Friday, November 22, 2024
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आखिर नाइजीरिया में क्यों गिरफ्तार किया जा रहे हैं समलैंगिक?

वर्तमान में नाइजीरिया में समलैंगिक को गिरफ्तार किया जा रहा है! शादी का मंडप सजा हुआ था, लड़कियां दुल्हन बनी हुई थी, कई लड़के दुल्हा बने हुए थे, शादी की रस्में भी चल रहीं थी, यहां शादी हो रही थी दुल्हन की दुल्हन के साथ और दूल्हे की दूल्हे के साथ। ये आयोजन था समलैंगिक शादी का, यानी सेम सेक्स में मैरिज। जहां लड़के किसी लड़के को ही अपना जीवन साथी चुनते हैं और लड़की भी किसी लड़की से ही शादी करती है। इस आयोजन में पुलिस पहुंच गई और वहां से 200 लड़के-लड़कियों को सेम जेंडर में शादी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। नाइजीरिया में सेम सेक्स में शादी होना कानून अपराध है और इसके लिए 10 साल की सजा के प्रावधान है। नाइजीरिया में इसे संस्कृति के खिलाफ माना जाता है। वहां की सरकार का कहना है कि इस तरह की चीजें देश के कल्चर के बेहद खतरनाक है और इसलिए अपने देश को बचाने के लिए ऐसे अपराधों पर लगाम लगाना जरूरी है। अब ये तो हुई नाइजीरिया की बात। हमारे देश में इस तरह की शादियों को लेकर क्या स्टेटस है। क्या भारत में समलैंगिक शादियां की जा सकती है। क्या भारत का समाज इसे स्वीकार करता है? क्या कानूनी रूप से ये अपराध है या फिर लड़के-लड़कियां आजाद हैं ऐसे रिश्तों को बनाने के लिए।

हम आपको बता दें भारत समलैंगिक शादियों पर अब तक कोई कानून नहीं है, लेकिन एक वर्ग इसे मान्यता दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादी को लेकर मामला चल रहा है। सरकार ने इस मामले अपना रुख साफ किया है वो ऐसे मामलों के खिलाफ है और समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं दी जा सकती, लेकिन इन शादियों के पक्ष में भी कई तरह की दलील दी जा रही हैं। ये कहा जा रहा है कि कुछ लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है।

साल 2018 में लंबी लड़ाई के बाद समलैंगिक रिश्तों को मान्यता मिली थी। इस कानून के बनने के बाद सेम जेंडर में रिश्ता बनाना गैरकानूनी नहीं था, लेकिन इसके बाद इस तरह के कपल्स शादी की मांग को लेकर आगे बढ़े और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। केन्द्र सरकार का कहना है कि समलैंगिक शादियां समाज के लिए खतरनाक है और शादी नाम के इंस्टुयशन को नुकसान पहुंचाती है और इसलिए कानून के दायरे में नहीं रखा जा सकता है।

यानी अब हमारे देश में सेम सेक्स कपल एक साथ तो रह सकते हैं, लेकिन फिलहाल उनकी शादी को मान्यता नहीं मिल सकती। कानूनी रूप से ऐसी शादियों को वैध नहीं माना जा सकता। उन्हें वो अधिकार नहीं मिल सकते जो सामान्य कपल को मिलते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में चल रही सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार से पूछा था कि अगर समलैंगिक जोड़ों की शादी को लीगल नहीं किया जा सकता तो क्या ऐसे कपल्स के लिए कुछ विशेष अधिकार दिए जा सकते हैं। 5 जजों की बेंच ने सरकार से पूछा कि क्या वह समलैंगिक जोड़ों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए कोई कानून बनाना चाहेगी। जजों का मानना था कि पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे समलैंगिक जोड़ों को साझा बैंक अकाउंट खोलने जैसी सुविधा दी जानी चाहिए।

आपको बता दें कि एक पुलिस बयान में कहा गया है: “अवैध कार्यक्रम स्थल की तलाशी ली गई, और घटनास्थल से निम्नलिखित सामान बरामद किया गया: एक कोडीन की बोतल, तीन कप रिफाइंड कैनेडियन लाउड, एसके के पांच पाउच, ट्रामाडोल का एक पाउच, मौली की चार गोलियां दवा, एक कोल्हू, समलैंगिक विवाह औपचारिक पोशाकें।”बयान में कहा गया है कि पुलिस को घटना की जानकारी तब मिली जब रविवार देर रात नियमित गश्त पर निकले लोगों ने एक व्यक्ति को रोका। बयान में कहा गया, ”उसने अभिनेता होने का दावा किया था।”

सीएनएन के अनुसार, बयान में कहा गया है, “पूछताछ करने पर, उसने कबूल किया कि वह एक निश्चित समलैंगिक क्लब का सदस्य है और वह समलैंगिक विवाह समारोह में अपने साथी सदस्यों के साथ शामिल होने जा रहा था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादी को लेकर मामला चल रहा है। सरकार ने इस मामले अपना रुख साफ किया है वो ऐसे मामलों के खिलाफ है और समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं दी जा सकती, लेकिन इन शादियों के पक्ष में भी कई तरह की दलील दी जा रही हैं। ये कहा जा रहा है कि कुछ लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है। “यह नवीनतम गिरफ्तारी 2018 में लागोस के एक होटल पर पुलिस छापे के दौरान समलैंगिकता के आरोपी 57 लोगों को गिरफ्तार किए जाने के पांच साल बाद हुई  है।

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