सामान्य तौर पर हमारे द्वारा किए जाने वाले सभी आसन हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं! सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ता जा रहा है, यह मांसपेशियों और हड्डियों की समस्या का भी कारण बन रही है। यही कारण है अब कम उम्र के लोग भी इससे संबधित कई तरह की समस्याओं के शिकार होते जा रहे हैं। इस तरह की दिक्कतों से बचे रहने लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को नियमित तौर पर योग-व्यायाम करने की सलाह देते हैंदिनचर्या में योगाभ्यासों को शामिल करके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है। योग शरीर और मन दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं।स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि आप नियमित रूप से योगाभ्यास करते रहते हैं तो इससे मांसपेशियों की समस्या का दूर करने में मदद मिल सकती है। कोर से लेकर हैमस्ट्रिंग और कूल्हे की मांसपेशियों पर होने वाले अतिरिक्त तनाव को कम करने के लिए रोजाना योग का अभ्यास करना फायदेमंद माना जाता है। योग विशेषज्ञ इसके लिए कुछ विशेष योगासनों की सलाह देते हैं।
मांसपेशियों के लिए कौनसा करे योग?
मांसपेशियों को फिट बनाए रखने के लिए नौकासन योग के अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ काफी कारगर मानते हैं। नौकासन या बोट पोज छाती को खोलता है और हिप फ्लेक्सर्स तथा एडिक्टर मसल्स (मांसपेशियां जो कूल्हे के विस्तार में मदद करती हैं) को मजबूत करते हुए आपके कोर में मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। हैमस्ट्रिंग की जकड़न को कम करने के साथ शरीर के लचीलेपन में सुधार करने के लिए भी इस योग के अभ्यास को कारगर माना जाता है।नौकासन योग का नियमित अभ्यास संपूर्ण शरीर के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। इसके रोजाना अभ्यास की आदत बनाइए।
नौकासन योग पेट की मांसपेशियों को टोन और मजबूत करता है।
संतुलन और पाचन में सुधार करने के लिए इस योगासन के लाभ हैं।
आपके हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करने के लिए इस योग का अभ्यास फायदेमंद है।
रीढ़ और कूल्हे के फ्लेक्सर्स की बढ़ती समस्याओं के जोखिम को कम करने में इसके लाभ हो सकते हैं।
किडनी, थायरॉयड और प्रोस्टेट ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
शारीरिक और मानसिक तनाव से राहत दिलाने में सहायक योगासन है।
योग विशेषज्ञ कहते हैं, नियमित रूप से योगासन करना उन मांसपेशियों को मजबूत करने का सबसे कारगर तरीका है जिनपर आपके दिनभर के काम के कारण अतिरिक्त तनाव बना रहता है। योग में इन अंगों की स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों के जकड़न को कम करने में मदद मिलती है। नियमित रूप से योगाभ्यास को दिनचर्या में शामिल करके आप कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।मजबूत मासपेशियों से हमारा संतुलन बना रहता है और फिसलने या गिरने की संभावना कम हो जाती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। अतिरिक्त शारीरिक क्षमता के अलावा पर्याप्त मांसपेशियां अतिरिक्त वजन को नियंत्रित रखने में भी सहायक है। लेकिन सवाल ये भी है कि तंदुरुस्त मांसपेशियों के लिए हम क्या करें? क्या सिर्फ दूध पीने से हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं। लेकिन अनायास रूप से अपने भोजन में केवल कुछ प्रोटीन शामिल कर लेने और व्यायाम नहीं करने से कोई लाभ नहीं होता। मजबूत और तंदुरुस्त मांसपेशियों के लिए प्रोटीन से भरपूर भोजन और व्यायाम तथा शारीरिक परिश्रम बेहद ज़रूरी है। इनमें से केवल कोई एक करने से लाभ नहीं होगा।
क्या कभी सोचा है कि आप जो दैनिक भोजन लेते हैं उससे आपको कितना प्रोटीन मिलता है? प्रोटीन की आवश्यकता उम्र, लिंग, शारीरिक अवस्था और सक्रियता के स्तर पर निर्भर करती है। एक सामान्य स्वस्थ वयस्क व्यक्ति को उसके शरीर के वजन के हिसाब से 1 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम की जरूरत होती है। यानी अगर आप 30 वर्ष की महिला हैं, ज्यादा समय शिथिल बैठी रहती हैं और आपका वजन 55 किलोग्राम है, तो आपको भोजन में हर रोज 55 ग्राम प्रोटीन की जरुरत है। लेकिन अगर आप खेल-कूद, एक्सर्साइज या जिमिंग करती हैं तब मांसपेशियों के टीशू की बेहतर वृद्धि और मरम्मत के लिए आपको अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरुरत होगी।
अपने प्रोटीन सेवन को दिन भर में विभाजित करें, तीन बार प्रमुख भोजन के साथ और दो बार प्रोटीन-युक्त नाश्ते के साथ। प्रोटीन के सेवन को इस प्रकार विभाजित करने से खून में एमिनो ऐसिड सर्वोत्तम स्तर पर बना रहता है और मांसपेशियों की मरम्मत एवं वृद्धि तेज करता है। अपने भोजन में दूध, मांस, पॉल्ट्री, मछलिया, अंडे, बीन्स, दालें, दुग्ध उत्पाद, सोया और साबुत अनाज जैसी विविध प्रोटीन का प्रयोग करें।