Friday, September 20, 2024
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आखिर नेपाल ने क्यों छोड़ा चार्ल्स शोभराज?

नेपाल ने चार्ल्स शोभराज को अब छोड़ दिया है! साल था 1978, हिंदी फिल्म जगत में राजेश खन्ना, दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे रोमांटिक हीरो का दौर बीत चुका था और ‘एंग्री यंग मैन’ अमिताभ बच्चन की एंट्री हो चुकी थी। इसी साल एक फिल्म आई, नाम था ‘डॉन’। सुपरहिट रही उस फिल्म के कई डायलॉग खूब पसंद किए गए। इनमें एक मशहूर डायलॉग था, ‘डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है’। साल 2015 में आई फिल्म ‘मैं और चार्ल्स’ में मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता रणदीप हुड्डा की मानें तो यह डायलॉग सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज की असल जिंदगी से लिया गया है। हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज, जिस पर 20 से अधिक हत्याओं का आरोप है, जो वेश बदलने और जेल से फरार होने में माहिर है और कई फिल्में और किताबों के बाद भी जिसके आपराधिक किस्से दुनियाभर में सुने-सुनाए जाते हैं, वह कुख्यात सीरियल किलर अब नेपाल की जेल से बाहर आने के लिए तैयार है। आज आपको बताएंगे कि इतने कुख्यात अपराधी को नेपाल आखिर क्यों रिहा कर रहा है?

चार्ल्स शोभराज की रिहाई की तस्दीक करने वाला नेपाली सुप्रीम कोर्ट का आदेश देश के उस कानून पर आधारित है जो कहता है कि अगर कैदी ने अपनी सजा की 75 फीसदी अवधि जेल में पूरी कर ली है और कैद में उसका आचरण अच्छा रहा है तो उसे रिहा किया जा सकता है। शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ‘छूट’ के अनुरूप अपनी जेल की सजा पूरी कर चुका है। उसने दावा किया कि वह 20 में से 17 साल की सजा पूरी कर चुका है और अपने ‘अच्छे आचरण’ के आधार पर उसने रिहाई की सिफारिश की।

शोभराज के वकील राम बंधु शर्मा ने कहा, ‘वह अपनी 95 फीसदी सजा पहले ही पूरी कर चुका है और उम्र के कारण उसे पहले ही रिहा किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि गुरुवार को शोभराज जेल से रिहा हो सकता है। अगस्त 2003 में शोभराज को काठमांडू के एक कैसिनो में देखे जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। हत्या के आरोप में मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। शोभराज कई विदेशी पर्यटकों की हत्या में शामिल था जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। उसके कई शिकार बिकिनी पहनी महिलाएं थीं इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से भी जाना जाता है।

शोभराज भारत में 21 साल जेल की सजा काट चुका है। 1971 में वह बीमारी का बहाना करके जेल से अस्पताल गया और वहां से फरार हो गया। 1976 में उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया लेकिन 1986 में वह एक बार फिर ‘फिल्मी अंदाज’ में जेल से भाग गया।वह अपनी 95 फीसदी सजा पहले ही पूरी कर चुका है और उम्र के कारण उसे पहले ही रिहा किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि गुरुवार को शोभराज जेल से रिहा हो सकता है। अगस्त 2003 में शोभराज को काठमांडू के एक कैसिनो में देखे जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। हत्या के आरोप में मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। शोभराज कई विदेशी पर्यटकों की हत्या में शामिल था जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। उसके कई शिकार बिकिनी पहनी महिलाएं थीं इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से भी जाना जाता है। साल 1986 में शोभराज ने जेल में बर्थडे पार्टी रखी और गार्ड्स को अंगूर और बिस्किट बांटे गए जिसमें नींद की दवा मिली हुई थी। कुछ ही देर में सभी बेहोश हो गए और शोभराज अपने साथियों के साथ जेल से भागने में कामयाब हो गया।

शोभराज कई भाषाएं बोलने और वेश बदलने में माहिर था। माना जाता है कि 1970 के दशक में उसने 15 से 20 लोगों को मारा। उसके ज्यादातर शिकार एशिया में पश्चिमी पर्यटक थे। थाईलैंड ने छह महिलाओं को ड्रग्स देने और उनकी हत्या करने के आरोप में 70 के दशक के मध्य में शोभराज के खिलाफ वारंट जारी किया था।वह अपनी 95 फीसदी सजा पहले ही पूरी कर चुका है और उम्र के कारण उसे पहले ही रिहा किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि गुरुवार को शोभराज जेल से रिहा हो सकता है। अगस्त 2003 में शोभराज को काठमांडू के एक कैसिनो में देखे जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। हत्या के आरोप में मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। शोभराज कई विदेशी पर्यटकों की हत्या में शामिल था जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। उसके कई शिकार बिकिनी पहनी महिलाएं थीं इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से भी जाना जाता है। पटाया बीच पर मारी गई इन सभी लड़कियों ने बिकिनी पहन रखी थी। माना जाता है कि थाईलैंड में उन पर आरोप लगभग तय थे और उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती थी। इससे बचने के लिए ही वह 1986 में जानबूझकर तिहाड़ से भागे थे ताकि उन पर जेल से फरार होने के लिए अभियोग चलाया जाए।

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