Friday, October 18, 2024
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आखिर क्यों आ रहे भूटान के राजा भारत?

भूटान के राजा अब भारत आ रहे हैं! चीन के साथ सीमा विवाद और भूटानी प्रधानमंत्री के बयान के बाद वहां के राजा भारत दौरे पर आ रहे हैं। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को तीन दिन की भारत यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने के लिए विभिन्न नेताओं से बातचीत करेंगे। इसमें विशेष तौर पर आथिक एवं विकास सहयोग के बारे में चर्चा होगी। वांगचुक साथ भूटान के विदेश व विदेश व्यापार मंत्री टैंडी दोरजी और भूटान की शाही सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी आएंगे। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भारत आ रहे हैं। इस दौरान वे पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन से पांच अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। राजा की यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की पंरपरा के तहत हो रही है।भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भारत आ रहे हैं। इस दौरान वे पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन से पांच अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। राजा की यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की पंरपरा के तहत हो रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान करीबी मित्रता और सहयोग को साझा करते हैं जो समझ और आपसी विश्वास पर आधारित है।विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान करीबी मित्रता और सहयोग को साझा करते हैं जो समझ और आपसी विश्वास पर आधारित है।

भूटानी प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग की टिप्पणी कि डोकलाम विवाद के समाधान में चीन की भी भूमिका है। साथ ही चीन की तरफ से भूटान में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। दूसरी तरफ अवैध घुसपैठ पर किसी भी चर्चा में चीन का भी ऐसी ही बात कहना कई चिंताओं को जन्म देता है। इसकी वजह है कि डोकलाम विवाद के बाद चीन ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगा हुआ है।भूटानी प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग की टिप्पणी कि डोकलाम विवाद के समाधान में चीन की भी भूमिका है। साथ ही चीन की तरफ से भूटान में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। दूसरी तरफ अवैध घुसपैठ पर किसी भी चर्चा में चीन का भी ऐसी ही बात कहना कई चिंताओं को जन्म देता है। इसकी वजह है कि डोकलाम विवाद के बाद चीन ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगा हुआ है। साथ ही उसने भूटानी क्षेत्र के कई किलोमीटर अंदर डोकलाम पठार के नजदीक गांवों और सड़कों का निर्माण भी किया है।साथ ही उसने भूटानी क्षेत्र के कई किलोमीटर अंदर डोकलाम पठार के नजदीक गांवों और सड़कों का निर्माण भी किया है।

भूटानी पीएम ने कहा था कि भूटान में चीनी निर्माण के बारे में मीडिया में बहुत सारी जानकारी आ रही है। ये हमारे लिए बड़ी बात नहीं है क्योंकि वे भूटान में नहीं हैं।विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के न्योते पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन से पांच अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। राजा की यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की पंरपरा के तहत हो रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान करीबी मित्रता और सहयोग को साझा करते हैं जो समझ और आपसी विश्वास पर आधारित है।विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और भूटान करीबी मित्रता और सहयोग को साझा करते हैं जो समझ और आपसी विश्वास पर आधारित है। शेरिंग ने कहा था कि हमने इसे स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई घुसपैठ नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है और हम ठीक-ठीक जानते हैं कि हमारा क्या है।प्रधान मंत्री ने कहा था कि हमारी चीन के साथ सीमा पर समस्या बड़ी नहीं है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों का अभी तक सीमांकन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा था कि एक या दो और बैठकों के बाद, हम शायद एक विभाजन रेखा खींचने में सक्षम होंगे।

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