क्या अमेरिका अपनाएगा वैश्वीकरण की नीति!

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अमेरिका अपनी ग्लोबलाइजेशन की रणनीति पर काम कर रहा है! जापान में अमेरिकी राजदूत रहम इमानुएली ने कहा है कि इस समय अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यवस्‍था के भविष्‍य को लेकर जो बहस जारी है, वह पूरी तरह से झूठी है। कुछ लोगों को भरोसा है कि अब कोविड के पहले वाली जो अर्थव्‍यवस्‍था थी वह वापस आ चुकी है। जबकि यह बात पूरी तरह से गलत है। इमानुएली का कहना है कि महामारी से पहले जो व्‍यवस्‍था थी, उसका वापस आना मुश्किल है। रहम इमानुएली की मानें तो कोविड-19 महामारी ने अंतरराष्‍ट्रीय सप्‍लाई चेन की कमजोरियों को सामने लाकर रख दिया है। एक आर्टिकल में इमानुएली ने लिखा है कि हाल के वर्षों में कई ऐसे व्यवधान आए जिन्‍होंने वैश्विक एकीकरण के आसपास की अंतर्राष्ट्रीय सहमति को कमजोर कर दिया है।

उन्‍होंने कहा कि रूस की आक्रामकता ने यूरोप को पहले सबसे बड़े जमीनी युद्ध से सामना कराया। साथ ही अब यूरोप को अपनी ऊर्जा की जरूरतों के लिए एक ऐसे देश पर निर्भर रहना होगा जो किसी की नहीं सुनता है। दूसरी तरफ चीन अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों को ताक पर रखकर लगातार जबरदस्‍ती कर रहा है। जिन समझौतों पर चीन ने साइन भी किया था, उसकी वजह से सार्वजनिक असंतोष का माहौल बन गया।

चीन की जबरदस्‍ती और रूस का ऊर्जा को हथियार के तौर पर प्रयोग करना, इन दोनों ने ही नए तरीकों से जियोपॉलिटिक्‍स और अर्थव्‍यवस्‍था के बीच एक आपसी कनेक्‍शन सामने लाकर रख दिया है। इमानुएली की मानें तो अब वास्तविकता यही है कि दुनिया वैश्‍वीकरण के उस नए दौर से गुजर रही है जो नए सिद्धांतों पर आधारित है।

इमानुएली के मुताबिक अब नए सिस्‍टम के तीन सिद्धांत सामने आए हैं। लागत और क्षमता की दो प्राथमिकताएं पहले दौर में की खासियत थीं। अब स्थिरता और निरंतरता इसकी जगह ले रही है। महामारी ने जो नए खतरे सामने लाकर रखे और यूक्रेन के युद्ध के बाद रूस पर जो आर्थिक प्रतिबंध लगे, उन्‍होंने राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक निरंतरता पर खासा जोर दिया। एक अस्थिर दुनिया में सबसे मजबूत अर्थव्‍यवस्‍था वाले वो देश होंगे जो कानून को मानते हुए सर्वोच्‍च स्‍तर पर स्थिरता प्रदान कर सकें।

उन्‍होंने उन खबरों का हवाला दिया जिसमें भारत में आईफोन का उत्‍पादन होने की बातें कही गई हैं। इमानुएली ने जो दूसरा सिद्धांत बताया है उसके तहत ऊर्जा एक रणनीतिक संपत्ति होगी न कि सिर्फ एक संसाधन की तरह इसे प्रयोग किया जाएगा। ऊर्जा सुरक्षा अगले 30 सालों तक वह भरोसा है जिस पर बाजार निर्भर करेगा। साथ ही यह अर्थव्‍यवस्‍था का वह हथियार होने वाला है जो अमेरिकी हितों को और समृद्ध बनाएगा।

साथ ही अमेरिका अपने दोस्‍तों को जीत सकेगा और दुश्‍मनों पर अपना प्रभाव कायम कर सकेगा। उनका कहना था कि रूस ने ऊर्जा को हथियार की तरह प्रयोग किया है। अब वह यूरोप तक इसकी सप्‍लाई को रोकन चाहता है। इमानुएली के मुताबिक साल 1970 में ओपेक से पहले भी इस तरह की स्थितियों को देखा था लेकिन रूस अब पुरानी कहानी को बहुत ही बेदर्दी से दोहरा रहा है।

रूस पर से अब पर्दा हट चुका है और अब उसे आर्थिक जबरदस्‍ती करने के लिए ऊर्जा तक पहुंचने के लिए नई रणनीति अपनानी होगी। यूरोप की जरूरत के समय अमेरिका जो कि एक भरोसेमंद साथी है, वह सामने आया है। उन्‍होंने कहा कि रिन्‍यूबल एनजी में निवेश को बढ़ाना, मिनी न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर्स, हाइड्रोजन फ्यूल और ऊर्जा का ढांचा, हाल ही में इन सबको संभव कर दिया गया है। अमेरिका ने इनफ्लेशन रिडक्‍शन एक्‍ट और इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर लॉ के बाद कई बातों को संभव कर दिखाया है।

इमानुएली के मुताबिक तीसरा सिद्धांत अंतरराष्‍ट्रीय अर्थव्‍यवस्‍था के आंकड़े को फिर से ठीक करना है। पहले टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर, फिर दूसरे उद्योगों में ऐसर करना होगा। अमेरिका इस समय यही कर रहा है। उनका कहना है कि अमेरिका हर तरह से अर्थव्‍यवस्‍था के लिए सबसे अच्‍छी जगह है। साल 2019 में अमेरिका-जापान के साथ समझौता कर यह संदेश दुनिया को दिया गया था कि अमेरिका कानूनों को मानने वाला देश है। अगर नियमों को जरूरी नहीं किया गया तो फिर चीन हर जगह कब्‍जा कर लेगा। रहम इमानुएली का मानना है कि अमेरिका के पास वह मौका है जिसके तहत वह भविष्‍य को संवार सकता है।इमानुएली के मुताबिक तीसरा सिद्धांत अंतरराष्‍ट्रीय अर्थव्‍यवस्‍था के आंकड़े को फिर से ठीक करना है। पहले टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर, फिर दूसरे उद्योगों में ऐसर करना होगा। अमेरिका इस समय यही कर रहा है। उनका कहना है कि अमेरिका हर तरह से अर्थव्‍यवस्‍था के लिए सबसे अच्‍छी जगह है। साल 2019 में अमेरिका-जापान के साथ समझौता कर यह संदेश दुनिया को दिया गया था कि अमेरिका कानूनों को मानने वाला देश है।