यूपी में हरी हुए सीट पर बीजेपी फिर से सरकार बना सकती हैं! यूपी में हारी हुईं 14 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए भाजपा ‘लाभार्थियों’ के जरिए हर बूथ पर अपनी जमीन तैयार करेगी। इसके लिए भाजपा ने पहली बार मंडल और बूथ स्तर पर एक पुरुष और एक महिला की टीमें लगाई हैं, जिन्हें लाभार्थी प्रमुख नाम दिया गया है। ये टीमें घर-घर जाकर बताएंगी कि केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं ने उन्हें कैसे फायदा दिया। आगे भी ये योजनाएं कैसे उन्हें लाभ दिलवाती रहेंगी। इन सीटों में गाजीपुर, घोसी, नगीना, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, श्रावस्ती, अम्बेडकरनगर, लालगंज, जौनपुर, मैनपुरी, मुरादाबाद, संभल और रायबरेली शामिल हैं। हारी हुई सीटों को जिताने का जिम्मा खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संभाल लिया है। दोनों नेता एक-एक सीट पर खुद रैली करेंगे। नड्डा पहले चरण में 20 जनवरी को जौनपुर और गाजीपुर से रैली की शुरुआत करेंगे, जबकि शाह 26, 27 और 30 जनवरी को यूपी दौरे पर रहेंगे। 30 को शाह सहारनपुर से रैली की शुरुआत करेंगे। इसके बाद वह श्रावस्ती और अम्बेडकरनगगर में रैली करेंगे। बाद में सभी सीटों पर दोनों नेता जाएंगे। हारी हुई सीटों पर दो-दो केंद्रीय मंत्रियों की ड्यूटी भी लगाई जा चुकी है।
भाजपा और सहयोगी दलों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 64 सीटें जीती थीं। जून में हुए लोकसभा उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर सीट जीतने के बाद अब उनके पास 66 सीटें हैं। बची 14 सीटों पर लाभार्थियों से संवाद की योजना तैयार की गई है। लाभार्थी प्रमुखों की अलग-अलग टीमें हर गांव में जाएंगी। कुल 10 योजनाओं के हिसाब से 10 टीमें होंगी। इनके पास केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के नाम होंगे। गांवों में ये टीमें चौपाल लगाकर लाभार्थियों को चाय पर चर्चा के लिए बुलाएंगी। महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग चौपाल में लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनाई जाएगी। इसके बाद टीम के संयोजक बताएंगे कि अगर सभी गांवों के लोग भाजपा के साथ आते हैं तो कैसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनावों में लाभार्थियों ने भाजपा को काफी फायदा पहुंचाया था।इनके पास केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के नाम होंगे। गांवों में ये टीमें चौपाल लगाकर लाभार्थियों को चाय पर चर्चा के लिए बुलाएंगी। महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग चौपाल में लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनाई जाएगी। इसके बाद टीम के संयोजक बताएंगे कि अगर सभी गांवों के लोग भाजपा के साथ आते हैं तो कैसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इस वजह से केंद्रीय नेतृत्व की रिपोर्ट पर लोकसभा चुनाव के लिए लाभार्थी संवाद की यह योजना तैयार की गई है। इसमें लोकसभा क्षेत्र प्रभारी व संयोजक और विधानसभा क्षेत्र प्रभारी व संयोजक बनाए जा चुके हैं।दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनावों में लाभार्थियों ने भाजपा को काफी फायदा पहुंचाया था।
इनके पास केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के नाम होंगे। गांवों में ये टीमें चौपाल लगाकर लाभार्थियों को चाय पर चर्चा के लिए बुलाएंगी। महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग चौपाल में लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनाई जाएगी। इसके बाद टीम के संयोजक बताएंगे कि अगर सभी गांवों के लोग भाजपा के साथ आते हैं तो कैसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इस वजह से केंद्रीय नेतृत्व की रिपोर्ट पर लोकसभा चुनाव के लिए लाभार्थी संवाद की यह योजना तैयार की गई है। इसमें लोकसभा क्षेत्र प्रभारी व संयोजक और विधानसभा क्षेत्र प्रभारी व संयोजक बनाए जा चुके हैं। अब मंडल और बूथ स्तर पर संयोजक बनाकर गांव-गांव भेजे जा रहे हैं।
यूपी में लाभार्थियों की संख्या 5 करोड़ से ऊपर है।अब मंडल और बूथ स्तर पर संयोजक बनाकर गांव-गांव भेजे जा रहे हैं। यूपी में लाभार्थियों की संख्या 5 करोड़ से ऊपर है।इनके पास केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के नाम होंगे। गांवों में ये टीमें चौपाल लगाकर लाभार्थियों को चाय पर चर्चा के लिए बुलाएंगी। महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग चौपाल में लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे की कहानी उन्हीं की जुबानी सुनाई जाएगी। इसके बाद टीम के संयोजक बताएंगे कि अगर सभी गांवों के लोग भाजपा के साथ आते हैं तो कैसे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सकता है। लाभार्थी प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, जल-जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री सामाजिक सुरक्षा, मातृ वंदना, श्रम योगी मानधन, एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड, गरीब कल्याण अन्न योजना को लेकर संवाद करेंगे।