क्या बिहार में अमित शाह लगाएंगे सेंध?

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बिहार में अमित शाह सेंध लगा सकते हैं! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंपारण के दौरे के बाद अपना किला मजबूत कर लिया है। अब उनकी तैयारी नीतीश के गढ़ में सेंध मारने की है। अमित शाह ने 25 फरवरी को पश्चिम चंपारण के लौरिया में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए जेडीयू और आरजेडी गठबंधन को बेमेल बताया था। अमित शाह ने कहा था कि इस बेमेल गठबंधन में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ‘पानी’ है तो लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल ‘तेल’ की तरह है। उन्होंने यह भी कहा कि पानी यानी नीतीश की पार्टी नीचे है और तेल यानी लालू प्रसाद यादव की पार्टी ऊपर छलक रही है। इसका मतलब यह है कि मुख्यमंत्री भले ही नीतीश कुमार हैं लेकिन शासन लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल चला रही है। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार अब मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर बिहार का दौरा कर सकते हैं। सितंबर 2022 में जब अमित शाह बिहार के सीमांचल इलाके में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे तब उन्होंने खुद कहा था कि वह अब हर महीने बिहार आएंगे। अमित शाह ने यह भी कहा था कि बीजेपी के लिए अब बिहार जीतना पहले से आसान हो गया है। क्योंकि अब सत्ता जंगलराज के रचयिता और भ्रष्टाचारियों के हाथ में चली गई है। बिहार की जनता नीतीश कुमार की ऐसी सरकार को अब देखना नहीं चाहती। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि मार्च के महीने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। सूत्र ने बताया कि गृह मंत्रालय से इशारा मिलते ही तारीख भी तय कर दी जाएगी। बीजेपी के सूत्र ने बताया कि इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में रखा जा सकता है। बताया गया कि नवंबर 2022 में ही अमित शाह का कार्यक्रम नालंदा में कराया जाना था। लेकिन पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव की वजह से नवंबर-दिसंबर में केंद्रीय गृह मंत्री का आना संभव नहीं हो सका था। अब मार्च में अगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा होगा तो नालंदा में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक दिवसीय बिहार दौरे के बाद दिल्ली लौटने से पहले बिहार कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक भी की थी। बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों को संगठन को और ज्यादा मजबूत करने के लिए उन्होंने आवश्यक निर्देश दिया। इसके अलावा अब प्रदेश में तमाम मोर्चे को और भी ज्यादा सशक्त करने का भी निर्देश कोर कमेटी के सदस्यों को दिया है। अमित शाह के निर्देश के बाद बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पिछड़ा अति पिछड़ा मोर्चा को सशक्त करने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की। जिसमें बिहार बीजेपी संगठन के महामंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव समेत कई नेता शामिल हुए।

भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने बताया कि बिहार कोर कमेटी के साथ बैठक में अमित शाह ने सभी सदस्यों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोर कमेटी के सभी सदस्यों को बिहार के एक-एक लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है। कोर कमेटी के सदस्य अपने लोकसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर चल रहे कार्य की लगातार समीक्षा करेंगे। उस लोकसभा क्षेत्र के लोगों की समस्या को जानने की कोशिश करेंगे और उसके निदान की व्यवस्था करेंगे। बूथ को और मजबूत करने के साथ प्रत्येक बूथ पर सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान भी पार्टी के स्थापना दिवस यानी 6 अप्रैल से शुरू किया जा सकता है।कोर कमेटी के सदस्य अपने लोकसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर चल रहे कार्य की लगातार समीक्षा करेंगे। उस लोकसभा क्षेत्र के लोगों की समस्या को जानने की कोशिश करेंगे और उसके निदान की व्यवस्था करेंगे। बूथ को और मजबूत करने के साथ प्रत्येक बूथ पर सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। बताया गया कि फिलहाल देशभर में बीजेपी के 17 करोड़ सदस्य हैं और बिहार में तकरीबन डेढ़ करोड़ बीजेपी के सदस्य बने हुए हैं। सूत्र का कहना है कि डेढ़ करोड़ सदस्यों की सदस्यता के रिन्यूअल के साथ 50 लाख अतिरिक्त सदस्यों को जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है। यानी बिहार में सदस्यता अभियान के तहत बीजेपी का लक्ष्य 2 करोड़ से अधिक सदस्य बनाने का है। इसी प्रकार देश में 17 करोड़ सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 23 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।