अचानक ऐसा होता है कि एक स्कूल की कुछ लड़कियां रोने और चीखने लगती हैं यही नहीं बल्कि अपने आप को पीटने भी लगती हैं। वहां पर मौजूद लोग इसे भूत प्रेत होने की संज्ञा देते हैं पर असल में ऐसा नहीं है।
उत्तराखंड के बागेश्वर के एक स्कूल में 8 बच्चे बिना किसी वजह के एक साथ रोने, चीखने, जमीन पर लौटने लगते हैं और अपना सिर पटकने लगते हैं। जिसमें 6 लड़कियां और 2 लड़के हैं। इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है और लोगों का ऐसा कहना है कि यह मास हिस्टीरिया का मामला है।
बागेश्वर के डिप्टी सीएमओ के अनुसार उनकी टीम में बच्चों की काउंसलिंग की जिसके बाद उन्हें पता लगा कि वह पहले से घबराए हुए थे और खाली पेट स्कूल आए थे।
स्कूल में जो हालात उन बच्चों के थे वह हालत किसी भी व्यक्ति के हो सकते हैं। परंतु समाज के लोगों उसे भूत प्रेत का नाम दे देते हैं या फिर ऐसा कह देते हैं कि उस व्यक्ति को आत्मा आई हुई है। जबकि वह मास हिस्टीरिया की दिक्कत होती है। आखिर क्या है यह मास हिस्टीरिया की दिक्कत है आइए जानते हैं-
1. मास हिस्टीरिया क्या होता है?
मास हिस्टीरिया साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है। यह एक तरह के मेंटल डिसऑर्डर की समस्या है। साइकेट्रिस्ट के अनुसार मास हिस्टीरिया मानसिक तरह की समस्या है ऐसा होता है जब कोई व्यक्ति मेंटली या फिर इमोशनल काफी ज्यादा परेशान होता है ऐसे व्यक्ति के मन में यह चाहत होती है कि वो दूसरों का ध्यान आकर्षित कर सके। जिसके कारण वह आसामान्य हरकतें करता है। एक व्यक्ति के ऐसा करने से उसे देख दूसरे और तीसरे व्यक्ति भी असामान्य हरकतें करने लगते हैं। इस तरह की समस्या में व्यक्ति अंदर ही अंदर घुट रहा होता है और वह अपना दर्द किसी को बता नहीं पाता है वह चाहता है कि लोग उससे बात करें उसकी समस्या पूछे और उसका दर्द कम करें परंतु लोग इसे समझ नहीं पातें हैं।
2. हिस्टीरिया कब बनता है, मास हिस्टीरिया?
हिस्टीरिया मास हिस्टीरिया जब बन जाता है जब हिस्टीरिया वाले व्यक्तियों को लोग किसी मंदिर में, तांत्रिक के पास या झड़वाने ले जाते हैं। उस स्थान पर ऐसे ही व्यक्ति पहले से मौजूद रहते हैं और जब उनमें से कोई एक व्यक्ति इस तरह की हरकतें करता है तो उसे देखकर अन्य मौजूद व्यक्ति भी वही हरकतें करने लगते हैं। पहले व्यक्ति की तरह झूमने लगते हैं क्योंकि ऐसे पेशेंट एक दूसरे को कॉपी करते हैं, तभी हिस्टीरिया मास हिस्टीरिया बन जाता है।
3. मास हिस्टीरिया के क्या लक्षण है?
मासहिस्टीरिया एक तरह की साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है। यह एक तरह की मेंटल डिसऑर्डर की समस्या है। मास हिस्टीरिया के लक्षण है सांस ना आना, पेट में दर्द होना, बालों को नोचना, दीवारों पर हाथ पैर मारना, जमीन पर सिर पटकना, इधर-उधर भागना तथा आवाज बदल कर कुछ कहना या फिर उल्टी-सीधी डिमांड करना। कुछ वक्त के लिए बेहोश हो जाना साथ ही बहुत ज्यादा रोना और बहुत ज्यादा गुस्सा करना। दो-चार मिनट के लिए बेहोश होकर अकड़ जाना। उदास रहना, भुख, नींद में कमी का आना नींद कम लेना अपने लोगों पर शक करना कि मुझे नुकसान पहुंचा सकता है। यह सभी हिस्टीरिया की समस्या के लक्षण है।
4. किन लोगों में मास हिस्टीरिया की समस्या अधिक पाई जाती है?
मास हिस्टीरिया ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है। ऐसी महिलाएं जो कम पढ़ी- लिखी हैं या फिर जो अपनी इच्छा और मन की बातें अंदर ही दबा कर रखती हैं किसी से कहती नहीं है या फिर किसी से कुछ कह नहीं पाती है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि की महिलाओं को भी यह समस्या होती है बल्कि वक्त के साथ चलते पुरुष में भी इसलिए की समस्या देखी गई है।
5.मास हिस्टीरिया का इलाज क्या है?हिस्टीरिया के पेशेंट को ठीक करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
मास हिस्टीरिया का दौरा कुछ लोगों में इतनी बार रिपीट हो जाता है और कहा जाता है कि ये माता, चुडैल भूत प्रेत ही हैं। इसके लिए बिना टाइम गंवाए ही आपको यह समझना चाहिए कि यह बीमारी संप्रेशन की है। इसका इलाज एक्सप्रेशन है। इस समस्या का तुरंत से तुरंत इलाज करना चाहिए ।सबसे पहले पेशेंट को साइक्लोजेस्ट के पास ले जाना चाहिए ना की किसी तांत्रिक के पास। जिससे साइक्लोजेस्ट उसकी दबी हुई इच्छाएं पूछ कर बाहर लाने की कोशिश करता है और व्यक्ति अपनी बात रखने की कोशिश करता है। पेशेंट की काउंसलिंग की जाती है और उसे मेडिटेशन करवाया जाता है। हिप्पोथेरेपी से भी पेशेंट को काफी मदद मिलती है। इस धरती से पेशेंट की दबी हुई इच्छाओं को बाहर निकाला जाता है और उसके मेंटल कंडीशन को दूसरा बनाया जाता है। इन सब की मदद से पेशेंट धीरे धीरे ठीक होने। ऐसी समस्या में फैमिली को जागरूक एजुकेशन होना बहुत जरूरी है।