हाली के दिनों में महाराष्ट्र का फॉक्सकॉन वेदांत प्रोजेक्ट गुजरात में स्थापित हो चुका है! वेदांता लिमिटेड ने गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने की फैक्टरी लगाने की घोषणा की है। कंपनी यह फैक्टरी ताइवान की फॉक्सकॉन के साथ मिलकर स्थापित करेगी जिस पर 20 अरब डॉलर की लागत आएगी। वेदांता को इस फैक्टरी को लगाने के लिए गुजरात सरकार से पूंजी खर्च और सस्ती बिजली पर वित्तीय और गैर वित्तीय सब्सिडी मिली है। इस परियोजना के तहत अहमदबाद के नजदीक डिस्पले और सेमीकंडक्टर की फैक्टरी शुरू की जाएगी। गांधीनगर में मंगलवार को आयोजित समारोह में रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। अब गुजरात में हो रहे इस निवेश को लेकर सियासत तेज हो गई है क्योंकि इस निवेश के लिए एमवीए सरकार के साथ कंपनियों की बात हुई थी।
इस प्रोजेक्ट को पहले महाराष्ट्र में स्थापित करने का प्रस्ताव था और पिछली महा विकास आघाडी सरकार ने इस संबंध में फॉक्सकॉन के साथ कई दौर की चर्चा भी की थी। तापसे ने कहा कि पहले की महागठबंधन सरकार ने निवेश के लिए फॉक्सकॉन के साथ बातचीत शुरू की थी और पुणे के पास तालेगांव को परियोजना लगाने के लिए चुना गया था। उन्होंने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की पिछली गठबंधन सरकार ने वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना को सर्वोत्तम प्रोत्साहन देने की पेशकश की थी ताकि स्थानीय युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार और कंपनियों के साथ प्रॉजेक्ट फाइनल हो चुका था। जुलाई 2022 में वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। कंपनी के अधिकारियों ने तालेगांव फेज IV में 1,000 एकड़ से अधिक की जमीन भी देखी। बात फाइनल थी, फिर अचानक से प्रॉजेक्ट गुजरात में फाइनल हो गया। अब सरकार की भी समझ में नहीं आ रहा कि उन लोगों से प्रॉजेक्ट लाने में कहां चूक हुई? एमवीए सरकार का दावा है कि उनकी सरकार में प्रॉजेक्ट 90 पर्सेंट फाइनल था। शिंदे की सरकार आगे बात नहीं संभाल पाई और पीएम मोदी के सामने समर्पण कर दिया।
दोनों कंपनियां गुजरात में यह संयंत्र लगाने पर 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे एक लाख रोजगार पैदा होंगे। यह निवेश स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह अबतक का सबसे बड़ा कॉरपोरेट निवेश बताया जा रहा है। सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कारों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है। इसका निर्माण फिलहाल भारत में नहीं किया जाता है। दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी चिप का आठ प्रतिशत ताइवान में बनता है। इसके बाद चीन और जापान का स्थान है। आगामी संयंत्र से भारत में चिप निर्माण की शुरुआत होगी। यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अन्य देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी। 1,54,000 करोड़ रुपये के निवेश से 94,000 करोड़ रुपये डिस्प्ले विनिर्माण इकाई की स्थापना में खर्च होंगे, जबकि 60,000 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए निवेश किए जाएंगे।
महाराष्ट्र के एक लाख लोगों को रोजगार देने वाला और 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश से पुणे के पास तलेगांव में स्थापित होने वाला वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट महाराष्ट्र के बजाए गुजरात में लगाए जाने की खबर के बाद महाराष्ट्र में सियासी गर्मागर्मी बढ़ गई है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह सरकार खुद के लिए खोखे और महाराष्ट्र के लिए धोखे निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देने होगा कि यह अचानक गुजरात क्यों चली गई। इसका मतलब यह है कि उद्योगपतियों को इस सरकार पर भरोसा नहीं है।
वहीं एनसीपी नेता जयंत पाटील ने सवाल उठाया कि महाराष्ट्र के एक लाख युवक-युवतियों का रोजगार गंवाने के लिए सीएम और डिप्टी सीएम माफी मांगेगे क्या? उन्होंने कहा कि गुजरात में अगले कुछ महीनों में चुनाव हैं, इसलिए बीजेपी गुजरात के हित संभालने में लगी है। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने कह कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस परियोजना से जुड़ी लगभग 90 प्रतिशत चीजों को फाइनल कर लिया था, लेकिन जैसे ही राज्य में सरकार बदली, यह परियोजना गुजरात चली गई।
एमवीए के आरोपों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार ने इस परियोजना को लेकर सहयोग नहीं किया। शिंदे ने कहा कि वह परियोजना के गुजरात चले जाने पर आरोप-प्रत्यारोप के खेल में नहीं पड़ना चाहते। उन्होंने विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करने की भी सलाह दी। शिंदे ने कहा कि वेदांता समूह ने कहा है कि वह महाराष्ट्र में आईफोन और टीवी विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में एक विशाल परियोजना स्थापित होने का आश्वासन दिया है।