Thursday, February 13, 2025
HomeIndian Newsराजीव गांधी की हत्या के वक्त कौन था वहां मौजूद?

राजीव गांधी की हत्या के वक्त कौन था वहां मौजूद?

राजीव गांधी की हत्या के वक्त वहां पर एक ऐसा व्यक्ति मौजूद था, जिसे जेल होना लाजमी था! पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्‍या के दोषी पिछले दिनों रिहा हो गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी छह दोषियों को खुली हवा में सांस लेने का मौका मिला है। इन छह में सबसे जाना-पहचाना चेहरा है नलिनी श्रीहरन का। नलिनी भारत की सबसे लंबे वक्‍त तक सजायाफ्ता रही महिला कैदी हैं। 12 नवंबर 2022 को नलिनी जेल से बाहर आईं। अगले दिन, रविवार को नलिनी मीडिया से मुखातिब थीं। वह बता रही थीं कि कैसे राजीव की हत्‍या के बाद कई दिन तक रोती रहीं। 2008 में प्रियंका गांधी भी नलिनी से जेल में मिली थीं। उस मुलाकात के बारे में नलिनी ने कहा कि प्रियंका भावुक हो गईं और रो पड़ीं। नलिनी ने कहा कि वह जो कुछ भी जानती थी, उसके बारे में उन्हें बता दिया। नलिनी उन छह दोषियों में सबसे अहम इसलिए हो जाती हैं क्‍योंकि वारदात वाले दिन वहीं पर थीं। नलिनी की आंखों के सामने ही वह मानव बम फटा जिसमें राजीव गांधी मारे गए।

नलिनी श्रीहरन के पिता पी. शंकर नारायणन एक पुलिस इंस्‍पेक्‍टर थे। मां पद्मावती नर्स। नलिनी के माता-पिता की शादीशुदा जिंदगी में काफी दिक्‍कतें रहीं। नलिनी का बचपन दोनों के झगड़ों के बीच बीता। जवानी आते-आते नलिनी के पिता घर छोड़कर अलग रहने चले गए। चेन्‍नै के एथिराज कॉलेज से इंग्लिश और लिटरेचर में ग्रैजुएट नलिनी वहीं की एक प्राइवेट फर्म में काम करती थीं। राजीव गांधी हत्‍याकांड के बाकी दोषियों से नलिनी इस मामले में अलग हैं कि उनका या उनके परिवार का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं था। नलिनी के भाई भाग्‍यनाथन की श्रीहरन उर्फ मुरुगन से खूब बनती थी। नलिनी और मुरुगन का परिचय उसी वजह से हुआ। मुरुगन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) का सदस्य था। नलिनी और मुरुगन में प्रेम पनपा। बाद में दोनों ने शादी कर ली।

21 मई, 1991 को पूर्व पीएम राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में चुनावी रैली करने गए थे। वहीं पर LTTE की एक महिला आत्‍मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया। स्‍यूसाइड बॉम्‍बर की पहचान धनु के रूप में हुई। धनु रैली के दौरान राजीव के करीब पहुंची और उनके आगे झुकी जैसे पैर छूने वाली हो। ठीक उसी वक्‍त उसने सलवार-कमीज के नीचे पहने बम में विस्‍फोट कर दिया। गांधी के साथ-साथ वहां मौजूद करीब 15 लोग मारे गए। कई लोग घायल हुए।

TADA कस्‍टडी में नलिनी ने इकबालिया बयान दिया। इसके मुताबिक, नलिनी ने दो श्रीलंकाई महिलाओं- सुभा और धनु को पनाह दी। नलिनी पर यह भी आरोप था कि वह हत्‍या के दिन इन लोगों को कपड़े खरीदवाने भी ले गई। मतलब नलिनी को उनके प्‍लान के बारे में पता था। वह राजीव की चुनावी रैली में भी इन दोनों के साथ गई। शिवरासन, सुभा, धनु और फोटोग्राफर एस हरिबाबू बस के जरिए श्रीपेरंबदुर पहुंचे।

