डब्ल्यूएचओ ने किन दवाइयों को बताया खतरनाक?

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The World Health Organization in Geneva has faced criticism from President Trump over its handling of the pandemic.

हाल ही में डब्ल्यूएचओ के द्वारा कुछ दवाइयों को खतरनाक बताया गया है! पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हो गई है जिसकी वजह खांसी की दवा बताई जा रही है। बताया जा रहा है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने चेताया है कि बच्चों की मौत का लिंक भारत में बनी चार खांसी की दवाओं से हो सकता है। संगठन ने भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए चार बुखार, सर्दी और खांसी के सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि खांसी की इन दवाओं का फिलहाल इस्तेमाल न किया जाए। ये चार सिरप हैं प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप। बताया जा रहा है कि यह सभी सिरप हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाए गए हैं।

मालिन बेबी कफ सिरप की कमजोर चयापचय वाले रोगियों, हाइपोक्लोरेमिक स्थितियों वाले रोगियों, गठिया में दर्द, कंधे के जोड़ में दर्द, पट्ठों में दर्द, मांसपेशी खिंचाव या मोच में दर्द, पीठ दर्द, नील पडना, ऐंठन, अम्लरोग और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए सिफारिश की जाती है। इसे हमेशा डॉक्टर की सलाह पर लें। इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हैं जिसमें रैशेष, बुखार, मतली, उल्टी, कोमा और नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

डब्ल्यूएचओ ने अपने अलर्ट में कहा है कि इन चारों सिरप की लैब में जांच हो गई है और इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा पाई गई है। संगठन ने यह भ कहा है कि उत्पादों के सभी बैचों को तब तक असुरक्षित माना जाना चाहिए जब तक कि उनका संबंधित राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा विश्लेषण नहीं किया जाता है।बताया जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को गांबिया में हुई मौतों के बारे में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सूचित किया था। जांच से पता चला है कि कंपनी ने अब तक केवल गांबिया को इन उत्पादों का भेजा है। जांच में पाया गया है कि इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा है।

डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल आर्गेनिक कंपाउंड हैं और इनका दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल कई साइड इफेक्ट्स हैं।डब्ल्यूएचओ ने अपने अलर्ट में कहा है कि इन चारों सिरप की लैब में जांच हो गई है और इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा पाई गई है। संगठन ने यह भ कहा है कि उत्पादों के सभी बैचों को तब तक असुरक्षित माना जाना चाहिए जब तक कि उनका संबंधित राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा विश्लेषण नहीं किया जाता है।बताया जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को गांबिया में हुई मौतों के बारे में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सूचित किया था। जांच से पता चला है कि कंपनी ने अब तक केवल गांबिया को इन उत्पादों का भेजा है। जांच में पाया गया है कि इन दवाओं में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा है।

डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल आर्गेनिक कंपाउंड हैं और इनका दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल कई साइड इफेक्ट्स हैं। इससे आपको किडनी की समस्या, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब न होना, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव और किडनी की समस्या हो सकती है और जान भी जा सकती है।यह एक ऐसी दवा है जो एलर्जी के लक्षणों को रोकने का काम करती है। यह एलर्जी की प्रतिक्रिया के दौरान शरीर द्वारा जारी पदार्थ हिस्टामाइन को रोकने का काम करती है। इससे नीद को बढ़ावा देने, मतली, उल्टी, या दर्द से राहत मिलती है। यह मोशन सिकनेस को भी रोक सकती है और उसका इलाज कर सकती है। इस दवा को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।इससे आपको किडनी की समस्या, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब न होना, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव और किडनी की समस्या हो सकती है और जान भी जा सकती है।यह एक ऐसी दवा है जो एलर्जी के लक्षणों को रोकने का काम करती है। यह एलर्जी की प्रतिक्रिया के दौरान शरीर द्वारा जारी पदार्थ हिस्टामाइन को रोकने का काम करती है। इससे नीद को बढ़ावा देने, मतली, उल्टी, या दर्द से राहत मिलती है। यह मोशन सिकनेस को भी रोक सकती है और उसका इलाज कर सकती है। इस दवा को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।