राजस्थान के संविधान भवन में मुगलों को जगह मिल चुकी है! देश का पहला संविधान पार्क राजस्थान के राजभवन में स्थापित किया गया है। इस पार्क में सुंदर मूर्तियों और कला कृतियों के माध्यम से संविधान की अलग तरह से व्याख्या की गई है। पूरे पार्क को भारतीय संविधान की पहली मूल प्रति में इस्तेमाल की गई कलाकृति की थीम पर डिजाइन किया गया है। पार्क में पत्थर की कला के माध्यम से संविधान की पहली मूल प्रति, संविधान सभा और इसकी 15 महिला सदस्यों को भी दिखाया गया है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के साथ-साथ, अकबर का दरबार और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एवं अंग्रेजों से लड़ने वाले टीपू सुल्तान भी पार्क में दिखाया गया है। केंद्रीय और राज्य सेवाओं के संवैधानिक प्रावधानों के साथ अकबर के दरबार की पत्थर की कलाकृति स्थापित की गई है। अकबर के दरबार की कलाकृति के साथ-साथ सरकारी नौकरी के प्रावधान भी दिखाए गए हैं। इसके साथ ही अकबर के दरबार को दिखाने का कारण ऐतिहासिक तथ्य बताया गया है। इसे सरकार में स्थाई नौकरी देने की शुरुआत मानी जाती है। उस समय आज की ऑल इंडिया सर्विस की तर्ज पर शाही नौकरियां शुरू हुईं।
अधिकारियों ने कहा कि इतिहासकारों का एक बड़ा वर्ग अकबर को एक कुशल प्रशासक और सुधारवादी शासक मानता है, जिसके कारण अकबर के दरबार को स्थान दिया गया है। पार्क में प्रमुख लेखों, मौलिक अधिकारों और संविधान के प्रमुख प्रावधानों के साथ संविधान बनाने की पूरी प्रक्रिया को दिखाया गया है। इसके अलावा पार्क में संविधान के मुख्य प्रावधानों, भारतीय संस्कृति और देश के विभिन्न भागों की विशेषताओं को कला कृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है। मौलिक अधिकारों को अलग कॉलम बनाकर रोचक ढंग से दर्शाया गया है।
पार्क में संविधान निर्माण की पूरी यात्रा को दिखाया गया है। कैबिनेट मिशन से लेकर संविधान सभा के गठन तक और इसमें संविधान की प्रारूप प्रति के साथ डॉ बीआर अंबेडकर, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्तियां भी हैं।पार्क में संविधान निर्माण की पूरी यात्रा को दिखाया गया है। कैबिनेट मिशन से लेकर संविधान सभा के गठन तक और इसमें संविधान की प्रारूप प्रति के साथ डॉ बीआर अंबेडकर, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्तियां भी हैं। संविधान पार्क जल्द ही सप्ताह में दो दिन जनता के लिए खोला जाएगा। इसका टाइम टेबल तैयार किया जा रहा है।संविधान पार्क जल्द ही सप्ताह में दो दिन जनता के लिए खोला जाएगा। इसका टाइम टेबल तैयार किया जा रहा है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक सरकारी विश्वविद्यालय में इस तरह के संविधान पार्क भी बनाए जा रहे हैं, ताकि विश्वविद्यालय के छात्र संविधान के बारे में जान सकें और उसे आसानी से समझ सकें। संविधान पार्क का उद्घाटन हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर राजभवन में स्थापित ध्वज स्तंभ, मयूर स्तंभ, गांधी प्रतिमा एवं महाराणा प्रताप की प्रतिमा की सराहना की थी। पार्क में संविधान निर्माण की पूरी यात्रा को दिखाया गया है। कैबिनेट मिशन से लेकर संविधान सभा के गठन तक और इसमें संविधान की प्रारूप प्रति के साथ डॉ बीआर अंबेडकर, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्तियां भी हैं। संविधान पार्क जल्द ही सप्ताह में दो दिन जनता के लिए खोला जाएगा। इसका टाइम टेबल तैयार किया जा रहा है।संविधान पार्क जल्द ही सप्ताह में दो दिन जनता के लिए खोला जाएगा। इसका टाइम टेबल तैयार किया जा रहा है।उन्होंने पार्क की कलात्मक एवं विस्तृत प्रस्तुति एवं शिल्प को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां आने वाले लोग संविधान की संस्कृति से जुड़ेंगे।
कलराज मिश्र ने कहा कि हमारा संविधान भारतीय संस्कृति का जीवंत दर्शन है।पार्क में संविधान निर्माण की पूरी यात्रा को दिखाया गया है। कैबिनेट मिशन से लेकर संविधान सभा के गठन तक और इसमें संविधान की प्रारूप प्रति के साथ डॉ बीआर अंबेडकर, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्तियां भी हैं। संविधान पार्क जल्द ही सप्ताह में दो दिन जनता के लिए खोला जाएगा। इसका टाइम टेबल तैयार किया जा रहा है।संविधान पार्क जल्द ही सप्ताह में दो दिन जनता के लिए खोला जाएगा। इसका टाइम टेबल तैयार किया जा रहा है। संविधान का लेखन, तैयार करने के लिए बनी संविधान सभा, संविधान सभा की बैठकें, संविधान निर्माण में शामिल महापुरुषों की भूमिका और उसके क्रियान्वयन की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। संविधान पार्क में, विभिन्न मूर्तियों, चित्रों, मॉडलों और अन्य कलात्मक माध्यमों से इस यात्रा को जीवंत करने का प्रयास किया गया है।