यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या बीजेपी 370 से अधिक सीट ला पाएगी या नहीं! क्या 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए को 400 सीटें आएंगी, पीएम मोदी के टारगेट पर अब प्रशांत किशोर ने चुप्पी तोड़ी है। राम मंदिर मुद्दे का कितना असर चुनावों में दिखेगा उन्होंने इस पर भी चुप्पी तोड़ी। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जिस समय INDI गठबंधन पर फैसला होना चाहिए उसे छोड़कर राहुल गांधी यात्रा कर रहे। वहीं नीतीश कुमार के बीजेपी संग जाने से क्या असर होगा इस पर भी प्रशांत किशोर ने रिएक्ट किया। प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर दो टूक कहा कि ये कोई नैरेटिव नहीं है। जातीय जनगणना से किसी को कोई फायदा नहीं मिलने जा रहा। वहीं एनडीए के 400 पार के नारे को भी उन्होंने पब्लिक का नैरेटिव नहीं है। वो बीजेपी का चुनावी नारा है। इस चुनाव में नैरेटिव पीएम मोदी हैं, वो कैसे काम करते हैं इस पर वोटरों की निगाहें रहेंगी। राहुल गांधी की यात्रा पर प्रशांत किशोर ने कहा कि यात्राओं का एक अपना महत्व है। यात्रा से पब्लिक कनेक्ट का कुछ न कुछ फायदा तो होता है। लेकिन यात्रा का फायदा चुनाव परिणाम में दिख जाए ये जरूरी नहीं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस देश में सबसे चर्चित यात्रा लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या की रही। हालांकि, उससे बीजेपी को मजबूती तो मिली लेकिन चुनाव में उस तरह से फायदा नहीं मिला। इसी तरह उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भले ही कांग्रेस को कर्नाटक और तेलंगाना में फायदा मिला, लेकिन एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। अब राहुल गांधी की जो दूसरी यात्रा चल रही इसका कोई बड़ा फायदा उन्हें मिलता नहीं दिख रहा। अब उनकी ये यात्रा की टाइमिंग गलत है। आप इंडी अलायंस के साथ होने चाहिए, किसे टिकट मिलेगा, क्या सीट शेयरिंग फॉर्मूला होगा इस पर चर्चा करनी चाहिए तो वो यात्रा में व्यस्त हैं। ऐसे में उनकी इस यात्रा की टाइमिंग पर सवाल उठना लाजमी है।इंडिया गठबंधन सही समय पर नहीं बना। इस गठबंधन के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए थी। 2024 चुनाव की तैयारी बीजेपी ने काफी पहले से शुरू कर दी थी। यही वजह है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम ठीक चुनाव से पहले रखा गया। इसके लिए केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही प्लानिंग की होगी।
प्रशांत किशोर ने किसान आंदोलन पर भी रिएक्ट किया। उनसे एक छात्र ने सवाल किया कि क्या ये आंदोलन राजनीतिक तौर पर प्रभावित है तो उन्होंने साफ कहा कि ऐसा है। चुनाव के दौरान अगर कोई आंदोलन हो रहा तो कुछ असर जरूर होगा। उन्होंने कहा कि मेरा किसी भी पॉलिटिकल पार्टी या नेता से कोई संबंध नहीं है। पीएम मोदी के 370 टारगेट पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा। अगर ऐसा होता है तो मैं शॉक्ड जरूर होऊंगा।
आगामी चुनाव में क्या कांग्रेस 100 पार करती दिख रही, प्रशांत किशोर ने दो टूक कहा कि ऐसा लग नहीं रहा। कांग्रेस की सीटें बढ़ने की संभावना नहीं, हालांकि, उनकी सीटें घट सकती हैं। बीजेपी के अकेले 370 सीट के टारगेट पर पीके ने कहा कि मुझे लगता है कि इसकी संभावना जीरो है। ये टारगेट अमित शाह ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए सेट किया है। बंगाल में बीजेपी को अच्छी सीटें आ सकती हैं। दक्षिण के राज्यों में बीजेपी को फायदा मिल सकता है। खास तौर पर तमिलनाडु में इनका वोट शेयर बढ़ सकता है। हालांकि, सीट पर उन्होंने साफ तौर पर कुछ नहीं कहा।
प्रशांत किशोर ने इस दौरान कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के चेहरे 10-15 साल में बदलने चाहिए।ऐसे में उनकी इस यात्रा की टाइमिंग पर सवाल उठना लाजमी है।इंडिया गठबंधन सही समय पर नहीं बना। इस गठबंधन के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए थी। 2024 चुनाव की तैयारी बीजेपी ने काफी पहले से शुरू कर दी थी। यही वजह है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम ठीक चुनाव से पहले रखा गया। इसके लिए केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही प्लानिंग की होगी। बिहार, बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल समेत कई राज्यों में पार्टी 2019 के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी। हालांकि, उन्होंने ये दो टूक कहा कि ऐसा नहीं कि कोई मोदी को चुनौती नहीं दे सकता। हालांकि, 2024 में पीएम मोदी को हराना आसान नहीं।