चार्जशीट के अनुसार, धनु के खुद को उड़ाने के बाद नलिनी, सुभा और LTTE मास्‍टरमाइंड शिवरासन वहां से फरार हो गए। हरिबाबू LTTE से हमदर्दी रखता था और उसे हत्‍या की तस्‍वीरें लेने का जिम्‍मा सौंपा गया था। हरिबाबू के कैमरे से ही नलिनी की संलिप्‍तता का पता चला।

गांधी की हत्‍या के कई दिन बाद तक नलिनी और मुरुगन फरार रहे। 15 जून, 1991 को देानें को चेन्‍नै के एक बस स्‍टैंड से पकड़ा गया। सुप्रीम कोर्ट जजों के बीच, हत्‍याकांड में नलिनी की भूमिका को लेकर खूब बहस हुई। हालांकि, राजीव के हत्‍यारों से करीबी के चलते वह मामले के केंद्र में थी। एक अहम जानकारी यह कि गिरफ्तारी के वक्‍त नलिनी गर्भवती थी। नलिनी ने बातचीत के आधार पर पत्रकार एकलव्‍यन ने Rajiv Assassination: Hidden truths and the meeting between Nalini and Priyanka किताब लिखी। इसमें नलिनी कहती हैं कि ‘हम रोड की तरफ 200 फीट चले होंगे कि जोर से धमाके की आवाज आई। नेताओं का स्‍वागत पटाखों से करना रवायत थी लेकिन इस वाले से इलाका गूंज गया। मैं पीछे मुड़ी तो आग का गोला और धुएं का गुबार दिखा। लोग यहां-वहां भाग रहे थे। मुझे पता नहीं था कि क्‍या हुआ है।’

जब सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच मामला सुन रही थी तो दोषियों को अलग-अलग सजा हुई। बेंच ने 2-1 से नलिनी को मौत की सजा सुनाई। जस्टिस केटी थॉमस डिसेंट कर गए। हालांकि, तमिलनाडु हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट, दोनों ने ही पाया कि नलिनी हत्‍याकांड में अपनी मर्जी से सहभागी बनी थीं। 2000 में सोनिया गांधी के दखल पर नलिनी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला गया। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन अन्‍य दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला। 2018 में तमिलनाडु सरकार ने गवर्नर से सिफारिश की कि दोषियों को रिहा कर दिया जाए।

नलिनी ने करीब तीन दशक जेल में गुजारे हैं। उनकी किताब में जेल के भीतर कथित रूप से टॉर्चर किए जाने का जिक्र है। गर्भवती होने के बावजूद पुलिस ने टॉर्चर किया, नलिनी ऐसी आरोप लगाती हैं। नलिनी की बेटी जेल में पैदा हुई और दो साल तक वहीं रही। फिर उसे एक दोस्‍त की मां के पास भेज दिया। जेल में रहते हुए नलिनी ने MCA की डिग्री हासिल की। ब्‍यूटीशियन कोर्स किया और सर्टिफाइड टेलर और योगा इंस्‍ट्रक्‍टर बनीं, 12 नवंबर से पहले के 29 सालों में नलिनी केवल दो बार जेल से बाहर आईं। पहली बार 2016 में 12 घंटों के लिए जब उनके पिता का देहांत हुआ। दूसरी बार जुलाई 2019 में जब वह अपनी बेटी हरिता की शादी में शरीक हुई। इसके लिए उन्‍हें 51 दिनों का परोल मिला था।

27 नवंबर, 2019 को नलिनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और तमिलनाडु के गृह सचिव को पत्र लिखा। नलिनी ने दया मृत्‍यु की मांग की थी। आखिरकार, 11 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी समेत बाकी दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया। अगले दिन नलिनी जेल से बाहर आ गईं।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments