हाल ही में मणिपुर में सैनिकों पर फायरिंग होने की खबरें सामने आई है! कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा से पहले हिंसा की बड़ी प्लानिंग को सेना ने नाकाम कर दिया। गुरुवार सुबह हरावठेल इलाके में हथियारबंद दंगाइयों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। भारतीय सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सुबह करीब 5.30 बजे बिना उकसावे के फायरिंग की सूचना मिलने पर सेना की टुकड़ी फौरन वहां के लिए रवाना हो गई। रास्ते में सेना के काफिले पर हथियारबंद दंगाइयों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। सेना ने नियंत्रित जवाबी फायरिंग की ताकि कोई कोलैटरल डैमेज न हो। सैनिकों की तेज कार्रवाई के चलते दंगाइयों को फायरिंग बंद कर वहां से भागना पड़ा। सेना के अनुसार, कुछ लोगों के मारे जाने की अपुष्ट रिपोर्ट्स हैं। इलाके में बड़े पैमाने पर भीड़ जुटने की रिपोर्ट्स भी सेना को मिली हैं। राहुल को 29 और 30 जून को मणिपुर का दौरा करना था। वह गुरुवार दोपहर इंफाल पहुंचे। सड़क मार्ग से ही चुराचांदपुर के लिए बढ़ रहे थे मगर बिष्णुपुर चेकपोस्ट पर पुलिस ने काफिला रोक दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया। उन्होंने बताया कि बिष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए।
काफिले के रोके जाने के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद राहुल गांधी बिष्णुपुर से वापस इंफाल एयरपोर्ट जाने लगे। वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में जाएंगे।काफिले के रोके जाने के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद राहुल गांधी बिष्णुपुर से वापस इंफाल एयरपोर्ट जाने लगे। वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में जाएंगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के. मेघचंद्र सिंह ने कहा कि ‘मैंने सुना है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने सड़कें बंद करने के निर्देश भी दिए हैं। वे इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। वे केवल यह कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहे।’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के. मेघचंद्र सिंह ने कहा कि ‘मैंने सुना है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने सड़कें बंद करने के निर्देश भी दिए हैं। राहुल को 29 और 30 जून को मणिपुर का दौरा करना था। वह गुरुवार दोपहर इंफाल पहुंचे। सड़क मार्ग से ही चुराचांदपुर के लिए बढ़ रहे थे मगर बिष्णुपुर चेकपोस्ट पर पुलिस ने काफिला रोक दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया। उन्होंने बताया कि बिष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए।वे इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। वे केवल यह कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहे।’
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। राहुल को 29 और 30 जून को मणिपुर का दौरा करना था। वह गुरुवार दोपहर इंफाल पहुंचे। सड़क मार्ग से ही चुराचांदपुर के लिए बढ़ रहे थे मगर बिष्णुपुर चेकपोस्ट पर पुलिस ने काफिला रोक दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया। उन्होंने बताया कि बिष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए। में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।