जब पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की मौत पर हुआ था सियासी घमासान!

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एक ऐसा समय जब पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की मौत पर सियासी घमासान शुरू हो गया था! बिहार के दो बार सीएम रहे ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने दिग्गज समाजवादी नेता को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए चुना है। लंबे समय से कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की जा रही थी। हालांकि, अब केंद्र ने इस पर फाइनल फैसला ले लिया। कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ दिए जाने का ऐलान होते ही उन्हें लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। एक सवाल भी उठने लगे कि क्या बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की हत्या हुई थी? ‘जननायक’ की मौत को लेकर ये सवाल पहले भी कई बार उठ चुके हैं। कभी बीजेपी तो कभी आरजेडी की ओर से ये सवाल उठाए गए। कर्पूरी ठाकुर की मौत पर सवाल साल 2017 में बिहार बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष रहे नित्यानंद राय ने उठाए थे। उन्होंने कहा था कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की मौत स्वभाविक नहीं थी बल्कि उनकी हत्या हुई थी। नित्यानंद राय ने तत्कालीन बिहार सरकार से मामले की जांच कराने की भी मांग की थी। 24 जनवरी 2017 को कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में उन्होंने ये बातें कही थीं, जिसे लेकर बिहार में सियासी घमासान तेज हो गया था। हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं था जब कर्पूरी ठाकुर की मौत पर सवाल उठाए गए।

साल 2021 में आरजेडी नेता और बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य रहे डॉक्टर निशींद्र किंजल्क ने भी कुछ ऐसी बात कही थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही थी। उन्‍होंने भी कर्पूरी ठाकुर की मौत के पीछे गहरी साज‍िश की आशंका जताई थी। आरजेडी नेता डॉ. निशींद्र किंजल्क ने उस समय सीएम नीतीश कुमार को इस संबंध में चिट्ठी भी लिखी थी। अपने पत्र में उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के ही एक लेटर का जिक्र किया था। कर्पूरी ठाकुर ने ये लेटर अपनी मौत से करीब 4 साल पहले 11 सितंबर 1984 में बिहार के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी को भेजा था। इसमें ‘जननायक’ ने अपनी हत्या की आशंका जताई थी। कर्पूरी ठाकुर का निधन 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था, उस समय उनकी 64 वर्ष थी। निशींद्र किंजल्क के 2021 में सीएम नीतीश को भेजे गए लेटर में कर्पूरी ठाकुर की मौत को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया था। इसमें बताया कि जब कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु हुई तो एक चश्मदीद ने दावा किया था कि पूर्व सीएम के मुंह से झाग निकल रहा था। उनकी मौत बेहद रहस्यमय तरीके से हुई थी ऐसे में इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

नित्यानंद राय और निशींद्र किंजल्क ही नहीं कर्पूरी ठाकुर की मौत पर सवाल तो पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी किया था। उन्होंने 22 फरवरी, 1988 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पत्र लिखकर रहस्यमय मौत की जांच को लेकर डिमांड की थी। उस समय के इस लेटर की प्रति बिहार के तत्कालीन सीएम भागवत झा आजाद को भी दी गई थी। फिलहाल इन दावों और आशंकाओं में कितनी सच्चाई है ये अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है।

अब कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिए जाने की चर्चा हर ओर हो रही। जननायक कर्पूरी ठाकुर की मौत स्वभाविक नहीं थी बल्कि उनकी हत्या हुई थी। नित्यानंद राय ने तत्कालीन बिहार सरकार से मामले की जांच कराने की भी मांग की थी। 24 जनवरी 2017 को कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में उन्होंने ये बातें कही थीं, जिसे लेकर बिहार में सियासी घमासान तेज हो गया था। हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं था जब कर्पूरी ठाकुर की मौत पर सवाल उठाए गए।सभी पार्टियां और नेता इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ था। अब इस गांव को कर्पूरीग्राम भी कहा जाता है। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर का निधन 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था, उस समय उनकी 64 वर्ष थी। निशींद्र किंजल्क के 2021 में सीएम नीतीश को भेजे गए लेटर में कर्पूरी ठाकुर की मौत को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया था। इसमें बताया कि जब कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु हुई तो एक चश्मदीद ने दावा किया था कि पूर्व सीएम के मुंह से झाग निकल रहा था। उनकी मौत बेहद रहस्यमय तरीके से हुई थी ऐसे में इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। कर्पूरी ठाकुर पहली बार 22 दिसंबर 1970 को और फिर दूसरी बार 24 जून 1977 को बिहार के सीएम बने थे। कर्पूरी ठाकुर 1952 की पहली बार विधानसभा चुनाव जीते और फिर कभी नहीं हारे।