शरीर में विटामिंस की कमी के कारण कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती है, इन्हें दूर करने के लिए हमारे शरीर में पर्याय मात्रा में विटामिंस होने चाहिए! शरीर को स्वस्थ और फिट बने रहने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की रोजाना आवश्यकता होती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना ऐसा भोजन करने की सलाह देते हैं जो शरीर की इन आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति कर सके। अंगों को स्वस्थ रखने और संपूर्ण शरीर को काम करते रहने के लिए विटामिन्स, खनिज और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है।
विटामिन्स की आवश्यकताओं में अक्सर हम विटामिन सी-डी की जरूरतों और इसकी कमी से होने वाली समस्याओं के बारे में सुनते आ रहे हैं, पर सिर्फ इन्हीं विटामिन्स से काम नहीं चलेगा। विशेषज्ञ बताते हैं, शरीर को बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए विटामिन-के की भी उतनी ही आवश्यकता होती है।
रक्त के जमाव की प्रक्रिया में विटामिन-के की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रक्त के थक्के जमने की प्रक्रिया शरीर के अंदर और बाहर अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने में मदद करती है। वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि विटामिन-के हड्डियों को बढ़ने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए भी आवश्यक होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सभी उम्र के लोगों को रोजाना विटामिन-के वाली चीजों का सेवन करते रहना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पुरुषों के लिए 120 माइक्रोग्राम (एमसीजी) और महिलाओं के लिए 90 एमसीजी की मात्रा में रोजाना इस पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। आहार के साथ फूड सप्लीमेंट्स के माध्यम से शरीर की इन जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सकता है।
शरीर में विटामिन-के की कमी के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसमें चोट लगने पर अधिक रक्तस्राव का जोखिम सबसे अधिक होता है। कुछ संकेतों के माध्यम से शरीर में होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव के लक्षणों की पहचान की जा सकती है।
आसानी से चोट लगना।
नाखूनों के नीचे दिखाई देने वाले रक्त के थक्के।
मल का रंग गहरा काला होना या मल से खून आना।
चोट लगने बाद आसानी से रक्तस्राव ठीक न हो पाना।
सामान्यतौर पर विशेषज्ञ विटामिन-के की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए स्वस्थ और पौष्टिक चीजों के अधिक सेवन पर जोर देते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल, लेट्यूस और ब्रोकली, वनस्पति तेल, मांस-पनीर, अंडे, चने और सोयाबीन आदि में इस विटामिन की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है। आहार में इन चीजों को शामिल करके आसानी से इस विटामिन की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
यदि वयस्कों में विटामिन-के की कमी को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बन सकता है, जो खतरनाक हो सकता है। रक्तस्राव (इंट्राक्रैनील रक्तस्राव) का बहुत लंबे समय तक जारी रहना या समय पर इसका इलाज न हो पाना मस्तिष्क की क्षति या मृत्यु तक का भी कारण बन सकती है। इस खतरे से बचे रहने के लिए रोजाना इस विटामिन का सेवन अवश्य सुनिश्चि करें।विटामिन K की शरीर में सबसे ज्यादा जरूरत रक्त का थक्का बनाने के लिए होती है। अगर विटामिन K शरीर में न हो तो चोट लगने पर रक्त का थक्का न बनने की वजह से सारा खून शरीर से बाहर निकल जाएगा। विटामिन K हड्डियों को मज़बूत करता है। यह बल्ड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही, दिल की बीमारियों से भी महफूज़ रखता है। विटामिन K की कमी की वजह से एनीमिया की बीमारी हो सकती है। शरीर को रोजाना लगभग 90 माइक्रोग्राम विटामिन K लेने की जरूरत होती है। इससे अधिक मात्रा में लेने से खून पतला हो सकता है, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। विटामिन K शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखता है। यह रक्त जमने की प्रक्रिया में शामिल जीएलए प्रोटीन, मिनरल और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों को सक्रिय करके शरीर में रक्त का जमाव होने से रोकता है।
विटामिन K वसा में घुलनशील विटामिन है, इसमें प्रोथ्रोम्बिन नाम का प्रोटीन होता है, जो खून में थक्का नहीं बनने देता। यह विटामिन रक्त में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे हड्डी मजबूत होती है। बॉडी में विटामिन के का स्तर संतुलित होना जरूरी है। विटामिन के की कमी को डाइट में कुछ चीज़ों को शामिल करके आसानी से पूरा किया जा सकता है। अतः इन विटामिंस के द्वारा हम अपने शरीर को और भी स्वस्थ बना सकते हैं!