Friday, November 22, 2024
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आखिर पटना पुलिस क्यों हो गई है लाचार?

पटना पुलिस लाचार नजर आ रही है! बिहार में 2005 में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे थे। उस वक्त बिहार के करोड़ों लोगों के चेहरे पर आशा की एक किरण दिख रही थी। बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति अब सुधर जाएगी। हुआ ठीक वैसा ही। नीतीश कुमार ने पुलिस को खुली छूट दी। बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद जैसे अधिकारियों ने कई स्पीडी ट्रायल का आइडिया दिया। कुल मिलाकर बिहार में लॉ-एंड ऑर्डर की स्थिति में जबरदस्त बदलाव आया। अपराधी डर के मारे बिहार छोड़ने लगे। पुलिस का इकबाल बुलंद हो गया। आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि 2005 की चर्चा अभी क्यों? इसका कारण आपको खुद समझ में आ जाएगा। पहले पटना के जेठुली में हुई हिंसा की वारदात के 19 दिन बीत जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में जान लीजिए। ये वीडियो 15 सेकेंड का है। वीडियो में हथियारों से लैस पुलिसवाले नजर आ रहे हैं। वीडियो के बैकग्राउंड में दो लोगों के बातचीत की आवाज आ रही है। भागिए…मर्डर हो रहा है…मर्डर होगा… मर्डर हो गया…। इतने में एक-एक कर तीन गोली चलने की आवाज इस वीडियो में सुनाई देती है। घटना स्थल के पास भगदड़ मच जाती है। लाठी-डंडे से लैस लोग भी भागने लगते हैं। वीडियो में दिख रहा है कि फायरिंग की आवाज के बाद जहां पुलिस के जवानों को घटनास्थल की ओर बढ़ना चाहिए। वे पीछे हटने लगते हैं। आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिसकर्मियों के हाथों में हथियार भी है। शरीर और कद-काठी से भी वे काफी मजबूत लग रहे हैं। फिर कदम पीछे खींचने का कारण क्या है?

वीडियो सामने आने के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठने लगे हैं। क्या पटना पुलिस इतनी बेबस और लाचार है? क्या पटना पुलिस जेठुली में लाश गिरने का इंतजार कर रही थी? क्या पटना पुलिस किसी के इशारे पर चुप थी? आखिर पुलिस इतनी कमजोर और बेचारी कैसे हो सकती है। बिहार सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा बिहार पुलिस पर खर्च होता है। पुलिसकर्मियों को सुविधा देने और पुलिस को हाईटेक सामग्री मुहैया कराने पर करोड़ों खर्च होते हैं। बदले में बिहार की जनता को इस तरह के पुलिसवाले मिल रहे हैं? हिंसा को रोकने का वक्त आएगा तो क्या ये पुलिसवाले ऐसे ही भाग खड़े होंगे? वायरल वीडियो को देखने के बाद लोगों के मन में यहीं सवाल तैरने लगे हैं? पुलिस पर ये आरोप भी लगने शुरू हो गये हैं कि क्या पुलिस ने ही गोलीबारी करने की छूट दे रखी थी? पुलिस मूकदर्शक बनकर बैठी रही और विवाद को बढ़ने दिया? इस तरह के सवाल कई हैं। जवाब किसी के पास नहीं है। सवाल ये भी उठ रहा है कि इन लापरवाह पुलिसवालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?

