वर्तमान में जुराबगंज का कोढ़ा गैंग लोगों को दहला रहा है! अक्सर आपको खबरें सुनने को मिलती होंगी कि बाइक में सवार कुछ लोगों ने चेन झपट ली, पार्किंग में कार खड़ी थी चोरी कर ली गई, या फिर बैंक से पैसे निकालने आए लोगों के पास से लूटपाट कर ली गई। ये खबरें हर दूसरे दिन अखबारों और टेलीविजन की सुर्खियां होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कौन है जो इस तरह की लूटपाट को अंजाम दे रहा है। आज हम आपको लेकर चलेंगे बिहार के जुराबगंज जहां चोरों का एक पूरा गांव है। जहां 300 घरों में सिर्फ लुटेरे ही रहते हैं। कोढ़ा गैंग। ये नाम शायद आपके लिए नया हो, लेकिन इनके काम वहीं हैं जो हम रोज सुनते हैं। बिहार के कटिहार के जुराबगंज से निकला ये गैंग पूरे देश में दहशत फैलाने का काम कर रहा है। जुराबगंज में कीचट जाति के लोग रहते हैं। करीब 30-40 साल पहले ये राजस्थान से आकर यहां बस गए थे। गरीबी और पैसे की कमी के मारे इन्होंने पहले छोड़ी मोटी चोरियां करनी शुरू की, लेकिन पिछले कुछ सालों में ये पूरी तरह से व्यवस्थित होकर लूट को अंजाम दे रहे हैं।
इस इलाके के आसपास रहने वाले लोग कोढ़ा गैंग के अच्छी तरह से वाकिफ हैं। कहते हैं इस गांव के आसपास से निकलने वाले को भी ये लोग नहीं छोड़ते। आप ये जानकर शायद दंग रह जाए कि इस गांव में बच्चे के पैदा होने के साथ ही ये तय हो जाता है कि ये चोरी और लूटपाट को अंजाम देगा। इस गांव में बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। नए लड़कों को सिखाएं जाते हैं चोरी, बदमाशी और लूटपाट के गुर। जुराब गंज का कोढ़ा इलाका अक्सर सुर्खियों में आ जाता है। करीब 5000 लोगों की आबादी वाले इस गांव की कमाई का जरिया सिर्फ चोरी है। यहां 300 घर हैं और सोचिए हर घर में रहने वाले लोगों के लोगों के खिलाफ केस दर्ज हैं। पहले ये गैंग सिर्फ बिहार तक सीमित था। ये बिहार की ट्रेनों में लूटपाट करते थे। जो ट्रेन इस इलाके से गुजरती थी उस ट्रेन में बैठे लोगों का सामान गायब होना तय था। दरअसल ये लोग ट्रेनों में घुस जाते थे और सोते हुए लोगों का सामान चुरा लेते थे। इसी तरह बैंक के आसपास भी कोढ़ा गैंग के लोग मंडराते रहते थे। जैसे ही कोई बैंक से पैसा निकालकर बाहर आता था, बाइक में सवार ये लोग उसका पैसा लूट लेते थे।
बिहार में कोढ़ा गैंग की वारदात इतनी बढ़ चुकी थी कि हर थाने में इस गांव के लोगों के खिलाफ केस दर्ज थे और इसलिए धीरे-धीरे इन्होंने बिहार से बाहर निकलना शुरू किया। इस गांव के लड़के उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली को भी अपना निशाना बनाने लगे। अंदाज वही था बाइक में लूट करने का। ज्यादातर ये दो-तीन लोग मिलकर लूट को अंजाम देते हैं, ताकी एक दूसरे को सूचना दे सकें।
इस गैंग के ज्यादातर लोग एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं। यहां तक कि ये किसी भी राज्य में रहे चोरी की ट्रेनिंग के लिए अक्सर जुराबगंज जाते हैं। इस गांव के पुराने चोर या फिर बड़े बुर्जुगों की बात मानना इनके नियम का एक हिस्सा होता है।शायद आपके लिए नया हो, लेकिन इनके काम वहीं हैं जो हम रोज सुनते हैं। बिहार के कटिहार के जुराबगंज से निकला ये गैंग पूरे देश में दहशत फैलाने का काम कर रहा है। जुराबगंज में कीचट जाति के लोग रहते हैं। करीब 30-40 साल पहले ये राजस्थान से आकर यहां बस गए थे। गरीबी और पैसे की कमी के मारे इन्होंने पहले छोड़ी मोटी चोरियां करनी शुरू की, लेकिन पिछले कुछ सालों में ये पूरी तरह से व्यवस्थित होकर लूट को अंजाम दे रहे हैं। ये गैंग सिर्फ बिहार तक सीमित था। ये बिहार की ट्रेनों में लूटपाट करते थे। जो ट्रेन इस इलाके से गुजरती थी उस ट्रेन में बैठे लोगों का सामान गायब होना तय था। दरअसल ये लोग ट्रेनों में घुस जाते थे और सोते हुए लोगों का सामान चुरा लेते थे। इसी तरह बैंक के आसपास भी कोढ़ा गैंग के लोग मंडराते रहते थे। जैसे ही कोई बैंक से पैसा निकालकर बाहर आता था, बाइक में सवार ये लोग उसका पैसा लूट लेते थे।इनका मानना है कि संगठित तरीके से क्राइम करेंगे तो कोई नहीं पकड़ सकेगा। गोपालगंज कल ही कोढ़ा गैंग के 4 लोग गिरफ्तार हुए हैं। अक्सर इनकी गिरफ्तारियां होती रहती हैं, लेकिन फिर इनके ही गैंग के लोग इनकी जमानत करवा लेते हैं और बाहर निकलते ही ये फिर जुट जाते हैं अपने काम पर।