दिल्ली में चोरी हुई चीजों का बड़ा खुलासा हुआ है! दिल्ली-एनसीआर से चोरी गए मोबाइल नेपाल के एक शोरूम में बेचे जा रहे थे। दिल्ली पुलिस की टीम ने 28 साल के मिलन श्रेष्ठ को पकड़ा है। मिलन कथित रूप से NCR के मोबाइल चोरों के संपर्क में था। वह उनसे सस्ते में चोरी के फोन खरीदता और फिर नेपाल में उन्हें और कम कीमत में बेच देता। यह सबकुछ लबे वक्त से चलता आ रहा था। आखिरकार दिल्ली पुलिस को लीड मिली और उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया। पुलिस के मुताबिक, मिलन ने दिल्ली-एनसीआर से ले जाकर 5,000 से ज्यादा फोन नेपाल में बेचे। नेपाल के मेच्छप जिले का रहने वाला मिलन अक्सर बिन बताए दिल्ली आता था। चोरों से फोन्स खरीदता और फौरन वापस लौट जाता। उसने अपने यहां मोबाइल शोरूम खोल रखा है जहां वह सस्ते में चोरी के फोन बेचता है।
ब्रेकथ्रू मिला IIT दिल्ली कैंपस गेट के पास एक स्टूडेंट से छीने गए आईफोन से। एक बाइकर उसका फोन छीनकर भाग गया था। एसीपी देवेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर मुकेश कुमार की टीम ट्रेसिंग में लगी।डीसीपी (साउथवेस्ट) मनोज के अनुसार, ऐंटी-स्नैचिंग सेल ने चोरी या छीने गए 68 मोबाइल रिकवर किए गए हैं। पुलिस ने श्रेष्ठ को मोबाइल सप्लाई करने वाले तीन लोगों को भी अरेस्ट किया है। इन सब का टोटल 33 मामलों से कनेक्शन मिला है।मिलन कथित रूप से NCR के मोबाइल चोरों के संपर्क में था। वह उनसे सस्ते में चोरी के फोन खरीदता और फिर नेपाल में उन्हें और कम कीमत में बेच देता। यह सबकुछ लबे वक्त से चलता आ रहा था। आखिरकार दिल्ली पुलिस को लीड मिली और उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया। पुलिस के मुताबिक, मिलन ने दिल्ली-एनसीआर से ले जाकर 5,000 से ज्यादा फोन नेपाल में बेचे। नेपाल के मेच्छप जिले का रहने वाला मिलन अक्सर बिन बताए दिल्ली आता था। चोरों से फोन्स खरीदता और फौरन वापस लौट जाता। उसने अपने यहां मोबाइल शोरूम खोल रखा है जहां वह सस्ते में चोरी के फोन बेचता है।आईफोन को ट्रैक करते हुए पुलिस ने फरमान को पकड़ा और उसके पास से 8 चोरी के फोन बरामद किए। पूछताछ के दौरान उसने मोबाइल चोरों के गैंग का सदस्य होने की बात कबूली। उसकी टिप पर पुलिस ने एक और स्नैचर-कम-डीलर, नईम को दबोचा। उसके पास से तीन फोन और एक पिस्टल सीज की गई। फरमान और अन्य लोगों से मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस से मदद मिली। नईम ने पुलिस को अपने सहयोगी आमिर से मिलवाया जो पहाड़गंज और गफ्फार मार्केट एरिया में ऐक्टिव है।
डीसीपी के ‘हमें पता चला कि चोरी और छीने गए मोबाइल फोन्स के अपराधियों की एक पूरी चैन है। कुछ डीलर्स नेपाल के साथियों को फोन बेच रहे थे।’ नईम ने खुलासा किया कि श्रेष्ठ अक्सर नेपाल से दिल्ली आता था।वह उनसे सस्ते में चोरी के फोन खरीदता और फिर नेपाल में उन्हें और कम कीमत में बेच देता। यह सबकुछ लबे वक्त से चलता आ रहा था। आखिरकार दिल्ली पुलिस को लीड मिली और उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया। पुलिस के मुताबिक, मिलन ने दिल्ली-एनसीआर से ले जाकर 5,000 से ज्यादा फोन नेपाल में बेचे। नेपाल के मेच्छप जिले का रहने वाला मिलन अक्सर बिन बताए दिल्ली आता था। चोरों से फोन्स खरीदता और फौरन वापस लौट जाता। उसने अपने यहां मोबाइल शोरूम खोल रखा है जहां वह सस्ते में चोरी के फोन बेचता है।आईफोन को ट्रैक करते हुए पुलिस ने फरमान को पकड़ा और उसके पास से 8 चोरी के फोन बरामद किए। पूछताछ के दौरान उसने मोबाइल चोरों के गैंग का सदस्य होने की बात कबूली। उसकी टिप पर पुलिस ने एक और स्नैचर-कम-डीलर, नईम को दबोचा। उसके पास से तीन फोन और एक पिस्टल सीज की गई। फरमान और अन्य लोगों से मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस से मदद मिली। नईम ने पुलिस को अपने सहयोगी आमिर से मिलवाया जो पहाड़गंज और गफ्फार मार्केट एरिया में ऐक्टिव है।आईफोन को ट्रैक करते हुए पुलिस ने फरमान को पकड़ा और उसके पास से 8 चोरी के फोन बरामद किए। पूछताछ के दौरान उसने मोबाइल चोरों के गैंग का सदस्य होने की बात कबूली। उसकी टिप पर पुलिस ने एक और स्नैचर-कम-डीलर, नईम को दबोचा। उसके पास से तीन फोन और एक पिस्टल सीज की गई। फरमान और अन्य लोगों से मिली जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस से मदद मिली। नईम ने पुलिस को अपने सहयोगी आमिर से मिलवाया जो पहाड़गंज और गफ्फार मार्केट एरिया में ऐक्टिव है। वह बिन बताए आता था और माल उठाकर फौरन वापस निकल लेता। इस बार पुलिस ने नजर रखी। जैसे ही वह नईम से मिलने आया, उसे दबोच लिया गया। मिलन श्रेष्ठ ने पुलिस को बताया कि वह लैंड रूट के जरिए दिल्ली आता था। पेमेंट हवाला के जरिए करता था।