मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र वायरल होने के बाद अपर्णा यादव भड़क उठी है! अगस्त महीने का पहला दिन ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक हलचल लेकर आया। खबरें आईं कि अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका निभा रहे प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे थे कि सपा की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि प्रदेश के पिछड़े और मुसलमानों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के संदर्भ में रामगोपाल ने योगी से मुलाकात करते हुए फर्जी केस वापस लेने की अपील की है। लेकिन अगले ही दिन शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल की तरफ से सीएम योगी को लिखा गया पत्र वायरल कर दिया। इसमें यह स्पष्ट था कि रामगोपाल ने अपने दो करीबी नेताओं को लेकर योगी से पैरवी की है। इस बात के सामने आने पर सियासत गरमा गई और अपर्णा यादव ने जमकर निशाना साधा। ओमप्रकाश राजभर ने इसी बहाने अखिलेश पर हमला बोला।रामगोपाल यादव ने एटा जिले एक कद्दावर राजनीतिक परिवार से जुड़े दो भाइयों और उनके परिवार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। ये दो नाम हैं- सपा के टिकट पर 3 बार के विधायक रह चुके रामेश्वर सिंह यादव और उनके छोटे भाई तथा एटा जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह यादव। यह नेता अखिलेश यादव के रिश्तेदार भी हैं। एटा के रघुपुर गांव के निवासी रामेश्वर का एक और परिचय यह है कि रिश्ते में वह रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव के साढ़ू लगते हैं। सीएम योगी के साथ तकरीबन 12 मिनट की मुलाकात में रामगोपाल ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमे और प्रशासन की कार्रवाई को लेकर चर्चा की।
वायरल कर खोली पोल
शिवपाल ने रामगोपाल की तरफ से योगी को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसमें रामेश्वर और जोगेंद्र के कॉम्पलेक्स, फार्म हाउस, ईंट भट्टों, बारात घर को तोड़े जाने की बात के साथ ही कई फर्जी मुकदमे दर्ज होने की बात लिखी थी। शिवपाल ने लिखा कि न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों हैं? आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं? अब इस मुलाकात को लेकर अपर्णा यादव भी भड़क गईं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में रामगोपाल पर निशाना साधा।मुलायम सिंह यादव की छोटे बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव ने कहा, ‘भाजपा जीरो क्राइम पॉलिसी पर यकीन रखती है। पार्टी के मैनिफेस्टो में भी यही लिखा गया है। सीएम योगी की सरकार में दंड नियम दोषियों के लिए एक समान है। पीएम मोदी ने भी कहा है कि लोगों को त्वरित न्याय मिले। अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति हो। निर्दोषों को किसी प्रकार की कार्रवाई का सामना न करना पड़े। सीएम योगी ने इसको प्रदेश में पूरी तरह से लागू किया है। अपराधी चाहे कोई भी बचेगा नहीं, निर्दोष लोगों को फंसाया नहीं जाएगा। भाजपा की इस नीति पर लोगों को भी भरोसा है।’
यूपी चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकीं अपर्णा यादव ने कहा, ‘सीएम योगी के नेतृत्व में कानून का राज है। न्याय व्यवस्था सभी के लिए बराबर है। लेटर में केवल 2 लोगों का ही जिक्र है। सपा की तरफ से अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई और मौलिक अधिकारों के हनन की बात कही गई। यह सरासर झूठ है। पत्र सामने आने पर सबकुछ साफ हो गया है।’ इसके साथ ही राजभर ने भी निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यह बताएं कि क्या रामगोपाल यादव के अंदर बीजेपी की आत्मा घुस गई है। अब किस तांत्रिक से झाड़फूंक करवाएंगे।
दरअसल, रामेश्वर यादव और जोगेंद्र सिंह यादव के खिलाफ सरकारी जमीनों पर कब्जा के मामले में गैंगस्टर एक्ट समेत 80 मामले दर्ज हैं। पूर्व विधायक रामेश्वर यादव के खिलाफ 78 केस दर्ज हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 81 मुकदमे दर्ज हुए हैं। रामेश्वर यादव को पुलिस ने पहले ही गैंगस्टर एक्ट में आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, जुगेंद्र सिंह यादव की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। दोनों के खिलाफ पुलिस ने सरकारी जमीन जबरन हड़पने को लेकर उत्तर प्रदेश गिरोहबंद समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (गैंगस्टर ऐक्ट) 1986 की धारा 2/3 के तहत में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने के लिए उन पर गैंग बनाकर काम करने का आरोप लगा है!