आखिर कौन थी शलाका गुलाबचंद? जिसने राजीव गांधी को दिया था फूल?

0
159
Indian Prime Minister Rajiv Gandhi waves to the crowds as visits the historic Omayad Mosque in Damascus June 4, 1988. Gandhi is on a two-day visit to Syria. SCANNED FROM NEGATIVE REUTERS/Ali Jarecki AJ/CMC/PN - RP1DRICQTIAB

शलाका गुलाबचंद, जिसने राजीव गांधी को फूल दिया, आज हम आपको उसके बारे में बताने जा रहे हैं! एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। पवार के अचानक लिए फैसले के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता उन्हें अपना फैसला वापस लेने का दवाब बना रहे हैं। हालांकि पवार ने कहा कि उन्होंने पद छोड़ा है न कि पार्टी। ये तो आज की बड़ी खबर। अब ऊपर लगी तस्वीर देखिए। तस्वीर में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी दिखाई दे रहे हैं। उनके ठीक बगल में दाएं साइड में एनसीपी के सर्वेसर्वा शरद पवार हैं। वहीं इन दोनों के अलावा अन्नासाहब शिंदे और सुप्रिया सुले भी मौजूद हैं। लेकिन इस तस्वीर में एक बच्ची दिखाई दे रही है जो सबसे ध्यान खींच रही है। वह राजीव गांधी को फूल दे रही है। क्या आपको इस लड़की का नाम पता है। आखिर यह लड़की कौन है इसके बारे में हम आपको बताते हैं। राजीव गांधी को फूल देने वाली बच्ची का नाम शलाका गुलाबचंद है। वह अजीत गुलाबचंद की लड़की हैं और यह तस्वीर 2 मई 1986 की है। तब देश की कमान इंदिरा गांधी के देहांत के बाद राजीव गांधी संभाल रहे थे। वह किसी कार्यक्रम के सिलसिले में राजीव गांधी बंबई आए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात शरद पवार और सुप्रिया सुले के साथ इस लड़की से हुई। तब वह उम्र में छोटी थीं। राजीव गांधी जब वहां पहुंचे तब शलाका गुलाबचंद ने फूल देकर उनका स्वागत किया। तस्वीर में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है।

शलाका गुलाबचंद अजीत गुलाबचंद की सुपत्री हैं। अजीत गुलाबचंद इस वक्त हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। यही नहीं मुंबई को बांद्रा वर्ली सी लिंक देने वाले अजीत गुलाबचंद ही हैं। अब उनकी बेटी के बारे में भी जान लीजिए। अजीत गुलाबचंद की बेटी शलाका गुलाबचंद ने साल 2000 में अपने पिता की कंपनी ज्वाइन की थी।शलाका गुलाबचंद अजीत गुलाबचंद की सुपत्री हैं। अजीत गुलाबचंद इस वक्त हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। यही नहीं मुंबई को बांद्रा वर्ली सी लिंक देने वाले अजीत गुलाबचंद ही हैं। अब उनकी बेटी के बारे में भी जान लीजिए। अजीत गुलाबचंद की बेटी शलाका गुलाबचंद ने साल 2000 में अपने पिता की कंपनी ज्वाइन की थी।राजीव गांधी को फूल देने वाली बच्ची का नाम शलाका गुलाबचंद है। वह अजीत गुलाबचंद की लड़की हैं और यह तस्वीर 2 मई 1986 की है। तब देश की कमान इंदिरा गांधी के देहांत के बाद राजीव गांधी संभाल रहे थे। वह किसी कार्यक्रम के सिलसिले में राजीव गांधी बंबई आए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात शरद पवार और सुप्रिया सुले के साथ इस लड़की से हुई। तब वह उम्र में छोटी थीं। राजीव गांधी जब वहां पहुंचे तब शलाका गुलाबचंद ने फूल देकर उनका स्वागत किया। तस्वीर में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है। तब वह प्लानिंग औऱ बिजनस डेवलेपमेंट विभाग में एग्जक्यूटिव के पद पर थीं। इसके 7 साल बाद शालाका ने वाइस प्रेसिडेंट बिजनस डेवलेपमेंट के तौर पर चुनी गईं। शिक्षा की बात करें तो शलाका ने अमेरिका की बॉस्टन यूनिवर्सिटी से बैचलेर डिग्री प्राप्त की है। तब वह प्लानिंग औऱ बिजनस डेवलेपमेंट विभाग में एग्जक्यूटिव के पद पर थीं। इसके 7 साल बाद शालाका ने वाइस प्रेसिडेंट बिजनस डेवलेपमेंट के तौर पर चुनी गईं। शिक्षा की बात करें तो शलाका ने अमेरिका की बॉस्टन यूनिवर्सिटी से बैचलेर डिग्री प्राप्त की है।

शालाका गुलाबचंद इस वक्त अपने पिता की कंपनी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी की डायरेक्टर हैं। पिछले 15 सालों में उन्हें निर्माण उद्योग में काम करने का अनुभव है। राजीव गांधी को फूल देने वाली बच्ची का नाम शलाका गुलाबचंद है। वह अजीत गुलाबचंद की लड़की हैं और यह तस्वीर 2 मई 1986 की है। तब देश की कमान इंदिरा गांधी के देहांत के बाद राजीव गांधी संभाल रहे थे। वह किसी कार्यक्रम के सिलसिले में राजीव गांधी बंबई आए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात शरद पवार और सुप्रिया सुले के साथ इस लड़की से हुई। तब वह उम्र में छोटी थीं। राजीव गांधी जब वहां पहुंचे तब शलाका गुलाबचंद ने फूल देकर उनका स्वागत किया। तस्वीर में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है।इसके अलावा उन्होंने कारोबार को बहुत गहराई से समझा और HCC ग्रुप कंपनी के अलग-अलग बोर्ड में डायरेक्टर के पद पर भी तैनात रहीं। 2000 में अपना करियर शुरू करने वाली शलाका ने साल 2006 में बिजनेस डेवलेपमेंट में वाइस प्रेसिडेंट और बाद में साल 2015 में डायरेक्टर के पद पर रहीं। उन्होंने इस दौरान ग्रुप को बढ़ाने और उसकी ग्रोथ के लिए भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया।