चीन के सात अजूबे जिन्होंने दुनिया भर में हाहाकार मचाये हुए थे! चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने नए पोलितब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी का गठन कर दिया है। सात सदस्यों वाला ये पोलितब्यूरो चीन की सत्ता के सबसे ताकतवर लोगों को दिखाता है। एक सप्ताह तक चली 20वीं पार्टी कांग्रेस में शी जिनपिंग को तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति और पार्टी महासचिव चुना गया है। पोलितब्यूरो में शामिल सभी सदस्य शी जिनपिंग के संरक्षक और सहयोगी हैं। झाओ लेजी और वांग हुनिंग सिर्फ दो सदस्य ऐसे हैं जो पुरानी समिति में थे। ली कियांग काई क्यूई डिंग ज़ुएक्सियांग और ली शी समिति के नए सदस्य हैं। आइए जानते हैं पोलित ब्यूरों में शामिल सात लोगों के बारे में।शी जिनपिंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव ही देश का राष्ट्रपति माना जाता है। 69 साल के शी जिनपिंग तीसरी बार कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने हैं। शी जिनपिंग ने दो बार राष्ट्रपति बनने की लिमिट को 2018 में हटा दिया था। उनके इस फैसले से अब वह जिंदगी भर राष्ट्रपति रह सकते हैं। जिनपिंग 2012 में पहली बार महासचिव बने। तब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था।
शंघाई के पार्टी प्रमुख और शी के विश्वासपात्र ली कियांग पार्टी में दूसरे नंबर पर हैं। मार्च में होने वाले विधायी सत्र में उन्हें चीन का प्रधानमंत्री नामित किया जा सकता है। 63 साल के ली चीन में किसी उभरते सितारे से कम नहीं है। लेकिन उनके पार्टी में इतने बड़े पद पर आने को लेकर संदेह था। इसे पीछे शंघाई का लॉकडाउन था, जिसमें निवासियों को भोजन और चिकित्सा की दिक्कत का सामना करना पड़ा। वाशिंगटन में अमेरिकी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर यांग झांग ने ट्वीट किया, ‘ये दिखाता है कि पदोन्नति के लिए लोकप्रियता नहीं, वफादारी जरूरी है। शंघाई लॉकडाउन किसी कीमत पर नहीं रुका, क्योंकि वह आलोचनाओं के बावजूद शी के आदेश का पालन करते रहे।’
65 साल के झाओ लेजी पार्टी के शीर्ष भ्रष्टाचार निरोधी प्रहरी के प्रमुख रहे हैं। पार्टी में वह तीसरे नंबर की हैसियत रखते हैं। अनुशासन निरीक्षण के लिए झाओ पार्टी के केंद्रीय आयोग के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने पार्टी के सदस्यों को शी के समर्थन में जुटाने का काम किया। शी की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों के समर्थन के कारण वह जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं। हालांकि भ्रष्टाचार के खिलाफ नीति लागू करने से ज्यादा उन्होंने विरोधियों को खत्म करने का काम किया है। झाओ 2012 से दो प्रांतों के पार्टी सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य रहे हैं।
वांग हुनिंग लंबे समय से पार्टी के राजनीतिक सिद्धांतकार रहे हैं। वह 2017 से PSC सदस्य रहे हैं और जिनपिंग के सबसे महत्वपूर्ण सलाहकारों में से एक हैं। उन्हें जिनपिंग के सपने वाले चीन का दिमाग भी कहा जाता है। 67 साल के वांग यूनिवर्सिटी प्रोफेसर भी रह चुके हैं।
काई क्यूई झेजियांग और फुजियान प्रांतों में शी जिनपिंग के अधीन काम कर चुके हैं और उनके करीबी माने जाते हैं। 66 साल के काई बीजिंग में पार्टी के प्रमुख हैं। विंटर ओलंपिक को उन्होंने समय से कराया है। उन्होंने बीजिंग में शांतिपूर्ण तरीके से जीरो कोविड पॉलिसी लागू की है। काई को पार्टी के प्रमुख बुद्धिजीवियों में से एक माना जाता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अब वह पार्टी के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करेंगे।
डिंग ज़ुएक्सियांग 60 साल के हैं। विश्लेषकों को पहले से ही उम्मीद थी कि उनका प्रमोशन किया जाएगा। 2017 के बाद से जनरल ऑफिस के प्रमुख का पद संभालने वाले डिंग ने पार्टी के महत्वपूर्ण पद पर कब्जा जमाया। उनका सूचना और अधिकारियों पर व्यापक नियंत्रण था। डिंग अक्सर जिनपिंग के साथ होने वाली संवेदनशील बैठकों में भाग लेने वाले कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों में से हैं। उन्हें शी का चीफ ऑफस्टाफ भी कहा जाता है। डिंग कभी भी किसी प्रांत के नेता नहीं रहे हैं, जो दिखाता है कि शी के साथ वफादारी का उन्हें बड़ा इनाम मिला है।
ली शी ग्वांगडोंग प्रांत के पार्टी प्रमुख हैं। पर्यवेक्षकों को ली की नियुक्ति की भी पहले से उम्मीद थी।2017 के बाद से जनरल ऑफिस के प्रमुख का पद संभालने वाले डिंग ने पार्टी के महत्वपूर्ण पद पर कब्जा जमाया। उनका सूचना और अधिकारियों पर व्यापक नियंत्रण था। डिंग अक्सर जिनपिंग के साथ होने वाली संवेदनशील बैठकों में भाग लेने वाले कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों में से हैं। उन्हें शी का चीफ ऑफस्टाफ भी कहा जाता है। डिंग कभी भी किसी प्रांत के नेता नहीं रहे हैं, जो दिखाता है कि शी के साथ वफादारी का उन्हें बड़ा इनाम मिला है। 66 साल के ली को शी का विश्वासपात्र माना जाता है। उन्होंने शी के पैतृक प्रांत शानक्सी को एक पावर बेस बनाया है। सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अब वह पार्टी के शक्तिशाली भ्रष्टाचार-विरोधी निगरानी के लिए आयोग के प्रमुख होंगे।