जहां एक और दिल्ली में बारिश का नामोनिशान नहीं है, वहीं दूसरी ओर देश के कई इलाकों में बारिश ने तबाही मचा रखी है!कई जगहों पर तो पानी इतना भर गया कि बाढ़ जैसे हालात हो गए। वहीं महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे लगातार बारिश हुई जिसमें करीब नौ लोगों की जान चली गई। इस मामले में रविवार को राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में एक जून से अब तक कुल 76 लोगों की मौत हो चुकी है। कुंडलिका समेत राज्य की कई नदियां खतरनाक स्तर को पार कर चुकी हैं। उल्हास, सावित्री, पातालगंगा, अंबा और गढ़ी नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से थोड़ा नीचे है।महाराष्ट्र में बारिश के कारण 838 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, लगभग 4,916 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग और पुनर्वास विभाग द्वारा 35 राहत शिविर बनाए गए हैं। जिनमें लोगों को रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की गई है।
तेज बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। इस कारण अचानक आई बाढ़ और लगातार हो रही भारी बारिश के कारण तापी जिले के पंचोल और कुम्भिया गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर बना पुल बह गया। दक्षिण गुजरात के कई हिस्सों में नदियां खतरनाक स्तर को पार कर चुकी हैं इस कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। नवसारी और वलसाड जिले में 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं, छोटा उदयपुर जिले में लगातार भारी बारिश से पुल का एक हिस्सा गिर गया।
कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच आईएमडी ने रविवार को केरल के चार जिलों में दिनभर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। आईएमडी ने शाम 4 बजे उत्तरी केरल के जिलों कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। आईएमडी ने तिरुवनंतपुरम और कोल्लम को छोड़कर शेष सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है।
कहा- कहा हुई है अधिक बारिश?
रेड अलर्ट, 24 घंटे की अवधि में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब 6 सेमी से 20 सेमी बारिश के बीच बहुत भारी बारिश है। येलो अलर्ट का मतलब 6 से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश है।
आईएमडी ने आगे कहा कि अगले पांच दिनों में दक्षिणी राज्य केरल में भारी बारिश की संभावना है और 10, 13 और 14 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है।राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 3 से 7 जुलाई के बीच पूरे केरल में बारिश से संबंधित घटनाओं में छह लोगों की जान चली गई और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।
असम में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) बुलेटिन के अनुसार, दोनों मौतें हैलाकांडी जिले में हुईं। इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या 192 हो गई। अभी भी 12 जिलों में 5,39,334 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं। 18 राजस्व मंडलों के कुल 390 गांव जलमग्न हैं।महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में लगातार बारिश एवं इससे संबंधित घटनाओं के कारण नौ लोगों की जान चली गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के एसडीएमडी के अनुसार, 1 जून से अब तक कुल 76 लोगों की मौत हो चुकी है। कुंडलिका समेत राज्य की कई नदियां चेतावनी के स्तर को पार कर चुकी हैं। अंबा, सावित्री, पातालगंगा, उल्हास और गढ़ी नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से थोड़ा नीचे है। राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 838 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, लगभग 4,916 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग और पुनर्वास विभाग द्वारा 35 राहत शिविर बनाए गए हैं। मूसलाधार मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है। महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिला प्रशासन ने बाढ़ एवं भूस्खलन के बारे में प्रभावी संचार के लिए विभिन्न स्थानों पर रीयल-टाइम डेटा एक्विजिशन प्रणाली स्थापित की है। यहां पिछले साल जुलाई में जिले में बारिश के चलते 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में लगातार भारी बारिश से पुल का एक हिस्सा गिरा गया। इससे यातायात प्रभावित हो गया है।
पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान के झालावाड़, धौलपुर व कोटा जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई। रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सर्वाधिक बारिश झालावाड़ के खानपुर में 72 मिलीमीटर और बीकानेर शहर में 64 मिलीमीटर दर्ज की गई। जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि आगामी तीन-चार दिन के दौरान पूर्वी राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश जबकि एक दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। बीकानेर व जोधपुर संभाग के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश व उत्तर पश्चिमी राजस्थान में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। शर्मा ने बताया कि 11 से 15 जुलाई के दौरान कुछ भागों में हल्के से मध्यम बारिश होने के आसार है।
तेलंगाना में पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश के बाद राज्य के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने रविवार को जिलाधिकारियों को सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। राज्य में लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों के कई हिस्से जलमग्न हैं। सूबे में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार को राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों में 11 जुलाई से तीन दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी। मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले तीन दिन से राज्य में भारी बारिश हो रही है, ऐसे में जिलाधिकारी हाई अलर्ट पर रहें और जान-माल की हानि या किसी भी संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए सभी कदम उठाएं। मुख्य सचिव ने बताया, आसिफाबाद, निर्मल, निजामाबाद, पेद्दापल्ली, सिरिसिला, भूपलपल्ली और मुलुगु जिलों में भारी बारिश की सूचना है। चूंकि नाले, तालाब और जलाशय उफान पर हैं, अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहना चाहिए। विभिन्न जिलों में कुछ जगहों पर सड़कों पर जलभराव की खबर है, जबकि कई जगहों पर नदियां और नाले उफान पर हैं।