जेठुली कांड के 19 दिन पूरे हो गये हैं। उसके बाद इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस पर सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है। क्योंकि मूल घटना के वक्त पुलिस की टीम वहां मौजूद थी। वो चाहती तो घटना को रोक सकती थी। पुलिस वीडियो में ये भी कह रही है कि मर्डर होगा। मर्डर हो गया। उसके बाद तीन से चार राउंड गोली चलने की आवाज आती है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस पूरी तरह बेबस नजर आ रही है। पुलिसवालों के चेहरे पर एक खौंफ नजर आ रहा है। खुद की जान बचाने की चिंता सी दिख रही है। वो गोलियों की आवाज सुनकर आगे-पीछे होने लगते हैं। उनमें पुलिस वाला जज्बा बिल्कुल नहीं दिख रहा है। पुलिस वहां मौजूद रही और उमेश राय, बच्चा राय और उनके समर्थक गोलीबारी करते रहे। वीडियो में वो सड़क भी दिख रही है जिससे साफ पता चलता है कि घटना स्थल पटना से फतुहा जाने वाले स्टेट हाईवे की बाई तरफ का हिस्सा है। जहां पर उमेश राय, बच्चा राय और मुनारिक राय के गुटों के बीच मारपीट हुई थी। स्टेट हाईवे के दाहिनी तरफ आठ से ज्यादा पुलिसकर्मी हथियारों के साथ कुछ ही दूरी पर मौजूद हैं। पुलिसवालों के पीछे खड़ा कोई शख्स लगातार वीडियो बना रहा है।

जब चार राउंड फायरिंग होती है। पुलिस कहती है कि मर्डर हो गया। उसके बाद वीडियो में दिख रहा है कि लाठी-डंडे से लैस लोग भागने लगते हैं। पुलिस सबकुछ खड़े होकर देख रही है। घटनास्थल की ओर बढ़ रहा एक पुलिस वाला अपनी टीम की ओर लौटने लगता है। वो भी आगे जाने की कोशिश नहीं करता है। आपको बता दें कि इस घटना में 50 राउंड फायरिंग हुई थी। एक गुट के पांच लोगों को गोली लगी थी। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। गोली चलाने का आरोप उमेश राय और उनके भाई बच्चा राय के साथ सभी समर्थकों पर लगा है। इस घटना में लाखों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। तोड़फोड़ किया गया था। टीवी पत्रकारों पर हमले किये गये थे। उनके कैमरे तोड़ दिये गये थे। हिंसा का दौर 20 फरवरी को भी जारी था। नदी थाना पुलिस और वहां तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही पर कार्रवाई के मामले पर पुलिस ने मीडिया को जांच की बात कही थी। इस पूरे कांड में पुलिस की लापरवाही साफ दिखी है। पुलिस घटना रोकने में नाकाम रही। पटना ग्रामीण स्तर के पुलिस अधिकारी मामले में कार्रवाई और जांच की बात कह रहे हैं। पुलिस की तरफ से इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी वो बाद की बात है। उससे पहले वीडियो के सामने आ जाने से पुलिस की किरकिरी हो रही है।

आपको बता दें कि पटना सिटी के नदी थाना क्षेत्र में पिछले 19 फरवरी को पार्किंग विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद हुआ था। इस घटना में सत्ता की हनक में चूर मुखिया पति उमेश राय ने अपने भाई बच्चा राय और अन्य दर्जनों समर्थकों के साथ मिलकर 50 राउंड से अधिक फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना में कुल 4 लोगों की मौत हो चुकी हैं। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपियों के घर मैरिज हॉल, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। पटना के जेठुली गांव में जमकर हंगामा हुआ था। मुखिया के धान के गोदाम में धान सहित आग लगा दी गई थी। कई लग्जरी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था। वहीं बढ़ते तनाव के बाद पुलिस के वरीय अधिकारी दल बल के साथ घटनास्थल पर कैंप कर रह रहे थे। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए कई दिनों तक पुलिस और जिला प्रशासन की टीम घटनास्थल पर नजर बनाए रखे हुए थे हालात को सामान्य होने तक पुलिस ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया था। हालांकी इस घटना के बाद मृतक के स्वजन द्वारा 30 नामजद एवं 20 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दो अन्य केस आगजनी और उपद्रव मामले में दर्ज किया गया था। हत्या सहित उपद्रव मामले में अब तक दो दर्जन आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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