा गांव जहां सिर्फ 12 परिवार रहते हैं। इस गांव में एक ऐसी वारदात हुई कि अब लोग अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे। जिस गांव में सभी लोग मिलजुलकर रहते थे वहां एक महिला ने अपनी पड़ोसी महिला के 6 साल के बेटे को भयानक मौत दी। अरसलान की उम्र महज 6 साल थी। उस दिन वो बाहर दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। उसके पड़ोस में रहने वाली महिला आसिफा ने उसे अपने घर लेकर आई। मासूम बच्चा आसिफा के साथ उसके घर चला गया।
घर ले जाकर इस महिला ने बच्चे को पूरे दिन अपने घर में कैद रखा और फिर शाम होते ही गले में रस्सी बांधकर उसकी जान ले ली। आसिफा ने बच्चे की लाश को एक बोरे में बांधा और फिर उसे तालाब किनारे फेंक आई। लाश के साथ इस महिला ने कुछ सरसों की झाड़ भी डाल दी ताकि किसी को पता न चले। अरसलान जब शाम तक घर नहीं लौटा तो माता-पिता को फिक्र हुई। पुलिस को खबर की गई। खोजबीन शुरू हुई तो पांच साल के बच्चे की लाश तालाब किनारे बोरे में बंधी हुई मिली। गांव में सिर्फ 12 ही घर थे, हर घर में जाकर पूछताछ शुरू हुई। आसिफा के घर जब पुलिस पहुंची तो वहां पुलिस को सरसों का झाड़ मिला। वैसा ही झाड़ जो लाश के साथ था। केस खुल चुका था। पता चला कि आसिफा अर्सलान की मां से अक्सर झगड़ती रहती थी। उस दिन भी वो अर्सलान की मां से झगड़कर निकली। बाहर 5 साल का बच्चा खेलता हुई दिख गया। बस उसकी मां से दुश्मनी निभाने के लिए उसने मासूम की हत्या कर डाली।
दूसरा मामला फरीदाबाद में भी कुछ इसी तरह का सामने आया है। जहां एक शख्स ने अपने ही साले के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। फूफा ही बच्चे का कातिल बन गया। साले से बदला लेने के लिए उसने 6 साल के बच्चे को नफरत का शिकार बनाया। मंगलवार के दिन फरीदाबाद की भगत सिंह कॉलोनी में रहने वाला 6 साल शिवांश अचानक गायब हो गया। परिवारवालों ने बच्चे की लापत होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने जांच शुरू की। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे तलाशे गए तो पता चला कि बच्चा आखिरी बार अपनी बुआ के घर गया था। बुआ के घर की तलाशी ली गई तो हर कोई हैरान रह गया। बुआ के घर के ऊपर वाले फ्लोर में रखे एक बेड से बच्चे की लाश बरामद हुई। पूछताछ में पता चला कि उस दिन बच्चे का फूफा बलराम बच्चे को मोमोज खिलाने के बहाने अपने घर लेकर आ गया, लेकिन उसके बाद किसी को नहीं पता था कि कब उसने बच्चे की हत्या कर दी।
बलराम दिल्ली में कमरा लेकर रहता था, जबकि उसकी पत्नी और बच्चे फरीदाबाद में रहते थे। उस दिन वो अपने घर आया हुआ था, लेकिन हत्या के बाद से वो फरार था। पुलिस ने दिल्ली से उसे गिरफ्तार किया तो पता चला कि उसने पिता से बदला लेने के लिए शिवांश का कत्ल कर दिया। दरअसल बलराम अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था, ये बात बलराम की पत्नी ने अपने भाई यानी शिवांश के पिता को बताई। गुस्से में और शिवांश के पिता ने बलराम की पिटाई की थी। गांव में सिर्फ 12 ही घर थे, हर घर में जाकर पूछताछ शुरू हुई। आसिफा के घर जब पुलिस पहुंची तो वहां पुलिस को सरसों का झाड़ मिला। वैसा ही झाड़ जो लाश के साथ था। केस खुल चुका था। पता चला कि आसिफा अर्सलान की मां से अक्सर झगड़ती रहती थी।बस इसी बात से वो सालों से नाराज था। उसने उस दिन भी शिवांश के पिता को धमकी दी थी कि वो उससे बदला लेगा और फिर अब इतने सालों बाद नफरत की आग में उसने मासूम को मार डाला।