मोटापे के कारण बहुत से रोग शरीर में उत्पन्न हो जाते हैं, आवश्यक है कि हम मोटे ना हो!आजकल लोगो में मोटापे की समस्या बहुत हो रही है। लोग अपने कामो में सारा दिन व्यस्त रहते है और जो समय मिलता है उसमे मोबाइल और टीवी देखने में निकाल देते है। जिसके कारण शरीर का व्ययाम नहीं हो पाता है व कैलोरी कम नहीं होती और मोटापा बढ़ने लगता है। यह मोटापा धीरे धीरे हमारी दिनचर्या को ख़राब करने लगता है। आजकल छोटे बच्चों में भी मोटापा बहुत देखा जा रहा है। मोटापा बढ़ने के कारण नयी-नयी बीमारी शरीर में प्रवेश करने लगता है।
यदि व्यक्ति के शरीर में कैलोरी कम नहीं होती है, तो मोटापा अपने आप बढ़ने लगता है। शरीर में सही तरीके से न्यूट्रेन नहीं मिलता तो भी मोटापा होने लगता है। अधिक मोटापे होने पर व्यक्ति की कार्य छमता धीमी हो जाती है। व्यक्ति के अधिक तनाव में होने से भी मोटापा होने लगता है। शरीर के लिए अधिक मोटापा अच्छा नहीं होता है।
मोटापा का कारण कुछ लोगो में जेनेटिक अनुवांशिक होता है।
अगर माता-पिता मोटे है तो उनका बच्चा भी मोटा रहता है।
महिलाओं के गर्भावस्था समय में बहुत हार्मोन्स का बदलाव होता है जिसके कारण मोटापा बढ़ता है।
महिलाओं में मासिक-धर्म बंद हमेशा के लिए बंद हो जाते है तो इसके कारण मोटापा बढ़ने लगता है।
सही पोषक आहार ना लेने के कारण भी मोटापा होने लगता है।
अधिक तैलीय पदार्थ व फास्टफूड खाने के कारण मोटापा होने लगता है।
अधिक धूम्रपान करने के कारण मोटापा शुरू हो जाता है।
मोटापे के इलाज के लिए डॉक्टर पहले खाने के रुटीन को बदलने के लिए सुझाव देते है जिससे शरीर का संतुलन बना रहे। डॉक्टर दूसरा सुझाव नियमित रूप से व्यायाम ,योगा करने को बोलते है। यदि सुझावों से कोई बदलाव डॉक्टर को नहीं दिखाई देता तो अन्य इलाज सर्जरी करने का निर्णय लेते है।
सर्जरी करने के पहले डॉक्टर व्यक्ति का B.M.I की जांच करते है। बी.एम.आई का स्तर देखते है कितना है यदि 35 -40 स्तर रहा तो ही सर्जरी करते है। अन्यथा कम रहा तो सर्जरी नहीं करते है।
बी.एम.आई की जांच के साथ व्यक्ति के खून और सफ़ेद खून, हीमोग्लोबिन, E.C.G Heart Function की भी जांच करते है यह सब जांच ने के बाद ही कोई निर्णय लेते है।
हाई ब्लड प्रेशर मरीज का बेरिएट्रिक सर्जरी डॉक्टर जल्दी नहीं करते है क्योकि उनका बी.एम.आई का स्तर Range 35 से कम होता है। कभी कभी जोखिम लेकर डॉक्टर सर्जरी करने का सुझाव देते है।
बेरिएट्रिक सर्जरी में डॉक्टर पेट के ऊपर का हिस्सा निकाल देते है या बांध देते है जिससे भोजन कम मात्रा में भोजन थैली में जाये जिससे मोटापा की शिकायत नहीं रहेगी।
बेरिएट्रिक सर्जरी में चार तरह की सर्जरी की जाती है।
गैस्ट्रिक बैडिंग सर्जरी में रबड़ बैंड की तरह लगाकर बांध देते है या पेट को कम कर देते है।
स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी सर्जरी में पेट के वसा को बाहर निकाल दिया जाता है।
गैस्ट्रिक बाई पास सर्जरी में पेट के ऊपर का हिस्सा काटकर या बांध कर रखा जाता है।
ड्यूओडनलस्विच सर्जरी में भी पेट के ऊपर का हिस्सा निकाला या बाधा जाता है जिससे भोजन की थैली में कम भोजन जाये और पेट भरा महसूस हो।
मोटापे से बचने के लिए अधिक मीठी और ठंडी चीजों का सेवन ना करे। जैसे आइसक्रीम, कोल्डड्रिक, चीनी से बनी हुई चीजों को ना खाये, चीनी के जगह पर शहद का इस्तेमाल करे और फ़ास्ट-फ़ूड Fast-Food खाने से बचे जिससे मोटापा नहीं बढ़ेगा।
शरीर के संतुलन को बनाये रखने के लिए भोजन कम खाये अर्थ पौष्टिक आहार ले जिससे शरीर में प्रोटीन मिलेगा व वसा नहीं बढ़ेगा और मोटापा की समस्या नहीं होगी।
रोज सुबह शाम व्यायाम योगा करे जिससे मोटापा नहीं बढ़ेगा।
रोज आठ से सात घंटा नींद लेना चाहिए क्योकि उचित नींद लेने से शरीर की चर्बी कम होती है। मोटापा नहीं होता है।मोटापा घटाने के लिए सबसे अधिक उपयोगी ग्रीन टी होता है। ग्रीन टी पीने से मोटापा कम होता है।
नींबू के रस में शहद को डालकर मिलाये व मिलाने के बाद गर्म कर ले और फिर इसका सेवन करे।
सेब का सिरका में शहद मिलाकर पीये जिससे शरीर की चर्बी कम होती है।
काली मरीच का उपयोग चाय और सलाद में करे। काली मरीच का सेवन मोटापे को कम करने लिए बहुत फायदेमंद होता है।
दालचीनी पाउडर को आधा चम्मच ले और उसमे आधे नींबू का रस डालकर गर्म करले फिर इसका सेवन करे।